बाल-रोगों से संबंधित कुछ टिप्स
ज्वर : यदि बालकों को ज्वर हो, दस्त आता हो, खाँसी आती हो, साँस फूल रही हो तथा उलटी होती हो तो नागरमोथा, पीपल, अतीस और काकड़ासिंगी – इन चारों को कूट-पीस और छानकर शहद (मधु) में मिलाकर बालकों को चटाना चाहिये.
दस्त : सोंठ, अतीस, नागरमोथा, सुगधबाला और इन्द्र जौ- इन सबका काढ़ा बनाकर सुबह बालकों को पिलाना चाहिये.
हिचकी : कुटकी के चूर्ण को शहद में मिलाकर बालकों को चटाने से उनकी हिचकियाँ दूर होती हैं.
खाँसी: धनिया और मिस्री को पीसकर चावल के धोवन के साथ पिलाने से बच्चों की खाँसी दूर होती है.
उलटी : सोना गेरू को महीन पीसकर, शहद में मिलाकर बालकों को चटाने से उलटी, खाँसी दूर होती है.
बालकों का रोना और डरना : त्रिफला चूर्ण और पीपल (छोटी पीपल) के चूर्ण मिलाकर शहद में मिलायें और बालकों को चटायें. इससे रोना, डरना बंद हो जायगा.
बच्चे ने अगर मिट्टी खा लिया हो : पका केला शहद में मिलाकर खिलाना चाहिये.
पेट में कीड़े होने पर : प्याज का रस पिलाने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं.
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