कोरोना ने कहर मचा रखा है. आज भारत जैसे देश में कोई भी ऐसा परिवार नहीं होगा जिसका कोई सगा- संबंधी, दोस्त या रिश्तेदार इससे प्रभावित नहीं हुआ होगा.
सुधा के पति दिन रात टीवी से चिपके रहते हैं. घर में या ऑफिस में जब भी वैक्सीन लेने की या वैक्सीनेशन की बात चलती सुधा के पति यानी सोमेंदर कुछ न कुछ खोंट निकाल ही देते. पत्नी पढी- लिखी थी. वह समझाती – देखिये जी! अब तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे लोगों ने भी वैक्सीन ले लिया. अब तो आप भी ले लीजिये.

सोमेंदर कोई न कोई बहाना बनाकर टाल जाता.
अचानक फरवरी महीने में कोरोना का एक लहर आया और सुनामी की तरह फैलने लगा. जिधर देखो लोगों के कोरोना के चलते मरने की ख़बरें आ रही हैं. इस बार एक खास चेंज यह हुआ कि लोगों का ऑक्सीजन स्तर तेजी से गिरने लगता है और ऑक्सीजन डिमांड बहुत बढ़ गया है. देश में ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिल रही है. शासन प्रशासन सब परेशान.
हर दिन सैकड़ों लोगों के मरने की खबर से आम अवाम परेशान है. सोमेंदर के कई जानने वाले भी कोरोना की वजह से चले गए .
अन्दर ही अन्दर अब सोमेंदर भी डरने लगा था.
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सुधा ने कहा – सुनिए जी! अब तो वैक्सीन ले लीजिये. अगर आपको कुछ हो गया तो मेरा और हमारे बच्चों का क्या होगा?
सोमेंदर ने कहा – चलो! अब वैक्सीन ले ही लेते हैं. इस बार कोरोना का संक्रमण बहुत तेज है. लोग तो यह भी कह रहे हैं कि अब यह वायरस हवा के माध्यम से भी फैलने लगा है.
उन्होंने अपने मोबाइल पर वैक्सीनेशन के लिए पंजीकरण करवाया और निश्चित दिन को वैक्सीनेशन सेंटर पर जा पहुंचे. वहां कतार में लगे लोगों को देखा तो कुछ हिम्मत बढी लेकिन मन में अन्दर ही अन्दर अभी भी डर बना ही हुआ था.
सोमेंदर को नर्स ने वैक्सीन लगा दी.

कोविड वैक्सीन लगवाकर जब सोमेंदर घर वापस आ रहा था तो अचानक उसे धुंधला दिखाई देने लगा. वह परेशान हो गया कि यह क्या हुआ. घर पहुँचते पहुँचते वह अत्यधिक घबरा गया. अपनी पत्नी सुधा को भी दो चार खरी खोटी सुनाया कि लो! इसी डर से मैं वैक्सीन नहीं लगवाना चाहता था. सुधा समझदार थी. उसने वैक्सीनेशन सेंटर पर फोन किया और अपने पति की सारी परेशानी बताई.
वैक्सीनेशन सेंटर के डॉक्टर ने सोमेंदर को तुरंत वहां आने को कहा. साथ ही यह भी बताया कि आपके यहाँ से जाते ही वैक्सीन लगाने वाली नर्स को भी धुंधला दिखना शुरू हो गया है.
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जब सोमेंदर वापस वैक्सीनेशन सेंटर पर पहुंचे तो वहां के डॉक्टर ने उसे उसका चश्मा देते हुए कहा कि आप अपना चश्मा लीजिये और नर्स का चश्मा जो आप पहनकर चले गए थे वापस कर दीजिये.
इसलिए वैक्सीनेशन कराने के लिए ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है. निश्चिन्त होकर वैक्सीन लगवाइए और किसी तरह के भ्रम , भय या अफवाह से बचिए.
शुरू शुरू में मैं भी सोमेंदर की तरह ही सोचता था लेकिन हिम्मत करके वैक्सीन ले लिया. सब कुछ सामान्य रहा. हमें वैक्सीनेशन सेंटर पर सिर्फ इतना बताया गया कि यदि बुखार आ जाए तो पेरासिटामोल ले लेना. यदि वैक्सीन वाले जगह पर सूजन हो तो बर्फ से सिंकाई कर लेना.

साथियों! टीम बेहतर लाइफ आप सबसे अनुरोध करता है कि यदि आप 18 साल से ज्यादा उम्र के हैं तो अपने पास के वैक्सीनेशन सेंटर पर जाएँ औए वैक्सीन लगवाएं.
साथ ही साथ सरकार द्वारा समय समय पर जारी कोरोना नियमों का जरुर पालन करें. अभी बुरा दौर चल रहा है लेकिन यह वक़्त भी गुजर जाएगा. आप सबका धन्यवाद!
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