प्रस्तुत पोस्ट लियो टॉलस्टॉय एक जीवनी में हम लियो टॉलस्टॉय के बारे में जानेंगे। लियो टॉलस्टॉय (Leo Tolstoy) उन्नीसवीं सदी के सर्वाधिक सम्म्मानित लेखकों में से एक हैं। उनका जन्म 9 सितंबर 1828 को रूस के एक संपन्न परिवार हुआ। आपका जन्म मास्को से लगभग 100 मील दक्षिण में स्थित रियासत Yasnaya Polyana में हुआ था। इनके माता-पिता का देहांत बचपन में ही हो गया था।
अतः लालन-पालन इनकी चाची कात्याना ने किया। उच्चवर्गीय ताल्लुकदारों की भांति इनकी शिक्षा-दिक्षा के लिए सुदक्ष विद्वान नियुक्त थे। घुडसवारी, शिकार, नाच-गान, ताश के खेल आदि विधाओं और कलाओं की शिक्षा इन्हे बचपन से ही मिल चुकी थी।
पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी
सन 1844 में लियो टॉलस्टॉय कजान विश्वविद्यालय में दाखिल हुए और सन 1847 तक उन्होंने पूर्वीं भाषाओं और विधि संहिताओं का अध्ययन किया। रियासत के बंटवारे का प्रश्न उपस्थित हो जाने के कारण स्नातक हुए बिना ही इन्हें विश्वविद्यालय छोड देना पडा। रियासत में आकर इन्होंने अपने कृषक असामियों की दशा में सुधार करने के प्रयत्न किये।
सन 1851 में लियो टॉलस्टॉय कुछ समय के लिए सेना में भी प्रविष्ट हुए थे। उनकी नियुक्ति कॉकेशस पर्वतीय कबीलों से होने वाली दीर्घकालीन लडाई में हुई, जहां अवकाश का समय वे लिखने-पढने में लगाते रहे। यहीं पर उन्हें अपनी प्रथम रचना ‘चाईल्डहुड सन’ 1852 में लिखी, जो एलटी के नाम दि कंटपोरेरी नामक पत्र में प्रकाशित हुई।
एक सैनिक लेखक के रूप में
सन 1854 में लियो टॉलस्टॉय डेनयुग के मोर्चे पर भेजे गये। वहां से अपनी बदली उन्होंने सेबास्तोकोल में करा ली; जो क्रिमीयन युद्ध का सबसे तगडा मोर्चा था, यहाँ उन्हें युद्ध और युद्ध के संचालकों को निकट से देखने का पर्याप्त अवसर मिला। इस मोर्चे पर वे अन्त तक रहे। इसी के परिणामस्वरूप उनकी रचना सेबास्तोकोल स्केचेज 1855-56 सामने आयी।
सन 1855 में उन्होंने पिट्सबर्ग की यात्रा की जहां के साहित्यकारों ने इनका बड़ा सम्मान किया। सन 1857 और सन 1860-61 में इन्होंने पश्चिमी युरोप के विभिन्न देशों की यात्रा की। इसी यात्रा में उन्हें यक्ष्मा से पीड़ित अपने बड़े भाई की मृत्यु देखने को मिली। यात्रा से लौटकर उन्होंने अपने गांव Yasnaya Polyana में कृषकों के बच्चों के लिए एक स्कूल खोली जो सफल रहा। स्कूल की ओर से गांव के ही नाम पर Yasnaya Polyana नामक एक पत्रिका भी निकलती थी।
विवाह
सन 1862 में लियो टॉलस्टॉय का विवाह “साफिया बेहज” नामक उच्चवर्गीय संभ्रान्त महिला से हुयी। उनके वैवाहिक जीवन का पूर्वांश तो बडा सुखद रहा, पर उत्तरांश कटुतापूर्ण बिता। सन 1863 से 1869 तक लियो टॉलस्टॉय का समय “War and Peace” की रचना में एवं सन 1873 से 1876 तक का समय Anna Karenina की रचना में बिता। इन दोनों रचनाओं में लियो टॉलस्टॉय की साहित्यिक ख्याति को बहुत उंचा उठाया।
875 से 1879 तक का समय उनके लिए बडा निराशाजनक था, ईश्वर पर से उनकी आस्था तक उठ चुकी थी और वे आत्महत्या तक करने पर उतारू हो गये थे। पर अन्त में उन्होंने इस पर विजय पाई। उन्होंने सन 1878-79 में A Confession नामक अपनी विवादपूर्ण कृति की रचना की। उनकी महान रचना The Death of Evil सन 1886 में प्रकशित हुई।
सेवा भाव
19वीं सदी का अन्त होते – होते दरिद्रों और असहायों के प्रति लियो टॉलस्टॉय की सेवावृत्ति यहां तक बढ़ी कि उन्होंने अपनी रचनाओं से रूस देश में होने वाली अपनी समस्त आय दान कर दी। अपनी पत्नी को उन्होंने मात्र उतना अंश लेने की अनुमति दी जितना परिवार के भरण-पोषण के लिए अनिवार्य था।
सन 1910 में सहसा उन्होंने अपने पैतृक गांव Yasnaya Polyana को सर्वदा के लिए छोडने का निश्चय किया। 22 नवंबर 1910 को अपनी यात्रा के दौरान मार्ग के एक स्टेशन ऐस्टापेावो में तबीयत बिगड़ने से उनका देहांत हो गया। इस तरह लियो टॉलस्टॉय ने अपना जीवन व्यतीत किया।
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Tapasya Pandey says
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Ram Gadri says
लियो टॉलस्टॉय के बारे में जानकारी शेयर करने के लिए धन्यवाद। हम लेखकों की एक सूचि बना रहे हैं जिसमे यह जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
Dwvesh says
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priya tech says
thank you sharing for good infromation sir/mam