Mahatma Vidur ke Neetipurn Vichar महात्मा विदुर के नीतिपूर्ण विचार
महात्मा विदुर नीतिशास्त्र के पण्डित और प्रवर्तक थे. उन्हें धर्मराज का अवतार माना जाता है. वे धृतराष्ट्र और पांडु के भाई थे. वे महाराज धृतराष्ट्र के मंत्री भी थे और उन्हें प्रमुख सलाहकार और नीतिकार थे. वे न्याय के प्रबल समर्थक और स्पष्टवादी थे. उनका पांडु पुत्रों से विशेष लगाव था और समय-समय पर उनका मार्गदर्शन करते रहते थे. वे दुर्योधन के दुष्कर्मों का लगातार विरोध करते रहते थे. उनके विचारों और नीतियों का संकलन विदुर नीति नामक ग्रन्थ में किया गया है. प्रस्तुत पोस्ट में उनके कुछ विचारों का संकलन किया गया है, आशा है ये विचार आपको पसंद आयेंगे.
Mahatma Vidur ke Neetipurn Vichar महात्मा विदुर के नीतिपूर्ण विचार
1. बलवान से दबाए हुए, साधन रहित, दुर्बल, जिसका धन नष्ट हो गया ऐसे कामी, तथा चोर को उन्निद्रता घेरती है.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
2. मछली बढ़िया चारे से ढकी हुई लोहे की कांटी को लोभ में पड़कर निगल जाती है, उससे होने वाले परिणाम पर विचार नहीं करती.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
3. जो उत्तम कर्मों का सेवन करता है और निन्दित कर्मों का सेवन नहीं करता, जो नास्तिक नहीं बल्कि श्रद्धालु है, यह पण्डित का लक्षण है.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
4. नशे में धूत, असावधान, पागल, थका हुआ, क्रोधी, भूखा, जल्दबाज, लालची, डरा हुआ व्यक्ति और कामी – ये लोग धर्म नहीं जानते.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
5. पंडितजन वे हैं, जो आर्य कर्मों में प्रसन्न होते हैं, ऐश्वर्य वाले कल्याणकारी कर्मों को करते हैं, हितकारी से ईर्ष्या नहीं करते.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
6. संसार के छह सुख प्रमुख है- धन प्राप्ति, हमेशा स्वस्थ रहना, वश में रहने वाले पुत्र, प्रिय भार्या, प्रिय बोलने वाली भार्या और मनोरथ पूर्ण कराने वाली विद्या अर्थात् इन छः से संसार में सुख उपलब्ध होता है.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
7. अपने कार्य को छोडकर जो विरोधी के कार्य को करने लगता है और जो मित्र के कार्य में मिथ्या व्यवहार करता है, वह मूढ़ कहलाता है.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
8. बुलाए बिना जो दूसरे के घर जाता है, पूछे बिना जो बहुत बोलता है और अविश्वस्त पर जो विश्वास करता है, वह नराधम मूढ़चेता है.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
9. क्षमा परम बल है, सचमुच दुर्बलों का यह गुण है और बलवानों का भूषण है.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
10. ये शरीर को सर्वथा सुख देने वाले दो तीखे कांटे हैं- प्रथम, जो निर्धन होकर ऊँचे मनोरथ करे और द्वितीय, जो असमर्थ होकर क्रोध करे.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
11. मीठे शब्दों से कही गई बात अनेक तरह से कल्याण करती है, लेकिन कटु शब्दों में कही गई बात अनर्थ का कारण बन जाती है.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
12. जो समर्थ होता हुआ भी क्षमायुक्त हो और जो दरिद्र होता हुआ भी उत्तम दाता हो, ये दो पुरूष स्वर्ग के ऊपर रहते हैं अर्थात आनन्दित रहते हैं.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
13. पराए धन का छीनना, पराई स्त्री से व्यभिचार करना तथा मित्र का परित्याग, ये तीन दोष विनाशकारक हैं.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
14. काम, क्रोध तथा लोभ – ये तीन आत्मनाशक, दुखमयी गति के तीन प्रकार के द्वार हैं, इसलिए इन तीन का मनुष्य त्याग करे.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
15. अत्यंत अहंकार, अधिक बोलना, त्याग न करना, क्रोध करना, केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति की चिंता में रहना तथा मित्रों से द्रोह करना – ये छह दुर्गुण मनुष्य की आयु को घटाते हैं. दुर्गुण वाले मनुष्य को मृत्यु नहीं बल्कि अपने कर्मो के परिणाम ही मारते हैं.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
16. आरोग्य, ऋण न होना, प्रयास न होना, सज्जन मनुष्यों के साथ मेल, स्वाधीन आजीविका तथा निर्भय निवास करना – ये छह इस संसार के सुख हैं.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
17. ईर्ष्यालु, घृणा करने वाला, असंतोषी, क्रोधी, नित्य शंका करनेवाला, दुसरे के भाग्य पर जीने वाला – ये छह नित्य दुखी रहते हैं.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
18. संकट न होते तो इस संसार में हीरे की तरह चमक रहे महान व्यक्तियों के चरित्र को कौन चमकाता?
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
19. जो अपना आदर सम्मान होने पर ख़ुशी से फूल नहीं उठता, और अनादर होने पर क्रोधित नहीं होता तथा जिसका मन गंगाजी के कुण्ड के समान अशांत नहीं होता, वह ज्ञानी कहलाता है.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
20. जिस धन को अर्जित करने में मन तथा शरीर को कष्ट हो, धर्म का उल्लंघन करना पड़े, शत्रु के सामने अपना सिर झुकाना पड़े, उसे प्राप्त करने का विचार ही त्याग देना ही सबसे अच्छा है.
Mahatma Vidur महात्मा विदुर
Mahatma Vidur ke Neetipurn Vichar महात्मा विदुर के नीतिपूर्ण विचार के अलावे इसे भी पढ़ें:
- Bal Gangadhar Tilak Speech बाल गंगाधर तिलक का भाषण
- मुरारी बापू के अनमोल विचार
- भगवान महावीर के अनमोल वचन
- स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन
- आचार्य चाणक्य के अनमोल वचन – 1
नोट : आपको ये Mahatma Vidur ke Neetipurn Vichar महात्मा विदुर के नीतिपूर्ण विचार कैसे लगे, कृपया कमेंट द्वारा बताएं. धन्यवाद!
Join the Discussion!