भगवान सूर्य की उपासना भारतीय परंपरा का एक अभिन्न अंग है. सूर्य देव की उपासना को बहुत ही लाभप्रद माना गया है. यहाँ श्री सूर्य देव का स्तोत्र दिया जा रहा है. यह स्त्रोत ऋषि धौम्य द्वारा रचित है.
इस स्त्रोत के पाठ से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है. मनुष्य को बहुत सारी बीमारियों से निजात मिल जाती है. सूर्य की उपासना से कुंती को कर्ण जैसा प्रतापी पुत्र प्राप्त हुआ. सूर्य देवता की स्तुति विशेष रूप से छात्रों के लिये लाभकारी होता है.
कहा गया है कि जिस छात्र में एकाग्रता की कमी होती है, मन भटकता है, कभी वह एक काम की सोचता है तो कभी दूसरे की. कभी पी ओ की तैयारी करने की सोचता है तो कभी कुछ और. इस तरह के छात्र यह तय नहीं कर पाते हैं कि वह क्या करें ताकि जीवन में आगे बढ़ सकें. ऐसे छात्र को या ऐसे व्यक्ति को भगवान सूर्य की आराधना करनी चाहिए.
सुबह सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को जल अर्पण करना चाहिए. यदि आप यह पूरा स्त्रोत नहीं पढ सकते या आपके पास समय का अभाव है तो आप सिर्फ ॐ घ्रिणी सूर्याय नमः का जाप करें. धीरे धीरे आपका मन एकाग्र हो जाएगा. आप अपने एकमात्र लक्ष्य को सेट करने में सफल होंगे.
Sun Prayer in Sanskrit
नीचे भगवान सूर्य देव की छवि के साथ ही साथ श्री सूर्य स्त्रोत भी दिया गया है. अगर आप चाहें तो इसका प्रिंट आउट निकालकर पाठ कर सकते हैं.
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