मुंशी प्रेमचंद के अनमोल विचार
Munshi Premchand Famous Hindi Quotes/हिंदी के महानतम लेखक और प्रसिद्द उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनकी रचनाओं में ग्रामीण संस्कृति की झलक मिलती हैं. उनकी रचना गोदान को ग्रामीण संस्कृति का महाकाव्य कहा जाता है. गोदान, गबन, प्रेमाश्रम, कर्मभूमि, रंगभूमि, सेवासदन, मानसरोवर आदि अनेक प्रसिद्द रचनाएँ हैं.
इस पोस्ट में उनके कुछ विचार जानते हैं. प्रस्तुत है Munshi Premchand Famous Hindi Quotes:
1. बच्चे मन के राजा होते हैं. (वरदान 1920)
2. सौभाग्यवती स्त्री के लिये उसका पति संसार की सबसे प्यारी वस्तु होती है.
3. मनुष्य का प्रारब्ध बहुत कुछ अवसर के हाथ में रहता है. अवसर उसे भला भी मानता है और बुरा भी.
4. मनुष्य का ह्रदय अभिलाषाओं का क्रीडा स्थल और कामनाओं का आवास है.
5. ह्रदय का मिलाप सच्चा विवाह है. सिंदूर का टीका, ग्रंथि-बंधन और भांवर – ये सब संसार के ढकोसले हैं.
6. केवल धन से बड़ा कोई थोड़े ही हो जाता है. धर्म का महत्व धन से कहीं बढ़कर है. (सेवासदन 1918)
7. स्त्रियों को अगर ईश्वर सुन्दरता दें तो धन से वंचित न रखें. धन हीन चतुर सुन्दर स्त्री पर दुर्व्यसन का मंत्र शीघ्र ही चल जाता है.
8. घर के कोने और माता के आँचल में बहुत अंतर है. एक शीतल जल का सागर है दूसरा मरुभूमि.
9. बुराइयों का मुख्य उपचार मनुष्य का सद्ज्ञान है. इसके बिना कोई उपाय सफल नहीं हो सकता.
10. रिश्वत का पैसा देह फुला देता है. (प्रेमाश्रम 1922)
11. विद्या से आदमी की बुद्धि ठीक हो जाती है.
12. विद्या से और कुछ नहीं होता तो दूसरों का धन ऐठना आ ही जाता है. मुरख होने से तो अपना धन गवाना पड़ता है.
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13. अपना आदर करनेवाले के सामने अपना अपमान कई गुना असह्य हो जाता है. (रंगभूमि 1924)
14. पैसे का लोभ बुरा होता है.
15. आत्मस्वातंत्र्य का खून करके अगर जीवन की चिंताओं से निवृति हुई तो क्या?
16. जब अपने माता –पिता अपने शत्रु हो रहे हों तो दूसरों से भलाई की क्या आशा!
17. भूले भटके को प्रेम ही सन्मार्ग पर लाता है.
18. संकट में ही धीरज और धर्म की परीक्षा होती है.
19. मूर्खों के पास युक्तियाँ नहीं होती, युक्तियों का उत्तर वे हाथ से देते हैं.
20. दीनता से जो काम निकल जाता है डींग मारने से नहीं निकलता है.
21. बदनामी के दर से जो आदमी मुँह फेर ले वह आदमी नहीं है.
22. अंधे भिखारी के लिये दरिद्रता उतने शर्म की बात नहीं है जितना धन.
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yogi Saraswat says
सुन्दर संकलन पंकज जी !!