प्रस्तुत पोस्ट How to Become Financially Independent/कैसे बनें आर्थिक रूप से स्वतंत्र में हम आर्थिक आजादी प्राप्त करने के कुछ उपायों पर बात करेंगे।
आज हर कोई आर्थिक आजादी चाहता है. कुछ इस तरह का उपाय करना चाहता है कि भविष्य में या रिटायरमेंट के बाद आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े. इस पोस्ट में इसी से जुड़े कुछ सुझाव दिए गए हैं.
1. अपनी कुल परिसंपत्तियों का आकलन करें (Calculate your net worth)
अपनी सभी तरह की संपत्तियों जैसे भविष्य निधि खाता यानि पी एफ, लघु बचत, मकान, म्यूच्यूअल फण्ड, सोना, नकद आदि का आकलन करें. अब अपने सभी प्रकार के कर्ज यानि होम लोन, कार लोन, क्रेडिट कार्ड लोन को उसमें घटा लें. यही आपका कुल परिसंपत्ति है. यह हमेशा कर्ज से ज्यादा होनी चाहिए. यह गणना प्रतिवर्ष करनी चाहिए.
2. अपने आर्थिक लक्ष्य को लिखें. (Write down you financial goals)
जीवन के अन्य लक्ष्यों की तरह अपने आर्थिक लक्ष्य को लिख कर रखें. एक मकान खरीदने का लक्ष्य, बच्चों की पढाई में होनेवाले खर्च का लक्ष्य, उनकी शादी में होनेवाले खर्च. इन्हें लिखकर रखने से हम बचत की तरफ ज्यादा ध्यान देते हैं और अपने लक्ष्य को पाने के लिये हमेशा तत्पर रहते हैं.
3. आपके पास जो भी है उसकी सुरक्षा करें (Protect what you have)
इसकी जरुरत सबसे ज्यादा उस समय होती है जब किसी की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है. अपनी जीवन बीमा को इस तरह से बनाये रखे कि ऐसी स्थिति में आपके परिवार के साथ साथ आपके assets भी सुरक्षित रहें. अपने जीवन बीमा में नॉमिनी जरुर रखें.
4. धन का उपार्जन करें (Create Wealth)
यदि अभी आपका मासिक खर्च 15000 रूपये प्रतिमाह है तो तीस साल बाद यह 60-65000 हजार रूपये प्रतिमाह होगा. यह सब मुद्रा स्फीति कि वजह से होता है. इसे ध्यान में रखते हुए आपको निवेश करते रहना होगा. इसलिए अपने वेतन को धन यानि वेल्थ में कन्वर्ट करें. तभी यह संभव हो पायेगा.
5. अपने ऋण की जांच करें ( Check your debts)
यदि आप पर कोई लोन चल रहा है. उसका व्याज दर 15 % है और आपका कोई फिक्स्ड डिपाजिट है जिसपर आपको 10 % का व्याज मिल रहा है तो बेहतर यह है कि आप अपना फिक्स्ड डिपाजिट तोड़कर उस ऋण को चुका दें. अपने सभी तरह के क्रेडिट कार्ड बिल को समय पर चुका दें.
6. अपनी वसीयतनामा बनायें (Prepare your will )
समय रहते अपनी वसीयतनामा बनायें. यह सब -रजिस्ट्रार के ऑफिस में बनायें. इसमें गवाह ऐसे व्यक्ति को रखे जो अठारह वर्ष सेअधिक उम्र का हो और स्वस्थ हो. यह आपके परिवार को आपके जाने के बाद किसी भी तरह के विवाद से बचाता है. 30-40 साल की उम्र में वसीयत बनाना थोडा अजीब लगता तो है लेकिन यह जरुरी है.
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