चर्चिल का नाम आते ही सहसा एक ऐसे इंसान की छवि सामने आ जाती है जिसने अपने होठों के बीच सिगार दबा रखी है और वह इंसान जर्मनी और हिटलर की बर्बरता और सत्ता के सामने अडिग होकर खड़ा दीखता है. विंस्टन चर्चिल का पूरा नाम विंस्टन लियोनार्ड स्पेंसर चर्चिल था. वे एक ब्रिटिश राजनेता आर्मी ऑफिसर और लेखक थे. उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में लगभग 10 वर्षों तक अपनी सेवा दी.
Winston Churchill Biography in Hindi विंस्टन चर्चिल की जीवनी
विंस्टन चर्चिल का जन्म सन 1874 में 30 नवम्बर को आक्सफोर्ड शायर के ब्लेनहिम पैलेस में हुआ था. उनके पिता लार्ड रेनडल्फ चर्चिल थे और माता जेनी न्यूयार्क नगर के लियोनार्ड जेराम की पुत्री थीं. विंस्टन चर्चिल की शिक्षा हैरी और सैन्हर्स्ट में हुई थी. वे सन 1895 में सेना में भर्ती हुए थे, वे द्वितीय विश्व युद्ध (1940 -1945 ) के समय इंग्लैंड के प्रधानमन्त्री थे. वे प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ और प्रखर वक्ता थे.
Never, never, never give up. -Winston Churchill
विंस्टन चर्चिल सेना में अधिकारी होने के साथ-साथ इतिहासकार, लेखक और कलाकार भी थे. वे एकमात्र प्रधानमन्त्री थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्होंने अपने सैन्य कार्यकाल के दौरान भारत, सूडान और द्वितीय विश्व युद्ध में अपना जौहर दिखाया था. उन्होंने राजनीतिज्ञ के रूप में कई पदों पर कार्य किया.
विंस्टन चर्चिल को सन 1940 में 10 मई को यूनाइटीड किंगडम का प्रधानमन्त्री बनाया गया. सन 1955 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया. वे भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन में गांधीजी के शांतिपूर्ण सविनय अवज्ञा आन्दोलन के प्रखर विरोधी थे. वह यह भी चाहता था कि गाँधी जी यदि भूख हड़ताल करते हैं तो उनको मरने के लिए छोड़ दिया जाय.
उनकी मृत्यु सन 1965 में 24 जनवरी को हुई और उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान से हुआ था. चूँकि चर्चिल को साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया था, इसलिए यहाँ उनका एक प्रसिद्द स्पीच दिया जा रहा है.
खून ,मशक्कत, आंसू और पसीना
द्वितीय महायुद्ध के समय ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बनने के पश्चात् विंस्टन चर्चिल ने सन 1940 में 13 मई को ब्रिटिश संसद में यह प्रसिद्ध भाषण दिया था –
जैसा कि मैंने इस सरकार में शामिल होने वाले मंत्रियों से कहा, मैं इस सदन से भी कहना चाहता हूँ कि मेरे पास देने के लिए खून, मशक्कत, आंसू और पसीने के अलावा कुछ भी नहीं है. हमारे समक्ष बहुत गम्भीर अग्नि-परीक्षा है. हमारे आगे संघर्ष और कष्टों से भरे कई रास्ते हैं.
आप पूछते हैं कि हमारी नीति क्या है? मेरा जबाब है कि हमारी नीति स्थल, समुद्र और आकाश में, भगवान ने हमें जितनी शक्ति दी है, उसका पूरा उपयोग करते हुए युद्ध करने की है. यह युद्ध एक ऐसे पैशाचिक अत्याचार के खिलाफ है, जिसकी मिसाल मनुष्य के अपराधों की अंधकारमय सूची में कहीं नहीं मिलती. तो यह है हमारी नीति !
Attitude is a little thing that makes a big difference. – Winston Churchill
चर्चिल के कार्यकाल में मित्र राष्ट्रों की विजय हुई और वे द्वितीय विश्व युद्ध के विजेता बने. उसके बाद में विशव में राष्ट्रोंके बीच नए तरह के समीकरण बने. विश्व इतिहास में चर्चिल के प्रभाव को हमेशा महसूस किया जा सकता है. वे अपने समय के एक ऐसे राजनेता हुए जिनके पास संवाद करने की और आम जन से जुड़ने की अद्भुत कला थी. वे जानवरों से बहुत प्यार करते थे. अमरीका ने उनको अपने देश की मानद नागरिकता प्रदान की थी. यह अलंकरण पाने वाले वे पहले व्यक्ति थे.
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