आज के इस पोस्ट Install New Thoughts in Hindi में हम अपने शरीर के एक ऐसे अंग के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसकी वजह से कुछ लोग अपनी ज़िन्दगी में सफल होते हैं, तो कुछ असफल। कुछ अमीर होते हैं तो कुछ गरीब। यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपने इस अंग का उपयोग कैसे करते हैं। हमारे शरीर का वह अंग है हमारा माइंड, मस्तिष्क या दिमाग। एक व्यक्ति अपने दिमाग का जिस तरह से उपयोग करता है उसकी ज़िन्दगी भी उसी तरह की होती है। इसलिए यह बहुत जरुरी है कि हम अपने मस्तिष्क का सही तरीके से उपयोग करें ताकि हम इच्छित परिणाम को प्राप्त कर सकें।
इस पोस्ट Install New Thoughts in Hindi में हम माइंड पॉवर के बारे में बात करेंगे कि हमारे success या failure में माइंड पॉवर का कितना योगदान होता है । मुख्य रूप से मानव मस्तिष्क के दो भाग हैं – चेतन (Conscious) मस्तिष्क और अवचेतन (Sub-conscious) मस्तिष्क. इस पोस्ट में आगे हम इन दोनों के विषय में चर्चा करेंगे.
मन की शक्ति Power of Mind
आपके Mind के अंदर इतनी Power होती है जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते हैं। कोई भी इंसान बाहरी दुनिया में सफल होने से पहले अपने मन के भीतर सफल होता है। जीवन में Successful होने के लिए आपके पास एक अच्छा Mindset होना जरुरी है। प्रसिद्ध अमरीकी मोटिवेशनल स्पीकर टोनी रॉबिन्स के अनुसार ,”आपकी सफलता में २० % केवल काम होता है बाकी 80 % आपका माइंड सेट होता है कि आप किस तरीके से किसी चीज को करते हैं ।”
इससे आप अनुमान लगा सकते कि आपकी सफलता में मन का कितना योगदान होता है। अतः यदि आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं, आपको एक अच्छा mindset develop करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि आप किसी भी परिस्थिति में सही निर्णय ले सकें। इसलिए एक अच्छा Mindset develop करने से पहले आपको यह जानना जरुरी हो जाता है कि मानव मन /माइंड / दिमाग किस तरह से काम करता है ।
विचारों का मन पर प्रभाव
गौतम बुद्ध के अनुसार, “शरीर को स्वस्थ्य रखना हमारा कर्तव्य है, अन्यथा हम अपने दिमाग को मज़बूत और स्पष्ट नहीं रख पाएँगे।“ यहाँ स्पष्ट शब्द से तात्पर्य विचारों यानी thoughts से है. हमारे मन को जो सबसे ज्यादा प्रभावित करता है ,वह है हमारे thoughts यानी विचार । हमारा विचार जैसा होता है उसी तरह की हमारी जिंदगी भी होती है। अगर आप सोचते हैं कि “मैं अच्छा नहीं हूँ,’ “लोग मेरे काम का हमेशा मजाक उड़ाते हैं” , मैं अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता” तो आपके इन विचारों का आपकी जिंदगी पर बहुत प्रभाव पड़ता है और धीरे -धीरे आप वैसा बनने लगते हैं क्योंकि आप अपने मन में जैसी बाते करते हैं , वैसी आपकी आपकी जिंदगी होती है।” यदि आप अपने को हमेशा कमजोर समझते हैं तो आप धीरे-धीरे कमजोर बन जाएँगे।
दूसरी तरफ यदि आप इसके विपरीत ये सोचते हैं कि “मैं अपनी जिंदगी में सफल हो सकता हूँ,” “मेरे सामने जितनी भी समस्या आयेगी, मैं उसको हल करके अपनी जिंदगी में आगे बढूंगा तो आपके अंदर एक सकारात्मक सोच विक्सित होने लगेगा , आप हर परिस्थिति को अलग नजरिये से देखने लगोगे । हमारे मन का एक सरल नियम है , यदि आप अपने मन में किसी विचार को बार -बार दुहराते हैं , तो आप धीरे -धीरे वैसा ही बनने लगते हैं चाहे वह विचार सही हो या गलत। हमारे मन को ये नहीं पता होता है कि कौन सा विचार सही है और कौन सा गलत। बस ये पुनरावृति के आधार पर काम करता है। आप इसमें जिस प्रकार विचारों को दुहराते हैं आप वैसा ही बनने लगते हैं । अब यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप इसको कैसे विचार देते हैं।
प्रयास से बदलाव संभव Install New Thoughts in Hindi
विख्यात अमरीकी दार्शनिक और लाइफ कोच राल्फ एमर्सन के अनुसार , “एक व्यक्ति वैसा ही होता है जैसा वह पूरे दिन अपने बारे में सोचता रहता है. ” इसलिए यदि आप अपनेआप से कहते हैं कि ‘मैं अपनी जिंदगी में सफल नहीं हो सकता, मैं इस काम को नहीं कर सकता” तो आप एक तरह से अपने मन को यह कह रहे हैं कि तुमको ये follow करना है और तब आपका दिमाग या मन जरुर उसको follow करेगा. क्योंकि ये आपके आर्डर को ही मानता है चाहे वह आर्डर सही हो या गलत। आपका दिमाग उस आर्डर को आपकी जिंदगी का हिस्सा बना देता है. इन सबके पीछे आपके चेतन यानी Conscious और अवचेतन यानी Subconscious Mind की भूमिका होती है.
