प्रेमचंद जमीन से जुड़े हुए कथाकार और उपन्यासकार थे। उनका बचपन काफी संघर्षों भरा था, जो उनकी रचनाओं में भी दीखता है। उन्हें ग्राम्य जीवन की बहुत अनोखी परख थी। उनके उपन्यास गोदान को ग्रामीण संस्कृति का महाकाव्य कहा जाता है। उनका पूरा साहित्य दलित, दमित, स्त्री, किसान और समाज में हाशिये पर जी रहे लोगों … [Read more...]