मुझे याद आता है अपना बचपन. मैं अपने बचपन के दौर में था और कपिल पाजी अपने करियर के सर्वोच्च शिखर पर थे. जब भी कपिल पाजी कुछ करते हैं उसमे कुछ न कुछ नयापन और समाज को डिलीवर करने का अपना एक अलग अंदाज होता है. एक नयी लीग सुनने के बाद यह तो पता चल ही जाता है कि यह खेल से ही जुड़ा मामला होगा. यक़ीनन यह क्रिकेट के उत्थान के लिए ही उठाया गया कदम प्रतीत होता है.
विडियो में धोनी और युवराज जैसे दिग्गजों का नाम लेना यह दर्शाता है कि इसमें बड़ी बड़ी हस्तियाँ शामिल रहेंगे. कपिल शर्मा का इससे जुड़ा होना मतलब सिने स्टार, स्पोर्ट्स स्टार सब इसमें शामिल रहेंगे. लेकिन एक वीडियो में यह जिक्र करना कि जब मै अमरीका गया और वहां बताया कि ३०० की संख्या में जिस खेल को खेलनेवाले का चयन विश्व के शीर्षस्थ 20 खिलाडियों में होता है अर्थात अगर इस खेल को बड़े पैमाने पर खेला जाय तो आश्चर्यजनक परिणाम हो सकते हैं. इससे यह पता चलता है कि एक नयी लीग ऐसी प्रतिभा को ढूंढ कर तराशने का काम करेगी जो भविष्य में देश का नाम रौशन करेगा. क्रिकेट के इस महानायक की यह पहल शायद उन बच्चों या उन खिलाडियों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है जिन्होंने सपने तो देखे हैं लेकिन सपनों को सजाने के लिए, उसे हकीकत में बदलने के लिए उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. आज आईपीएल को देखो यह जबसे आया, छोटे क्रिकेटर को भी मौका मिला, वे भी शोहरत की बुलदियों तक पहुँच गए. अगर आईपीएल नहीं होता तो शायद अचिंक्य रहाने कभी वर्ल्ड कप नहीं खेल पाते.
हमारे देश भारत की जमीं बहुत उर्वर है. उसी प्रकार यहाँ प्रतिभावान खिलाडियों की कोई कमी नहीं है. सिर्फ जरुरत है उनको ढूंढ़कर मौका देने की. अगर मेरा पूर्वानुमान सही है तो हो सकता है इस नयी लीग के बाद स्पोर्ट्स को भी अनिवार्य बना दिया जाय. एक क्रिकेटर के रूप में कपिल देव ने क्रिकेट के जो भी किया है वह किसी से भी छुपा नहीं है. उन्होंने देश को पहला विश्व कप दिलाया.
युवराज सिंह का जिक्र एक योद्धा के रूप में किया गया है. युवराज के साथ जो कुछ भी हुआ, वह किसी से भी छुपा नहीं है. जिस प्रकार उसने कैंसर को हराकर पुनः क्रिकेट के मैदान में आकर तहलका मचा दिया और सबसे आईपीएल 8 की सबसे बड़ी नीलामी युवराज के नाम की हुई. वाकई युवराज का यह जज्बा काबिले तारीफ है.
अगर दिल से खेला तो हो जाओगे हिट विकेट यानि सिर्फ दिल से काम नहीं चलेगा दिमाग भी लगाना पड़ेगा यानि यह लीग आसान नहीं होगा, थोडा कठिन होगा ऐसा लगता है. खैर जो भी मेरा अनुमान सही हो या गलत लेकिन कपिल देव द्वारा उठाया गया कोई भी कदम खेल और देश के युवा के हित में होगा यह तो भरोसे से कहा जा सकता है. जय हो इस नयी लीग की!
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