Take Decision Wisely Hindi Kahani अपना निर्णय बुद्धिमानी से लें
यह पोस्ट Take Decision Wisely Hindi Kahani एक बहुत ही प्रसिद्ध कहानी है. मैं आप लोगों के लिए इसे एक बार पुनः शेयर करना चाहता हूँ , यह कहानी को एक reminder समझ कर एक बार जरुर पढ़ लें.
माखनपुर गाँव के किसी तालाब में तीन मछलियां परिवार सहित रहती थीं. उनके नाम अनागतविधाता, प्र्त्युत्त्पन्न्मति तथा यदभविष्य थे. इनमें अनागतविधाता बेहद व्यवहार कुशल थी. वह अपने सभी कार्य योजनाबद्ध ढंग से किया करती थी. प्र्त्युत्त्पन्न्मति भी बड़ी प्रवीण थी और अपनी बड़ी बहन अनागतविधाता को अच्छी सलाह देती रहती थी. लेकिन सबसे छोटी यदभविष्य को इधर-उधर तैरना ही अधिक सुहाता था. काम करना उसे पसंद न था.
एक दिन कुछ मछुआरे उस तालाब की ओर आ निकले. एक मछुआरा अपने साथियों से बोला, “यही वह तालाब है, जिसका जिक्र मैं तुमसे कर रहा था. इस तालाब में मछलियां भरी पड़ी हैं. कल हम यहां आएँगे और सभी मछलियाँ पकड़ ले जायेंगे.”
संयोगवश अनागतविधाता ने मछुआरों की बात सुन ली. वह अन्य मछलियों से बोलीं, “अच्छा तो यही होगा कि हम यह तालाब छोडकर किसी अन्य तालाब में आश्रय ले लें. हमारे प्राण तो बचे रहेंगे.”
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प्र्त्युत्त्पन्न्मति सहित सभी मछलियां इस बात पर सहमत थीं. लेकिन यदभविष्य बोलीं, “हम कायरों की भांति इस तालाब को छोडकर क्यों जाएं. आने दो मछुआरों को, हम सब मिलकर प्रयास करेंगे कि वे हमें अपने जाल में फांसने न पायें. फिर क्या पता मछुआरे यहाँ आते भी हैं या नहीं. यूं भी मरना तो एक दिन सभी को है, तो मृत्यु से डरना कैसा?”
लेकिन अनागतविधाता और प्र्त्युत्त्पन्न्मति उसकी बात से सहमत न हुई और अन्य सभी मछलियों को लेकर दूसरे तालाब की ओर चल दीं.
अगली सुबह मछुआरे तालाब पर आ पहुंचे और जाल नदी में फेक दिया और जब उन्होंने जाल खींचे तो उसमें यदभविष्य और उसके जैसी अन्य मछलियाँ फंसी छटपटा रहीं थीं, जो तालाब छोड़कर नहीं गई थीं. अब उन्हें पछतावा हो रहा था कि क्यों उन्होंने अच्छी सलाह पर अमल नहीं किया. लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था.
यह कहानी बहुत छोटी है, कुछ लोगों को यह महत्वहीन लगे लेकिन इसमें जो सीख छिपी है वह बहुत महत्वपूर्ण है. यानि हमारी निर्णय लेने की क्षमता और सही समय. सही समय पर सूझ -बुझ से लिया गया निर्णय बहुत काम का होता है और कभी -कभी तो यह हमारे जीवन की दिशा और दशा को बदलने में निर्णायक सिद्ध होता है. इसलिए भविष्य के बारे में कोई भी निर्णय समझदारी से लेना चाहिए.
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