Albert Einstein Life Story in Hindi
अल्बर्टआइंस्टीन दुनिया के महानतम भौतिकशास्त्री थे. इनका जन्म 14 मार्च 1879 में जर्मनी में हुआ. अल्पायु में ही वे विचारक और अपने आप पर निर्भर थे. उन्होंने सबसे पहले एक पेटेंट दफ्तर में एक पेटेंट क्लर्क की नौकरी शुरू की. 1933 में वे की Advance Study Institute में नियुक्त हुए. वे मृत्युपर्यंत उस पद पर बने रहे. आइंस्टीन अपने गणितीय समीकरण E = mc2 के लिए दुनिया भर में प्रसिद्द हुए. उनके द्वारा दिया गया Special Theory of Relativity ( सापेक्षता का सिद्धांत) उन्हें महान वैज्ञानिकों की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया. 1905 में स्विस पेटेंट दफ्तर में काम करते हुए उन्होंने इस सिद्धांत के पेपर प्रस्तुत किया. इस सिद्धांत ने Modern Physics concepts की नीव बनने का काम किया.
Quantam Theory से लेकर Nuclear Power और Atom Bomb तक उनके सिद्धांतों का गहरा असर पड़ा. वे लगातार अपने सिद्धांतो हो उन्नत रूप देते रहे. काइनेटिक उर्जा से जुड़े सिद्धांत को भी उन्होंने और स्पष्ट किया. उनके द्वारा प्रतिपादित Photo electric effect का सिद्धांत अपनेआप में एक अनूठा सिद्धांत था. इसके लिए उन्हें 1921 में भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उनकी तुलना महान वैज्ञानिक और गणितज्ञ Sir Issac Newton से की जाती है. वर्ष 2000 में Time Magazine ने बींसवी सदी का शीर्षस्थ हस्ती करार दिया.
1919 में जब Astronomers ने Complete Solar Eclipse के दौरान उनके Special Theory of Relativity को परखा तो पहली बार दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने उन्हें नोटिस किया.
उनकी शादी मिलवा मैरिक से हुआ. उनसे दो पुत्र अल्बर्ट और एडुआइ हुए. 1914 में उनका तलाक हो गया. उसके बाद एल्सा से शादी हुई. 1936 में एल्सा चल बसीं.
आइंस्टीन न सिर्फ एक अच्छे वैज्ञानिक थे बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे. उन्होंने Adolf Hitler के जुर्म को सहा था. Germany में अनके घर को गिरवा दिया गया था. इस महान वैज्ञानिक के दुनिया के लोगों से शांति की अपील की. इनके कार्यों के लिए दुनिया भर में इन्हें मानद उपाधियाँ प्रदान की गयी. भारत के प्रसिद्द वैज्ञानिक Satyendra Nath Bose ने एक paper इनके पास भेजा. आइंस्टीन ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनके इस paper पर कुछ सुझाव दिए. बाद में इसे लोगों ने Bose-Einstein Condensate के रूप में जाना. इस महान वैज्ञानिक का निधन 18 अप्रैल 1955 (76 वर्ष ) को प्रिन्सटन, न्यू जर्सी में हो गया. इनके द्वारा दिए गए सिद्धांत आज भी science की तरक्की में मददगार साबित हो रही हैं.
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