यदि आपने पहले से उपरलिखित नकारात्मक विचार अपने मन के भीतर भर रखा है,तो आप उसको जरुर बदल डालिए । कुछ लोगों का मानना है कि कोई कैसे अपने विचारों को बदल सकता है ऐसा करना असंभव है. वास्तव में ऐसा नहीं है. आप अपने विचारों को बदल सकते हैं बस आपके अन्दर उसको बदलने की इच्छा शक्ति होनी चाहिए। इसके लिएआपको प्रयास करना होगा क्योंकि जिस विचारों को आप कई महीनों से, सालों से अपनाए हुए हैं उनको बदलने में थोड़ा समय और प्रयास को करना ही होगा ।
अवचेतन मन (Subconscious mind) के कार्य
Subconscious mind हमारे दिमाग का ऐसा भाग है जहाँ हमारे सभी पुराने विचार, हमारी भावनाएं संग्रहीत रहती है । यदि आप अपने mindset को बदलना चाहते है , तो सर्वप्रथम आपको अपनी पुराने विचारो की प्रोग्रामिंग बदलनी होगी और उसकी जगह नए programming को इंस्टाल करना होगा। लेकिन कोई भी नई प्रोग्रामिंग को बनाने से पहले ये जरुरी है कि आप जाने की कैसे कोई विचार हमारे मन में स्टोर होता है |
हमारा अवचेतन मन एक बगीचे की तरह होता है । एक बगीचे में सभी प्रकार के पौधे बढ़ सकते है । आप इस बगीचे की देख भाल करने वाले यानी माली हैं । आप इसमें जिस प्रकार के बीज बोते है, सिंचाई करते है, इसमें उसी प्रकार के पौधे पैदा होते है । इस प्रक्रिया को आप पूरे दिन करते हैं तो इसका मतलब है कि आप पूरे दिन बीज बो रहे है । ये बीज और कुछ नहीं बल्कि आपकेविचार हैं जिसको आप पूरे दिन अपने चेतन मन में सोचते और विचारते रहते हैं । यदि आप किसी गलत बीज को अपने मन रूपी बगिया में बोते हैं और उसको पूरे दिन बार -बार दुहराते हैं तो आपको उसी प्रकार का फल खाने को मिलेगा । इसलिए यदि आप अपने प्रोग्रामिंग को बदलना चाहते है तो आपको सबसे पहले अपने विचारों को बदलना चाहिए ।
Subconscious mind की programming कैसे बदलें
अपने Subconscious mind की प्रोग्रामिंग को बदलने के लिए आपको अपने मन में अच्छे बीज को बोना होगा । यदि आपने पहले से ही ये बीज बो रखा है कि आप सफल नही हो सकते हैं, यह काम मुझसे ना हो पायेगा तो इसे बदलने की जरुरत है । इसके लिए सकारत्मक विचारों को स्थान दें । अर्थात अच्छे बीज बोएं ।
अच्छे बीज यानी मैं लाइफ में सफल हो सकता हूँ , मैं अपने लक्ष्य l को पाने के लिए खूब मेहनत करूँगा ,मैं जैसा भी अच्छा हूँ, इत्यादि अच्छे बीज यदि आप ऐसा दिन में कई बार करते है तो ये बातें आपके मन में प्रोग्राम होना शुरू हो जाते हैं अच्छे बीज आप कुछ दिन में इसके प्रभाव को भी महसूस करना शुरू कर देंगे । यदि आप इस क्रिया को दिन में कई बार नहीं कर सकते तो कोशिश करिए कि आप इसको एक बार सुबह में और शाम में 5-5 मिनट के लिए जरुर करें। इसको हम Affirmation यानी अपने आप से वादा करना कहते हैं. इस तरीके द्वारा ही हम अपने Subconscious Mind को बदल सकते हैं ।
सही तरह से Affirmation कैसे करें
१. किसी शांत जगह पर जाएँ. जहाँ कोई शोरगुल न हो या आपको वहां कोई आकर टोकाटाकी न करे.
२. अपने मन को शांत करने के लिए पालथी मारकर सुखासन में बैठ जाएँ. गहरी और लम्बी सांस लें और इस प्रक्रिया को 2-3 मिनट तक करें. ध्यान मुद्रा में रहा जा सकता है ।
३. जब आपका मन बिलकुल शांत हो जाय तो आपको मन ही मन उन विचारों को दुहरायें जो आप बनना चाहते हैं या करना चाहते हैं । जैसे कि मैं जैसा भी हूँ अच्छा हूँ; मैं इनको अच्छी तरह कर सकता हूँ; मेरा मन मेरे नियंत्रण में है; मैं आपने आपको प्रतिदिन बेहतर बना रहा हूँ, आदि ।
४. यदि आप ऐसा प्रति दिन में 5 से 10 मिनट के लिए करते है तो आप अपने अन्दर कुछ दिन में बदलाव देखना शुरू कर देंगे ।
आप इसको अपनी डेली रूटीन में शामिल कर लें। जैसे आप रोज सुबह वाक करते हैं, वैसे ही रोज आप 5-10 मिनट के लिए अपने आप से पॉजिटिव चीजो को कहने के लिए समय निकालिए । यदि आप देखें या विचार करें तो अक्सर हम अपने में नकारात्मक बातें भरते रहते हैं । इसलिए यह जरुरी है हम हर रोज अपने मन से पॉजिटिव बात करने का कुछ मिनट जरुर निकालें ।
उम्मीद करता हूँ कि आत्म विकास औए आत्म सुधार से संबंधित यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा। आपके सुझावों का हमेश स्वागत है। धन्यवाद ।
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आपने बिलकुल सही कहा दिमाग है बड़े काम की चीज | दिमाग को अगर मोटिवेशन की डोज़ मिलती रहे तो ये बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना आसानी से कर सकता है |
nice work.