Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Hindi Anuched की यह पंक्ति गोस्वामी तुलसी दास कृत श्री रामचरितमानस से ली गयी है. इसमें भगवान श्री राम भरत की विनती पर साधु और असाधु का भेद बताने के बाद कहते हैं- ‘परहित सरिस धर्म नहीं भाई’ और पर पीड़ा सम नहिं अधमाई.’ अर्थात दूसरों की भलाई के समान अन्य कोई श्रेष्ठ धर्म … [Read more...]