Kabir Das ke Dohe: Part 2 संत कबीर के दोहे संत कबीर के दोहे दोहा 1: पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय। ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ॥ अर्थ : संत कबीर के अनुसार प्रेम की भाषा बोलने वाला और प्रेम के ढाई अक्षर पढनेवाला व्यक्ति ही पंडित होता है. मोटी मोटी किताब पढ़कर मन में कुटिलता रखनेवाला … [Read more...]