Youth Inspiration Bhagat Singh Biography in Hindi युवा प्रेरणास्रोत भगत सिंह जीवनी
जैसे ही देशभक्त या देशभक्ति की बात आती है, सरदार भगत सिंह का नाम और उनकी कुर्बानी सहसा हमारे मन में आ जाती है. देश के कोने-कोने में उनके नाम पर स्कूल, कॉलेज, मार्गों के नाम, संस्थानों के नाम मिल जाते हैं. अपने अल्पवय में उन्होंने जो देश की आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया, वह अपने आप में अनोखा और अतुलनीय है. प्रस्तुत पोस्ट Youth Inspiration Bhagat Singh Biography in Hindi में शहीदे-आजम भगत सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालने का एक लघु प्रयास है.
आरंभिक जीवन
सरदार भगत सिंह का जन्म 27 सितम्बर,1907 को लायलपुर (पंजाब) के पास बंगा गांव में हुआ था. प्राथमिक शिक्षा के बाद उन्होंने डी.ए.वी. कालेज लाहौर में प्रवेश ले लिया. यहीं से उन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेना आरम्भ कर दिया. साइमन के विरोध जुलूस पर लाठी चार्ज से लाला लाजपत राय का निधन हो गया. सरदार भगत सिंह ने अपने कुछ साथियों के साथ लाठी चार्ज के जिम्मेदार जे.पी. सांडर्स ए.एस.पी. की हत्या कर दी. हत्या के बाद वह छदम वेश में लाहौर से बाहर निकल गये और पुलिस देखती ही रह गई. वे ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी’ के सक्रिय सदस्य थे.
इन्होने 8 अप्रैल, 1929 को बटुकेश्वर दत्त के साथ दिल्ली की एसेम्बली में बम फ़ेंक कर ब्रिटिश सत्ता को हिला दिया और स्वयं को गिरफ्तार करा दिया. उन्होंने स्वयं को गिरफ्तार इसलिए कराया जिससे कि मुकदमे में बहस के समय वह कचहरी के मंच से क्रांतिकारियों के आदर्शों व ब्रिटिश सरकार की क्रूरता को जग-जाहिर कर सकें. मुकदमे में सरदार भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू तीनों को फाँसी का दंड सुना दिया गया.
सर्वोच्च बलिदान की गाथा
23 मार्च, 1931 को इन तीनों वीरों को सायं सात बजे लाहौर की जेल में फाँसी दे दी गई. जेल के बाहर लगभग 20 हजार लोगों की भीड़ मंडरा रही थी. अतः जेल अधिकारियों ने तीनों के शवों के टुकड़े-टुकड़े कर जेल के पीछे नाली से बाहर धकेला और चोरी-छिपे ले जाकर रात्रि में ही सतलुज नदी के तट पर हुसैनी वाला पुल के निकट फूँक डाला. इनके सम्मान में 23 मार्च का दिन शहीदी दिवस घोषित किया जा चुका है.
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फाँसी के बाद सरदार भगत सिंह की यशधारा समस्त भारत में चरम सीमा पर थी .वह युवकों के हृदय-सम्राट बन गये. आज वह भारत ही कौन कहे विश्व के युवाओं के रोल मॉडल हैं. इस महान क्रांतिकारी और देशभक्त सपूत को बेहतरलाइफ़ डॉट कॉम की तरफ से कोटिशः नमन!
Nitin says
ye bht acha inspirational hai mujhe es se bht jyda motivate hua. asi chej post krne ke liye aap ko thanku.
Akash Sharma says
बोहोत अच्छा लेख लिखा हैं आपने भगत सिंह के बारे मैं लेकिन अपनी भगत सिंह और उनके साथयो पर जेल मैं हुए अत्यचारो और किस तरह से भगत सिंह ने 96 दिन का लम्बा उपवास रखा और क्यों भगत सिंह और उनके साथयो ने जेल मैं आंदोलन किया मुझे लगता हैं की ये बाते भी लेख मेने होनी चाहिए थी. मेने एक लेख शेयर किया हैं उसमे ये सभी बाते हैं कृपया एक बार पढ़े.
लेख शेयर करने के लिए बोहोत बोहोत ज्यादा धन्यवाद.