ऋग्वेद के अनमोल वचन Rig Veda Quotes in Hindi
समस्त जगत के आदि ज्ञान का स्रोत ऋग्वेद को कहा गया है. दसों दिशाओं में इसका प्रकाश अग्नि ऋषि के ह्रदय से हुआ था. ऋग्वेद सभी वेदों में सबसे प्राचीन है. ऋग्वेद का महिमामंडन करते हुये पाश्चात्य विद्वान मैक्समूलर कहते हैं कि जबतक पृथ्वी पर पर्वत और नदियाँ रहेगी, तबतक ऋग्वेद की कीर्ति का प्रचार रहेगा. मन्त्रों की गणना के अनुसार यह सभी वेदों में सबसे बड़ा है. प्रस्तुत है Rig Veda Quotes in Hindi ऋग्वेद के अनमोल वचन:
ऋग्वेद के अनमोल वचन Rig Veda Quotes in Hindi
1. मनुष्यों को चाहिए कि अधर्म का पालन करने वाले और मूर्ख लोगों को राज्य की रक्षा का अधिकार कदापि न दें.
Rigveda ऋग्वेद
2. किसी एक मनुष्य को स्वतंत्र राज्य का अधिकार कभी न दें परन्तु राज्य के समस्त कार्यों को शिष्ट जन की सभा के अधीन रखें.
Rigveda ऋग्वेद
3. उनको ही लक्ष्मी की प्राप्ति होती है, जो आलस्य का त्याग करके सदैव सत्कर्म के लिए प्रयासरत रहते हैं.
Rigveda ऋग्वेद
4. जगत के समस्त जीवों को सुख मिले, मुझे भी सुख मिले.
Rigveda ऋग्वेद
5. अतिथि को सुन्दर और सुखद आसन देकर प्रसन्न करना चाहिए.
Rigveda ऋग्वेद
6. मेघ हमें और हमारी प्रजा के लिए सुखकर हों.
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7. इस ग्राम (World) के सभी निवासी निरोगी और स्वस्थ हों.
Rigveda ऋग्वेद
8. समस्त दिशाओं से अच्छाई का प्रवाह मेरी तरफ हो.
Rigveda ऋग्वेद
9. बिना स्वयं परिश्रम किये देवों की मैत्री नहीं मिलती.
Rigveda ऋग्वेद
10. दान करनेवाले मनुष्यों का धन क्षीण नहीं होता, दान न देने वाले पुरुष को अपने प्रति दया करनेवाला नहीं मिलता.
Rigveda ऋग्वेद
11. मनुष्य अपनी परिस्थितियों का निर्माता आप है. जो जैसा सोचता है और करता है, वह वैसा ही बन जाता है.
Rigveda ऋग्वेद
12. हमारी बुद्धियाँ विविध प्रकार की हैं. मनुष्य के कर्म भी विविध प्रकार के हैं.
Rigveda ऋग्वेद
13. जो अधर्माचरण से युक्त हिंसक मनुष्य है, उसको धन, राज्यश्री और उत्तम सामर्थ्य प्राप्त नहीं होता. इसलिए सबको न्याय के आचरण से ही धन खोजना चाहिए.
Rigveda ऋग्वेद
14. हे मानवो! जैसे अग्नि आप शुद्ध हुआ सबको शुद्ध करता है, वैसे संन्यासी लोग स्वयं पवित्र हुये सबको पवित्र करते हैं.
Rigveda ऋग्वेद
15. जिन अध्यापकों के विद्यार्थी विद्वान, सुशील और धार्मिक होते हैं, वे ही अध्यापक प्रशंसनीय होते हैं.
Rigveda ऋग्वेद
16. जैसे महौषधि और बाह्य प्राणवायु सबकी सदा पालन करते हैं, उसी प्रकार उत्तम राजा और वैद्यजन समस्त उपद्रव और रोगों से निरंतर रक्षा करते हैं.
Rigveda ऋग्वेद
17. किसी भी मनुष्य को श्रेष्ठ वृक्ष या वनस्पति को नष्ट नहीं करना चाहिए. किन्तु उनमें जो दोष हो उनक निवारण कर उन्हें उत्तम सिद्ध करना चाहिए.
Rigveda ऋग्वेद
18. राजपुरुषों को ऐसे मार्ग का निर्माण करना चाहिए जिनसे जाते हुये पथिकों को चोरों का भय न हो और द्रव्य का लाभ भी हो.
Rigveda ऋग्वेद
19. मनुष्यों को चाहिए कि सब ऋतुओं में सुख कारक, धनधान्य से युक्त, वृक्ष, पुष्प, फल, शुद्ध वायु, जल तथा धार्मिक और धनाढ्य पुरुषों से युक्त गृह बनाकर वहां निवास करे, जिससे आरोग्य से सदा सुख बढे.
Rigveda ऋग्वेद
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GST Impact Analysis says
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Kanika says
Very good blog, please write more about vedas. Thanks
Vivek Darji says
वेद ज्ञान मानवो को आगे ले जा सकता है
Pallavi says
Mujhe rig ved ke bare me Puri jankari chahiye..sunskrit me rigved kaha milenge…Mera naam pallavi hai
Vishnu sharma says
Shat shat naman