स्थान 1 : हॉल में कोई 25 से 30 लोग थे. एक सामूहिक एक्टिविटी होनी थी. इसके लिए सबको एक एक heart-shaped balloon यानि गुब्बारा और एक एक toothpick यानि दांत खोदने वाला दिया गया. सबको पहले यह निर्देश दिया गया कि सब अपने- अपने बैलून फूला लें और इसे अच्छी तरह से बाँध लें. पांच मिनट में लगभग सबने अपने अपने बैलून फूला लिए.
अब यह कहा गया कि यह दिल के आकार वाले बैलून को आप अपना दिल समझो. अब आपको करना है कि अपने बैलून यानि दिल को बचाकर रखते हुए toothpick से दूसरों के बैलून यानि दिल को फोड़ देना है यानि उसकी हवा निकाल देनी है. सबसे ज्यादा बैलून फोड़ने वाले को इनाम भी मिलेगा. और अब इसके लिए आपको मिलते हैं पांच मिनट.
ले हो गया खेल शुरू. उछल कूद. भागम भागी. लोग कूद कूद कर बैलून फोड़ने लगे. क्या औरत क्या, क्या आदमी, अपनी बचाते हुए दुसरो का बैलून तोडना है . औरतें शुरू में तो थोड़ा शरमाई लेकिन देखा कि अरे मेरा बैलून तो किसी ने फोड़ दिया. अब तो उनकी भी नारी शक्ति जाग उठी. एक के पीछे पांच पांच लग गए. फोड़ के ही पीछा छोड़ा. ले दे के पांच मिनट में सभी लोगों के बैलून फुट चुके थे.
स्थान 2 : स्थान 2 पर भी यही activity कराया गया. कोई 40 सहभागी थे. सबने अपने अपने बैलून फूला लिए. Toothpick भी ले लिया. अब आई बारी गुब्बारा फोड़ने की. Start now. सभी participants एक दूसरे की ओर देखने लगे. पांच मिनट का समय निकल गया. किसी ने किसी का बैलून नहीं फोड़ा. वाह! क्या बात है.
दोनों केस में हम क्या अंतर पाते हैं. हम बिना सोचे समझे किसी का दिल तोड़ देते हैं और परिणाम एक टुटा दिल रह जाता है और हमारे हाथ में रह जाता है एक सुई की तरह चुभनेवाला toothpick. लेकिन जहाँ यह समझ है कि हम किसी का दिल क्यों तोड़े वहां कोई गुब्बारा नहीं फूटता. दूसरों का दिल दुखाने से पहले हमें पहले अपने बारे में सोच लेना चाहिए कि यदि यही मेरे साथ हो तो मुझे कैसा लगेगा. यह activity आपको कैसा लगा. Please give your feedback through comments.
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