प्रस्तुत आलेख Ganesh Chaturthi Hindu Festival में प्रथम पूज्य श्री गणेश भगवान के पावन पर्व गणेश चतुर्थी पर चर्चा करेंगे। आइये इस आलेख को पढ़ने से पहले श्री गणेश जी की इस स्तुति का पाठ करते हैं:
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः।
निर्विघिनं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा॥
भारतीय संस्कृति एकता में अनेकता का परिचायक है। इसमें चार चांद लगाते हैं यहां पर आयोजित होने वाले पर्व व त्यौहार। ऐसे ही खास पर्व श्री गणेश चतुर्थी के मौके पर आपकी सेवा में इस पर्व से जुड़ी खास जानकारी भरा लघु आलेख प्रस्तुत है। आशा है, यह लेख आपको भी रोचक लगेगा। लोग गणेश चतुर्थी मनाते हुए भगवान गणेश (विघ्नेशवर) की पूजा करते हैं। गणेश हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय देवता हैं जिनकी पूजा परिवार के प्रत्येक सदस्य द्वारा की जाती है। जब कोई व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में कोई भी नया काम शुरू करता है तो वह सबसे पहले श्री गणेश जी की पूजा करता है।
श्री गणेश में आस्था, उमंग व विश्वास के प्रतीक का पर्व है गणेश चतुर्थी
यह त्योहार विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य में मनाया जाता है। लेकिन अब यह लगभग सभी राज्यों में मनाया जाने लगा है। यह हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। लोग पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ गणेश चतुर्थी पर ज्ञान और समृद्धि के देवता श्री गणेश की पूजा करते हैं।
खुशी और सुख-समृद्धि का पावन पर्व श्री गणेश चतुर्थी इस बार कोरोना की छाया में
लोगों का मानना है कि गणेश जी हर साल बहुत सारी खुशियों और समृद्धि के साथ आते हैं और सभी कष्टों को दूर करते हैं। गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त इस त्योहार पर तरह-तरह की तैयारियाँ करते हैं। परंतु इस बार सभी तीज त्योहार वैश्विक महामारी कोरोना की छाया में है। लोग इन सभी व्रत-त्योहार को कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए घरों में सुरक्षित रहकर मना रहे हैं । श्री गणेश जी के प्रति आस्था व विश्वास के कारण लोग उनके स्वागत और सम्मान के लिए गणेश की जयंती के रूप में इस पर्व को मनाते हैं ।
यह त्योहार भाद्रपद (अगस्त या सितंबर) के महीने में शुक्ल पक्ष में चतुर्थी से शुरू होता है और 11 वें दिन अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होता है। हिंदू धर्म में गणेश की पूजा का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ उनकी पूजा करता है, उसे सुख, ज्ञान, धन और लंबी आयु प्राप्त होती है।
गणेश चतुर्थी पर पूजा विधान का महत्व
लोग गणेश चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करते हैं, साफ कपड़े पहनते हैं और भगवान की पूजा करते हैं। वे कई प्रकार की वस्तुओं का भोग लगाते हैं और मंत्र, आरती, और भक्ति गीत गाकर भगवान से प्रार्थना करते हैं और हिंदू धर्म के अन्य अनुष्ठान करते हैं। पहले यह त्योहार केवल कुछ परिवारों में मनाया जाता था। बाद में इसे मूर्ति स्थापना और मूर्ति विसर्जन के अनुष्ठान के साथ एक उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा ताकि एक बड़े अवसर के साथ-साथ कष्टों से मुक्त हो सकें।
यह 1893 में लोकमान्य तिलक (एक समाज सुधारक, भारतीय राष्ट्रवादी और स्वतंत्रता सेनानी) द्वारा एक उत्सव के रूप में शुरू किया गया था। उस समय उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों की रक्षा के लिए गणेश की पूजा करने का अनुष्ठान किया था।
अंनत चतुर्दशी के दिन होता है गणेश विसर्जन के साथ समापन
गणेश चतुर्थी को राष्ट्रीय स्तर के पर्व के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश को कई नामों से जाना जाता है। उनके कुछ नाम इस प्रकार हैं। जैसे एकदंत, असीम शक्तियों के देवता, हेरम्बा (बाधा निवारण), लम्बोदर, विनायक, देवों के देव, ज्ञान के देवता, धन और समृद्धि के देवता आदि। अब इनकी पूजा हर घर में होने लगी है। मूर्ति स्थापना के साथ मूर्ति विसर्जन भी बड़े भव्य तरीके से किया जाता है। पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे, इसलिए अब गणेश जी की मूर्तियों को विशेष ऑरगेनिक तरीके से बनाया जाने लगा है। भक्त भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे अगले वर्ष फिर से बहुत सारे आशीर्वादों के साथ वापस आएं। गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ। श्री गणेशाय नमः।
पोस्ट लेखक: सूबेदार रावत गर्ग उण्डू ( सहायक उपानिरीक्षक – रक्षा सेवाएं व स्वतंत्र लेखक, रचनाकार, साहित्य प्रेमी )श्री गर्गवास राजबेरा, तहसील उपखंड – शिव, जिला मुख्यालय – बाड़मेर, 344701 राजस्थान ।
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Khetigaadi says
अग्नि पुराण के अनुसार हिंदी कैलेंडर के भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी पर्व मनाया जाता है। जो इस बार 1 सितंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन पार्थिव गणेश के विसर्जन के साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव का समापन होता है
Aditya says
Nice information sir
What is 151+ name of shri ganesh
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