नेपोलियन हिल के अनुसार भय सबसे बड़ा शत्रु है, जो हमें सफल बनने से रोकता है. यह डर लोगों की तर्क शक्ति को निष्क्रिय बना देता है. Imagination Power को नष्ट कर देता है, self confidence को मार देता है. Initiative लेने की शक्ति को हतोत्साहित कर देता है. लक्ष्य को अनिश्चित बना देता है. टालमटोल को बढ़ावा देता है. इच्छा शक्ति को शुन्य कर देता है. महत्वाकांक्षा को नष्ट कर देता है और हर रूप में असफलता को आमंत्रित करता है. शोपनेर के अनुसार हम हमेशा इस बारे में सोचते हैं कि हमारे पास क्या नहीं है. हम इस बारे में बहुत कम सोचते हैं कि हमारे पास कितना कुछ है. गरीबी का भय सबसे बड़ा घटक है. इससे आप को जीतना होगा. इस भय से पीड़ित व्यक्ति अच्छे कपडे पहन सकता है किन्तु उन कपड़ों के पीछे अपने झुके हुए कन्धों को नहीं छिपा सकता है. इसलिए पहले मन से गरीबी का भय निकल फेंकना होगा.
धीरुभाई अम्बानी को कौन नहीं जानता. वे बेहद गरीब थे. उन्होंने मन में इस भय को पैदा ही नहीं होने दिया. यदि मन में गरीबी या असफलता के भय को कभी हाबी होने दिया होते तो जीवन में कभी भी सफल होते ही नहीं. उन्होंने इस fear factor से fight किया और साबित किया कि गरीबी सफलता या अमीरी के रस्ते का कंटक नहीं होता. अतः यदि आपके मन में इस तरह का कोई fear factor है तो please throw it away. मन से भय का भूत निकल फेंकिये सफलता आपके क़दमों को चूमेंगी.
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के अनुसार –
नींद कहाँ उनकी आँखों में जो धुन के मतवाले हैंi
गति की तृषा और बढ़ती पड़ते जब पाँव में छाले हैंII
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