मेक इन इंडिया से बदलेगी ग्रामीण भारत की तस्वीर और तकदीर
जैसा कि हमें पता है कि भारत गाँवों का देश है. हमारी सवा सौ करोड़ आबादी में से 83.3 करोड़ लोग आज भी गाँव में रहते हैं. गाँव के लोगों का एकमात्र रोजगार खेती करना ही है, क्योंकि वहां रोजगार के अन्य विकल्प नहीं हैं.
लघु और कुटीर उद्योग का नितांत अभाव है, इसलिए लोगों की निर्भरता कृषि पर और भी बढ़ जाती है. खेती में छद्म रोजगार भी है अर्थात जिस खेत में 2 लोगों को काम मिल सकता है, उतने ही काम को घर के कई लोग किये जा रहे हैं.
किसानी करके लोग दो वक़्त की रोटी भी नहीं जुटा पा रहे हैं. खेती करने के लिये भी पूंजी की जरुरत होती है और इसके लिये किसान महाजन के पास जाते हैं और महाजन उनसे मोटी कमाई करते हैं.
हमारे देश में खेती बाडी आज भी भगवान भरोसे ही चल रहा है. किसान रोज मर रहे हैं क्योंकि कृषि कार्य के लिये समुचित इंतजाम नहीं है.
जिस देश की पहचान किसान थे आज उसी देश में किसानो का जीवन हाशिये पर चला गया है. उनकी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. एक सर्वे के अनुसार हमारे देश में किसानो की औसत मासिक कमाई १६६६ रुपये हैं. यह सोचकर भी आश्चर्य और दुःख दोनों होता है कि इतनी कम कमाई करने वाले किसान आखिर कैसे अपना पेट पालते होंगे.
Make in India Will Change the Fate of Rural India
भारत सरकार ने एक बहुत ही प्रभावी योजना Make in India को लांच किया है. इस योजना द्वारा आधारभूत संरचना की कमी को दूर किया जाएगा, रोजगार में बढ़ोतरी होगी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जायेगा और खेती और कृषि कार्य को बेहतर बनाया जायेगा. इस दिशा में Self Help Group, वित्तीय संस्थान की मदद लेकर मेक इन इंडिया को गति देने के लिये कार्य करेंगे. बहुत से ऐसे कार्य हैं जिसको थोड़ी सी मदद मिल जाय तो लोग उसमे रोजगार पाकर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं. जैसे बर्तन बनाना, कपड़े बुनना, घरेलु उपयोगी सामान बनाना, आदि.
शहरों में जब ग्रामीण क्षेत्रों में बनी इन सामग्रियों को display के लिये रखा जाता है तो इनकी कलाकारी देखते ही बनती है. यदि सरकार और अन्य संस्थान इनको प्रोत्साहन दें तो मौजूदा स्थिति को बदला जा सकता है. सबसे बड़ी समस्या इन स्वदेशी सामानों के proper marketing की है, यदि इनके सामानों को सही तरीके से बाजार तक पहुचाया जाय तो इनको बनाने वाले लोगों की जीवन दशा बदल सकती है.
Read More: कार्य की योजना का महत्व
मेक इन इंडिया की घोषणा के साथ ही एक आशा जगी है कि हमारे देश में रोजगार बढेगा. आज हम जिस घर में जाएँ, चीन में बनी कोई न कोई सामग्री जरुर मिल जायेगी. क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हमारे देश में बना सामान दुनिया के हर देश में बिके. हमारे पास मानव संसाधन की कोई कमी नहीं है. लोग काम करना चाहते हैं , वे शिक्षित हैं, अच्छा काम कर सकते हैं, लेकिन उनके हाथों को काम नहीं है.
आज लोग मेक इन इंडिया कार्यक्रम की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं कि वह दिन दूर नहीं जब उनके पास रोजगार होगा. जन सबके पास रोजगार होगा तभी देश का समावेशी विकास संभव हो सकता है.
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ARVIND says
Make in india एक महत्वाकांक्षी योजना है जोकि भारत के मध्यमवर्गीय और निम्न वर्ग के लोगो के जीवन स्तर का काया-पलट सकती है. गरीबी का उपाय मुफ्त में आटा- चावल देना नहीं बल्कि हर हाथ में काम देना है जिससे की कोई भी व्यक्ति खुद की आजीविका कमा सके
Dr G.P.Singh says
Bahut nayaab article pesh kiya hai aapne aur iske liye aapko dhanywaad aur bahut sari badhai ki aapki blog aasmaan chuye.