भक्तकवि रसखान भगवान श्री कृष्ण एक अन्यतम भक्त थे. इस मुस्लिम कवि का जन्म हरदोई जिले के पिहानी गाँव में सन 1548 में हुआ था. उनका असली नाम सैयद इब्राहीम था. वे कृष्ण की भक्ति में रंगे थे. उनकी कविता कृष्ण के प्रेम में पगी है. इनको रस का खान कहा जाता है. इनके काव्य में भक्ति और श्रृंगार का सुन्दर मिलन दीखता है. रसखान रीतिकाल के एक प्रमुख कवी थे. उनकी भाषा शुद्ध ब्रजभाषा है. वे कवित्त और सवैयों के लिए अधिक प्रसिद्ध हैं. उन्हें फारसी का भी ज्ञान था. रसखान को ब्रजभाषा का प्रतिनिधि कवि कहा जा सकता है. उनकी पांच कृतियाँ बताई जाती हैं परन्तु ‘प्रेम वाटिका’ और ‘सुजान रसखान ‘ प्रमुख हैं. आइये प्रस्तुत है Raskhan Quotes in Hindi.
Raskhan Quotes in Hindi भक्तकवि रसखान के अनमोल विचार
1. यदि प्रभु मुझे मनुष्य का जन्म दें तो मेरी कामना है कि मैं गोकुल गाँव के ग्वालों के साथ रहूँ. यदि अगले जन्म में पशु बनूं तो मैं नित्य नन्द बाबा की गौओं के बीच चरुं, यही मेरी कामना है.
2. सस्त्र्ण पढ़ी पंडित भये, मैं मौलवी कुरआन.
जू पी प्रेम जान्यो नहीं कहा कियो रसखान
3. जिन श्रीकृष्ण पर ब्रज के गोप- गोपियाँ मुग्ध थे और स्वयं गोप-गोपियों से अत्यधिक प्रेम करते थे, क्यों न उन्हीं श्रीकृष्ण से प्रेम किया जाए.
4. शंकर जी आक-धतूरा चबाते रहते हैं, विष खाते रहते हैं फिर भी उनका कुछ नहीं बिगड़ता, क्योंकि हे गंगा माता, उन्होंने तुझे अपने सर पर धारण किया है, ऐसा है तेरा प्रभाव.
5. मेरी आँखें सदैव ब्रज के वन, बाग़ और तालाब आदि का दर्शन करती रहें, यही मेरी कामना है?
“कृष्ण भक्त कवियों के इस अभ्युथान काल में हम अत्यंत सरस पदों के रचयिता सच्चे प्रेम मग्न कवि रसखान को नहीं भूल सकते, जो ब्रजभाषा की अनुपम मधुरिमा पर मुग्ध और कृष्ण की लीलाओं पर लट्टू थे. जाति -पाति के बहुत ऊपर जो शुद्ध प्रेम का सात्विक बंधन है, उसी में रसखान बंधे थे. हिंदी के मुसलमान कवियों में रसखान का स्थान बहुत ऊपर है.”– डॉ श्यामसुंदर दास ( हिंदी साहित्य के इतिहास के लेखक) |
6. श्रीकृष्ण ने मेरे मन पर जादू कर दिया है, उनके सिवाय मुझे और कुछ भाता ही नहीं है. वे ही मेरे आराध्य हैं, सब कुछ हैं.
7. जिसने प्रेम को नहीं जाना, उसने संसार में कुछ नहीं जाना. प्रेम को अच्छी तरह जान लेने पर फिर जानने के लिए कुछ शेष नहीं रहता, अर्थात् इस संसार में प्रेम ही सब कुछ है.
8. जो मनुष्य प्रेम की फांस में फँस कर मर जाता है, वह अमर हो जाता है, क्योंकि प्रेम ही जीवन है. जिसने प्रेम के मर्म को नहीं समझा, उसका जीवन वृथा है. वह मरे के समान है.
9. अपार संपत्ति एकत्र करना अथवा योगी बन कर शरीर में भस्म लगाना, पांच प्रकार की अग्नि को सहना या समुद्र के आर-पार के राज्य को जीत लेना, जाप करना, अनेक प्रकार के तप और संयम करना हजारों तीर्थों की यात्रा करना आदि सब व्यर्थ है, यदि नन्द कुमार श्रीकृष्ण से प्रेम न किया और उनका दर्शन न किया.
10. हे गंगा माता, तेरे पवित्र जल की महिमा का क्या कहना, वह तो साक्षात् संजीवनी है, वैद्द की औषधि खाकर यदि गंगाजल का पान किया जाय तो फिर किसी अन्य पथ्य की आवश्यकता नहीं रहती.
11. हे गंगा माता, तेरा जल तो अमृतमय है, इसलिए वह विष के प्रभाव को भी मिटा देता है.
12. देख्यो रूप अपर मोहन सुंदर श्याम को,
वह ब्रजराज कुमार हिय जिय नैननि में बस्यो.
Raskhan Quotes in Hindi के अलावे इसे भी पढ़ें:
- Jaishankar Prasad Quotes in Hindi जयशंकर प्रसाद उद्धरण
- Mahadevi Verma Quotes in Hindi महादेवी वर्मा के उद्धरण
- Munshi Premchand Famous Hindi Quotes
- Ram Manohar Lohia Quotes in Hindi डा. राम मनोहर लोहिया के विचार
- Bhartrihari Quotes in Hindi भर्तृहरि के अनमोल विचार
Join the Discussion!