घाटे से मुनाफे की ओर कैसे जाएँ
Carlos Ghosan जापान स्थित Nissan और पेरिस स्थित Renault के चेयरमेन और सीईओ हैं. Nissan और Renault ये दोनों कंपनी कार जगत की जानी मानी कंपनी हैं. कार्लोस लेबनानी मूल के हैं लेकिन उनका जन्म ब्राजील में हुआ. स्कूली पढाई लेबनान में हुई तो ग्रेजुएशन करने फ्रांस चले गए. कुल मिलाकर कार्लोस के जीवन में इस तरह की विविधता बचपन से ही दीख जाती है.
1996 में रीनॉल्ट ने कार्लोस को अपनी कम्पनी का कार्यकारी वाईस प्रेसिडेंट नियुक्त किया. शुरू में advanced research, engineering, car production और purchasing का काम कार्लोस को दिया गया.
1999 में रीनॉल्ट ने निसान में 36.8 प्रतिशत हिस्सा खरीद लिया. रीनॉल्ट में अपना पद सँभालने के साथ ही साथ निसान में भी कार्लोस को सीओओ का पद दिया गया.
जब कार्लोस ने निसान ज्वाइन किया, उस समय उसपर 20 billion डॉलर का कर्ज था. उसके 48 में से सिर्फ 3 मॉडल ही मुनाफा कमा रही थी. किसी को भी नहीं लगता था कि इस डूबते जहाज को उबारा जा सकता है. कार्लोस ने घोषणा कि यदि 2005 तक निसान को एक profitable कंपनी नहीं बनाया तो अपने पद से resign दे दूंगा.
Turnaround Specialist Carlos Ghosan
उसने बिजनेस के जापानी तरीकों को नहीं अपनाते हुए कुछ क्रांतिकारी कदम उठाये. उसने २१००० नौकरी समाप्त कर दी जो कि कंपनी के कुल वर्कफोर्स का 14 प्रतिशत था. साथ ही पांच घरेलु plant को बंद कर दिया और Nissan Aerospace unit को बेच दिया. जाहिर सी बात है इस तरह के कार्यों ने कार्लोस को अलोकप्रिय बना दिया.
लेकिन दूसरी तरफ एक साल के भीतर ही Nissan का कुल लाभ 2.7 billion dollar हो गया जो कि पिछले वर्ष 6.1 बिलियन डॉलर के घाटे में चल रहा था. इस प्रकार कार्लोस ने 3 साल के भीतर एक घाटे वाली कंपनी को मुनाफा कमाने वाली कंपनी में बदल दिया.
कार्लोस ने जापानी बिजनेस के तरीके किरेस्तु (Keirestu) को नहीं अपनाया, इसलिए उनको Keirestu Killer भी कहा जाता है. उन्होंने कंपनी के ऑफिसियल लैंग्वेज जो पहले जापानी हुआ करता था, अब english बना दिया.साथ ही कुछ यूरोपियन और अमेरिकन लोगों को कंपनी के महत्वपूर्ण पदों पर लेकर आये.
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यदपि अधिकांश लोग अपने देश, संस्कृति और लोगों के बीच कार्य करने को प्राथमिकता देते हैं वहीँ कार्लोस घोसन विविधता के बीच काम करना पसंद करते थे. उनका मानना था कि विविधता के बीच काम करना ज्यादा चुनौतीपूर्ण और मजेदार होता है.वहां सीखने को बहुत कुछ रहता है.
कार्लोस ने एक दिवालिया होने जा रही कंपनी Nissan का कायकल्प कर दिया. इस कार्य के बाद कार्लोस एक सेलेब्रिटी बन गए. ऑटोमोबाइल जगत में एक हस्ती बनकर उभरे. जब जापान में एक पोल कराया गया तो लोगों ने कार्लोस को अपने अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखने की इच्छा जताई. कार्लोस दुनिया के पहले इंसान हैं जो Fortune 500 में आनेवाली दो कंपनी के सीईओ हैं. कार्लोस को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुर्सकारों से नवाजा गया.
इस पोस्ट को पढने के बाद हमें यही लगता है कि यदि कार्लोस की तरह इच्छा शक्ति हो तो किसी भी घाटे में चल रही कंपनी या फर्म को फिर से अच्छी मुनाफा देने वाली कंपनी में बदला जा सकता है:
Fantastico Tips to come out from loss
- कोई भी बड़ा कदम उठाने में संकोच न करें.
- कंपनी के रिसर्च और इनोवेशन पर ध्यान दें क्योंकि यह वह क्षेत्र है जहाँ से आप अपने प्रोडक्ट में सुधार लाकर मार्किट में वापसी कर सकते हैं,
- Work कल्चर को improve करें.
- यदि जरुरत हो तो धारा के प्रतिकूल जाकर भी निर्णय लें.
- अपने employee से जुड़ें और उनकी कठिनाइयों को समझने का प्रयास करें.
- आय – व्यय पर पैनी निगाह रखें.
नोट: जिस व्यक्ति ने अपनी काबिलियत के दम पर विश्व भर में शोहरत पाई, वही इंसान लालच और स्वार्थ में आकर अपनी पूरी प्रतिष्ठा मिट्टी में मिला दिया. कंपनी का धन हड़पने एवं अन्य मामलों में यही इंसान दर दर मारा फिर रहा है और आज हालात ऐसे हैं कि इससे गिरफ्तार करने के लिए इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया है.
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