You are Champion Hindi Story/तुम चैंपियन हो- हिंदी कहानी
यह कहानी पहाड़ों की है, लेकिन लागू हम सब पर होती है. कभी -कभी बहुत छोटी सी घटना हमें एक बहुत बड़ी सीख दे जाती है. जरुरत सिर्फ इस बात की है कि हम उसे समझें और अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें.

You are Champion Hindi Story
एक पिता और पुत्र पहाड़ों की सैर पर निकले. चलते- चलते अचानक पुत्र गिर पड़ा. पैरों में पत्थर से चोट लगने पर उसके मुंह से निकला,’ ओह पापा!’
तुरंत पहाड़ों में से आवाज आई – ‘ ओह पापा!’
पुत्र अचरज में पड़ गया. उसने फौरन पूछा – यह कौन है ?
सामने से वही सवाल आया ,’ यह कौन है ?’
पुत्र चिल्लाया, ‘मैं तुम्हारी प्रशंसा करता हूं !’
पहाड़ों से जवाब आया, ‘मैं तुम्हारी प्रशंसा करता हूं !’
अपनी बात की नकल करते देखकर पुत्र जोर से चिल्लाया, ‘डरपोक !’
जवाब मिला, ‘डरपोक !’
उसने बालक ने अपने पिता की ओर देखा और पूछा, ‘यह क्या हो रहा है ?’
पिता ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘बेटा, जरा ध्यान दो।’
इसके बाद पिता जोर से बोला, ‘तुम चैंपियन हो !’
जवाब मिला, ‘तुम चैंपियन हो !’
पुत्र को हैरानी हुई, लेकिन वह कुछ समझ नहीं सका.
इस पर उसके पापा ने उसे समझाया, ‘लोग इसे प्रतिध्वनि या गूंज ( इको ) कहते हैं, लेकिन वास्तव में यह जिंदगी है. जिस प्रकार से तुम्हारे द्वारा बोले गए अच्छे या बुरे वाक्य तुम्हें इको यानि गूंज के रूप में तुम्हें पुनः सुनाई दे रही थी. उसी तरह से हमारी जिन्दगी भी हमें हर चीज़ वापस लौटाती है. हम जो भी करते हैं या कहते हैं, वह हमें अपनी जिन्दगी में ही वापस मिल जाती है. हमारी जिंदगी हमारे कार्यों का ही प्रतिबिंब होती है.
अगर आप प्यार पाना चाहते हैं तो आपको बदले में प्यार देना भी पड़ेगा. यदि आप प्रेम बाटेंगें तो बदले में आपको भी प्रेम मिलेगा और यदि आप घृणा बाटेंगें तो आपको भी घृणा ही मिलेगा. अब निर्णय हमारे हाथों में है कि हम किसको चुनते हैं.
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