प्रस्तुत पोस्ट pareto 20-80 rule of the time management में हम समय प्रबंधन से सम्बंधित कुछ सामान्य नियम के बारे में जानेंगे. समय प्रबंधन में पैरोटो एक प्रमुख नाम है.
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग के लिए पैरोटो का 20 / 80 का नियम बहुत महत्वपूर्ण है. यदि आप इस नियम को अच्छी तरह से जान जाते हैं तो आप अपने समय का बेहतर उपयोग कर सकते हैं. पैरोटो के अनुसार ‘आपकी 20 प्रतिशत प्राथमिकताएँ आपको 80 प्रतिशत परिणाम देंगी, बशर्ते आप अपनी शीर्षस्थ 20 प्रतिशत प्राथमिकताओं पर अपना समय, उर्जा, धन और कर्मचारी लगाएँ यानी हमें अपने 80 प्रतिशत परिणाम 20 प्रतिशत समय से मिलते हैं. इसका यह अर्थ है कि हमारे समय का अधिकांश हिस्सा, यानी 80 प्रतिशत, सिर्फ 20 प्रतिशत परिणाम हासिल करने में बर्बाद होता है.
यदि हम अपने समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना चाहते हैं, तो यह आवश्यक है कि हम उस 20 प्रतिशत सार्थक समय का पता लगायें और जहाँ तक संभव हो, उसे बर्बाद होने से बचाएँ. यही नहीं, हमें उस 80 प्रतिशत समय का भी पता लगाना चाहिए, जिसमें हम सिर्फ 20 प्रतिशत परिणाम ही हासिल कर पाते हैं, ऐसा करने पर हम अपने सार्थक समय के अनुपात को बढ़ा सकते हैं और निरर्थक समय को कम कर सकते हैं.
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प्लानिंग करते समय पैरोटो के 20/80 के नियम का पालन करने से आपकी सफलता में आशातीत वृद्धि होती है, क्योंकि इससे आप यह महत्वपूर्ण तथ्य जान जाते हैं कि कौन सा समय आपकी सफलता में कितना योगदान दे रहा है.
इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग के लिये पैरोटो के 20 / 80 के नियम को अच्छी तरह से जानना बहुत जरुरी है.
पैरोटो के 20 / 80 का नियम indirectly हमें पूर्णतावाद या perfection के प्रति भी सचेत करता है. यह बताता है कि हम 80 प्रतिशत काम 20 प्रतिशत समय में ही पूरा कर लेते हैं, और बचे हुए 20 प्रतिशत काम में 80 प्रतिशत समय बर्बाद करते हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि हम उस काम को आदर्श तरीके से करना चाहते हैं. कई बार परफेक्शन या पूर्णता का आग्रह समय की बर्बादी का कारण बन जाता है और व्यक्ति को असफल करा सकता है,
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यदि आपको लगता है कि आप कड़ी मेहनत करने के बावजूद सफल नहीं हो रहे हैं, तो पैरोटो के सिधांत को आजमाकर देखें. इससे आप यह जान जाएँगे कि आप किस काम में कितनी मेहनत कर रहे हैं. सच तो यह है कि real world में यह महत्वपूर्ण नहीं होता कि आप कितनी कड़ी मेहनत करते हैं. महत्वपूर्ण तो यह होता है कि आप कितने Intelligently or smartly मेहनत करते हैं.
सफल होने के लिये यह बहुत जरूरी है कि आप अपने लक्ष्य का पीछा करने में कितना समय लगा रहे हैं और छोटे-छोटे कामों में कितना समय बर्बाद कर रहे हैं. अक्सर ऐसा होता है कि हम अपना समय छोटे-छोटे कामों में लगा देते हैं. हम यह सोचते हैं कि पहले आसान और छोटे काम निबटा लें, इसके बाद आराम से अपने महत्वपूर्ण या बड़े काम निबटा लेंगे. बहरहाल, बाद में जाकर हमें इस दुखद तथ्य का एहसास होता है कि महत्वपूर्ण या बड़े कामों के लिए हमारे पास समय बचा ही नहीं है, यदि आप पैरोटो के नियम को याद रखते हुए सोचते हैं तो ऐसी नौबत कभी नहीं आएगी. कहा भी गया है कि व्यस्त होना काफी नहीं, व्यस्त तो चींटियाँ भी रहती हैं, गौर करने वाली बात यह है कि आप किस काम में व्यस्त रहते हैं. Thanks!
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