प्रस्तुत पोस्ट में हम 4 Candles Hindi Inspirational Story शेयर करने जा रहे हैं। इस कहानी को हम परम आदरणीय श्री भुवन भास्कर जी की अनुमति से प्रकाशित करने जा रहे हैं। आप बिहार सरकार में उच्च प्रशासनिक पदाधिकारी हैं। आप सोशल मीडिया के द्वारा लोगों के जागरण और उनके आध्यात्मिक उन्नयन के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं ।

4 Candles Hindi Inspirational Story 4 मोमबत्तियां प्रेरक हिंदी कहानी कुछ इस प्रकार है:
रात्रि का समय था। चारों तरफ चिर शांति छाई हुई थी। पास के ही एक कमरे में 4 मोमबत्तियां जल रही थीं। आसपास के वातावरण को बिलकुल शांत पाकर आज वे आपस मे दिल की बात कर रही थीं। पहली मोमबत्ती कहती है, “मैं शांति हूँ, लेकिन मुझे अब ऐसा लगता है कि इस दुनिया को मेरी ज़रुरत नहीं रही। हर ओर इस प्रकार की आपाधापी और लूट-मार मची हुई है कि मत पूछो। मैं यहाँ अब और नहीं रह सकती।” ऐसा कहने के बाद उस पहली मोमबत्ती की लौ क्षीण होने लगी और कुछ देर बाद वह मोमबत्ती बुझ गई।
दूसरी मोमबत्ती कहती है, “मैं विश्वास हूँ, और मुझे लगता है कि झूठ और फरेब से भरे इस वातावरण में मेरी भी यहाँ कोई ज़रुरत नहीं है। मैं भी यहाँ से जा रही हूँ। ” और दूसरी मोमबत्ती भी बुझ गई।
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तीसरी मोमबत्ती भी दुखी होते हुए कहती है, “मैं प्रेम हूँ। मेरे पास जलते रहने की शक्ति है, पर आज हर कोई इतना व्यस्त है कि मेरे लिए किसी के पास समय ही नहीं। दूसरों से तो दूर लोग अपनों से भी प्रेम करना भूलते जा रहे हैं। मैं ये सब और नहीं सह सकती। मैं भी अब इस दुनिया से जा रही हूँ। ” और ऐसा कहते हुए तीसरी मोमबत्ती भी बुझ गई। तीसरी मोमबत्ती अभी बुझी ही थी कि एक छोटा बालक उस कमरे में प्रवेश करता है ।
इस प्रकार मोमबत्तियों को बुझे देख वह घबरा गया। उसकी आँखों से आंसू बहने लगे और वह रुंआसा होते हुए बोला, “अरे, तुम मोमबत्तियां जल क्यों नहीं रही? तुम्हें तो अंत तक जलना है! तुम इस तरह बीच में हमें कैसे छोडकर जा सकती हो?”
तभी चौथी मोमबत्ती उस बालक से कहती है, ” अरे ओ प्यारे बच्चे! रोओ नहीं, घबराओ नहीं। मैं आशा हूँ और जब तक मैं जल रही हूँ हम बाकी सभी मोमबत्तियों को फिर से जला सकते हैं।” इतना सुन उस बच्चे की आँखें चमक उठीं और उसने आशा के बल पर शांति, विश्वास और प्रेम रूपी मोमबती को जलाकर पूरे कमरे को फिर से प्रकाशित कर दिया।
4 Candles Hindi Inspirational Story से हमें क्या सीख मिलती है?
दोस्तो, जब आपको आपके आसपास सबकुछ बुरा होते दीखे, चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा दिखाई दे, अपने भी आपका साथ छोडने लगे तो भी आप हिम्मत नहीं हारें । अपनी आशा की मोमबत्ती को जलाए रखिए, बस अगर ये जलती रहेगी तो आप किसी भी और मोमबत्ती को प्रकाशित कर सकते हैं।
आज कुछ दिन पहले हमने अपने एक प्रिय कलाकार सुशांत सिंह राजपूत को खो दिया। बहुत ही कम समय में उन्होने जिस ऊंचाई को छू लिया वह बहुत प्रशंसनीय है । लेकिन आपने अपनी उम्मीद क्यों छोड़ दी । आपको तो अभी बहुत ऊपर जाना था । आप तो मध्यम वर्ग के उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा थे।
वह कहावत तो आप लोगों ने अवश्य ही सुनी होगी – “हारिये न हिम्मत बिसारिए न हरि नाम। जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए।” आशा के साथ परमात्मा पर विश्वास रखिए। सफलता न मिली तो उनकी इच्छा, सफलता मिली तो उनकी कृपा।
आप इस ब्लॉग पर पधारे इसके लिए आपका कोटिशः धन्यवाद!
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