निःस्वार्थ सेवा हिंदी पौराणिक कहानी प्रस्तुत कहानी श्री शिव पुराण से ली गयी है. गंगा के तट पर दानरूची नाम का एक विद्वान और दयालु ब्राह्मण रहता था. उसकी रूपवान और सुशील पत्नी भी उसी की तरह धार्मिक थी. दोनों ने अतिथि सेवा का व्रत ले रखा था. दानरूची नित्य अतिथि को भोजन कराकर ही भोजन किया करता … [Read more...]