अमरूद हिंदी कहानी
एक गाँव में दो भाई थे – विजय और अजय. दोनों भाई में खूब प्रेम थे और उनका परिवार काफी खुशहाल और साथ–साथ था. दोनों भाइयों को एक एक बेटा था. एक दिन विजय को उसके बेटे और भतीजे ने दोनों आकर कहा – “पापा चलो न अमरुद के पेड़ पर दो अमरुद हैं उसे तोड़ दो न. हमें खाना है.” अजय वहीँ पास में बैठा कुछ काम कर रहा था. विजय ने एक बड़ा सा डंडा लिया और लगा अमरुद तोड़ने. पेड़ पर दो ही अमरुद थे. उसने दोनों अमरुद तोड़ लिए. उसमें एक अमरुद थोड़ा ज्यादा पका था और दूसरा थोड़ा कच्चा था. उसने एक अमरुद अपने दायें हाथ में और दूसरा अमरुद बाएं हाथ में पकड़ रखा था. दोनो बच्चे भागते हुए आये. दायें हाथ में पका अमरुद था जिधर उसका भतीजा आया और बाएं हाथ में कच्चा अमरुद था जिधर उसका बेटा था. विजय ने झट से अपने हाथों को क्रॉस कर दिया जिससे पका अमरुद उसके बेटे को मिल गया और कच्चा अमरुद उसके भतीजे को मिला. अजय भी यह सब कुछ देख रहा था. उसी समय वह अपने भाई के पास आया और बोला – भाई साहब! अब आपके नीयत में बदलाव आ गयी है, इसलिए हम अपना अपना गृहस्थी अलग कर लेते हैं. इस प्रकार एक अमरुद के चक्कर में परिवार टूट गया. कभी कभी छोटी छोटी बातों से भी बड़ा नुकसान होता है और सालों से साथ चल रहा परिवार टूट जाता है.
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