Hindi Thoughts Anmol Vichar अनमोल वचन
1. महान पापी भी यदि ईश्वर को अपना एकमात्र शरणदाता मानकर उनको अनन्य चित्त से पुकारता है तो वह भी साधु ही माना जाता है.
2. भगवान की कृपा में जितना बल है उतना पापियों के पाप में नहीं. भगवान की सभी शक्तियों में उनकी कृपा शक्ति सबसे बड़ी होती है. इसलिए भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिये सतत प्रयत्न शील रहना चाहिए.
3. अनजाने में या जान बुझकर भी लिया गया भगवद नाम मनुष्य के समस्त पापों को जलाकर राख कर देता है. इसलिए नाम जप की बहुत महत्ता है.
4. धन और भोगों से संतोष न होना ही जीवों के संसार बंधन में पड़ने का सबसे बड़ा कारण है. जो कुछ प्राप्त हो जाए, उसी में संतोष प्राप्त कर लेने वाले ही मुक्ति पाते हैं.
5. भोगों की प्राप्ति से भोग कामना कभी शांत नहीं होती. यह तो ईंधन और घी से प्रज्वलित होने वाली अग्नि की भांति अधिकाधिक बढ़ती जाती है.
6. किसी भी स्थिति, प्राणी, पदार्थ, अवस्था, वस्तु आदि से जो सुख की आशा रखता है, वह कभी सुखी नहीं हो सकता.
7. मन की अनुकूलता में सुख है और मन की प्रतिकूलता में दुःख है. सुख या दुःख किसी वस्तु या स्थिति में नहीं है, न ही कोई सुख अथवा दुःख देता है.
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8. पतन और पाप का कारण प्रारब्ध नहीं है. विवेक का अनादर कर कामना के वश आकर मनुष्य पाप कर्म करता है और वाही उसके पतन का कारण होता है.
9. अपने शरीर से भगवद स्वरुप जगत की सेवा करें और मन ही मन भगवान की सेवा करें. यही परम साधन और साधना है.
10. दूसरे के दुःख को कभी भी अपना सुख नहीं बनावे. अपना सारा सुख देकर दूसरों के दुखों का हरण करें. इसी में परम सुख है.
11. सच्ची श्रद्धा का अभिप्राय है – ईश्वर, साधु, शास्त्र और परलोक में आदर पूर्वक प्रत्यक्ष की भांति विश्वास.
Note : आपको ये Hindi Thoughts Anmol Vichar अनमोल वचन कैसे लगे, अपने विचार comment द्वारा जरुर दें. धन्यवाद!
Mamta Sharma says
Great thoughts Pankaj! Hope we would follow it too, although we do try to!
malathi says
nice post
Sangeeta sharma says
Awesome quotes collection by the writer