जल, पानी, वाटर, नीर आदि आदि. जल के कई पर्यायवाची हैं. गोस्वामी तुलसीदास ने पंचभूत तत्वों के बारे में लिखा – क्षिति, जल, पावक, गगन, शरीरा, पंच रचित यह अधम शरीरा. जल के बिना जीवन की कल्पना असंभव है. जल संकट, जल प्रदूषण, जल तरंग, जल डमरूमध्य पता नहीं जल से शुरू होने वाले अनेकों शब्द सहसा मानस पटल पर आ जाते हैं . प्रस्तुत पोस्ट Water Quotes in Hindi में जल पर कुछ विचारों को जानते हैं.
जल पर कथन Water Quotes in Hindi
1.निश्चय ही जल अमृत है. (तैत्तिरीयारन्यक )
2. दृष्टि से देखे गए स्थान पर पैर रखे, वस्त्र से शुद्ध किए जल को पिए, सत्य से पवित्र भाषण करे और मन को जो पवित्र मालूम पड़े उसका व्यवहार करे. (मनुस्मृति)
3. सृष्टि के आरम्भ में सर्वप्रथम जल की सृष्टि आरम्भ की गई. उससे वनस्पतियों में अमृत की उत्पत्ति हुई. (मनुस्मृति)
4. दिन में सूर्य की किरणों से तप्त हुआ, रात में चन्द्रकिरणों से शीतल हुआ, उचित काल बीतने पर पक्व हुआ, अगस्ति की किरणों से निर्विष हुआ, शरद् ऋतु का जल हंसोदक कहलाता है.
5. अधिक पानी पीने से अन्न का पाचन नहीं होता और पानी न पीने से भी वही दोष होता है इसीलिए अग्नि बढ़ाने के लिए मनुष्य थोड़ा-थोड़ा पानी पीया करे. (क्षेमकुतूहल )
6. मनुष्य के शरीर में तीन चौथाई भाग में जल है, इसके कम होने से शरीर रूपी यंत्र नहीं चलता इसलिए जल को जीवन कहा गया है. (महर्षि चरक)
7. मेघ जल श्रेष्ठ है सब जलों में पथ्यतम होने से श्रेष्ठतम है. (महर्षि चरक)
8. मेघ के समान दूसरा शुद्ध जल नहीं. आत्मबल के समान शरीर में कोई दूसरा बल नहीं. तेज के समान शरीर में दूसरा तेज नहीं और अन्न के समान कोई अन्य वस्तु प्रिय नहीं. (चाणक्य)
9. जैसी भूमि वैसा जल, जैसा बीज वैसा अंकुर, जैसा देश वैसी भाषा और जैसा राजा वैसी प्रजा. (चाणक्य)
10. कुएँ का पानी, वट वृक्ष की छाया, श्यामा स्त्री, ईंटों का मकान, ये शीतकाल में उष्ण और उष्णकाल में शीत होते हैं. (चाणक्य)
11. पृथ्वी पर वस्तुतः जल, अन्न और सुभाषित ये ही तीन रत्न हैं – परन्तु मूर्खों ने पत्थरों के टुकड़ों को रत्न नाम दिया है. (चाणक्य)
12. जल की तुलना में कुछ भी नरम या अधिक लचीला नहीं है, फिर भी कोई भी इसका प्रतिकार नहीं कर सकता है। (लाओ त्सू)
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13. जल सभी प्रकृति की प्रेरक शक्ति है। (लियोनार्डो दा विंसी)
14. जल ने अपने स्त्रष्टा की ओर देखा तो वह पानी-पानी हो गया. (वायरन )
15. नदियाँ, तालाब, झीलें और धाराएँ – इन सभी के अलग-अलग नाम हैं, लेकिन इन सभी में जल है। उसी तरह सभी धर्म हैं – वे सभी सत्य सिखाते हैं। (मुहम्मद अली)
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