थॉमस एडीसन ने एक बार कहा था, “सोच सभी के लिए सबसे मुश्किल अभ्यास है.” यह कहा गया है कि लोग तीन प्रकार के होते हैं. बहुत ही कम लोग सचमुच सोचते हैं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सोचते हैं कि उन्हें सोचना चाहिए, और शेष लोग ऐसे होते हैं जो सोचने की बजाय मरना ज्यादा पसंद करते हैं.
1. यद्यपि आप अपने जीवन में महत्वपूर्ण मुद्दों और समस्याओं से जूझ रहे हों, लेकिन ऐसी स्थिति में भी चिंतन के लिए समय निकालें. इसके लिए तीस, साठ और फिर नब्बे मिनट का समय अलग से निकालें. पीटर ड्रकर ने अनुसार, “जल्दी जल्दी निर्णय लेने वाले लोगों का निर्णय आम तौर पर गलत लोगों को निर्णय होता है.” इसके अलावा, अपने परिवार, सम्बन्ध, कैरियर, धन या किसी भी अन्य प्रमुख मुद्दा के लिए तेजी से लिया गया निर्णय आम तौर पर गलत निर्णय होता है.
2. लगभग 30-60 मिनट के लिए चुपचाप बैठ कर चिंतन करें. नियमित रूप से एकांत का अभ्यास करें. “मौन रहने का अभ्यास करें.” मौन रहने का अभ्यास शुरू में थोड़ा कठिन लगता है लेकिन निरंतर अभ्यास करते रहने से आप मौन रह सकते हैं.
3. जब भी आप अधिक से अधिक तीस मिनट के लिए एकांत का अभ्यास करते हैं, आप अपने सुपर चेतन मन को सक्रिय करते हैं और आपका अंतर्ज्ञान काम करने लगता है. आप अपने मन की आवाज को सुन पाते हैं और सही निर्णय ले पाते हैं.
स्पष्ट चिंतन का अभ्यास के अलावे इसे भी पढ़ें: अपने शरीर की घड़ी को सेट करें
4. अच्छी तरह से सोचने के लिए एक कागज का टुकड़ा/ मोबाइल का नोट/ कंप्यूटर का नोटपैड आदि प्रयोग करें और आप जिस भी समस्या का सामना कर रहें हैं उसका बारे में विस्तार से लिखें. कभी-कभी, लिखते- लिखते ही सही बातें स्वतः सामने आने लगती है.
5. अरस्तू ने एक बार कहा था कि ज्ञान (अच्छा निर्णय करने की क्षमता) अनुभव और प्रतिबिंब का एक संयोजन है. जितना अधिक समय आप अपने अनुभवों के बारे में चिंतन में लगाते हैं, अधिक महत्वपूर्ण सबक आप उनसे सीख पाते हैं.
6. 30-60 मिनट के सैर या व्यायाम के लिए जाइए. बहुधा जब आप व्यायाम कर रहे होते हैं, आपके मन में ऐसे विचार हैं जो आपको बेहतर ढंग से सोचने और बेहतर निर्णय लेने में मदद करते हैं.
7. आप अपनी स्थिति पर किसी और से बात कर सकते हैं जिसे की आप पसंद और भरोसा करते हैं, और जो इसमें भावनात्मक रूप से शामिल नहीं है. प्रायः, एक अलग नजरिया पूरी तरह से आपके दृष्टिकोण को बदल देता है.
8. हमेशा पूछो, “मेरा अनुमान क्या हैं?” यह क्या है कि आप स्थिति के बारे में सच्चा होना मान रहे हैं?
9. क्या होगा अगर अपनी मान्यतायें गलत थे? क्या होगा अगर आप झूठी सूचना के आधार पर पहल कर गए थे? हमेशा आप पूरी तरह से इस संभावना के लिए तैयार रहे कि अपने वर्तमान कार्रवाई के लिए पूरी तरह से गलत हो सकते हैं. पूरी तरह से कुछ अलग करने के लिए हमेशा तैयार रहें.
स्पष्ट चिंतन का अभ्यास के अलावे इसे भी पढ़ें: गलतियों से सीखें, निराश न होएं.
नोट : अगर आपके पास कोई Hindi Story, Life Story of a Personality, या फिर कोई motivational या inspirational article है जो हमारे जीवन को किसी भी तरीके से बेहतर बनाता हो तो कृपया हमारे साथ शेयर करें. आपका लेख आपके फोटो के साथ पोस्ट किया जायेगा. आपको पूरा क्रेडिट दिया जायेगा.
हमारा ईमेल है : [email protected]
शालिनी कौशिक says
.सार्थक जानकारी भरी पोस्ट . मोदी संस्कृति:न भारतीय न भाजपाई . .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MAN