पंडित दीनदयाल उपाध्याय आजादी के उपरांत एक राजनीतिक दल के प्रमुख नेता होने के साथ ही उस राजनीतिक संगठन के प्रेरणास्रोत भी थे। एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता को इन बातों से छुटकारा नहीं मिल सकता कि देश, समाज, संस्कृति और सभ्यता जैसे विन्दुओं पर अपने विचार न रखे। किन्तु दीनदयाल जी ने जिन संस्कारों और … [Read more...]