मुँह में छाले होने पर
मिश्री कत्था तनिक सा,चूसें मुँह में डाल।
मुँह में छाले हों अगर,दूर होंय तत्काल।।
अतिसार (Diarrhoea) होने पर
गाजर का रस पीजिये, आवश्कतानुसार।
सभी जगह उपलब्ध यह, दूर करे अतिसार।।
पथरी (stone) होने पर
1. मूली की शाखों का रस,ले निकाल सौ ग्राम।
तीन बार दिन में पियें,पथरी से आराम।।
2. आधा कप अंगूर रस, केसर जरा मिलाय।
पथरी से आराम हो, रोगी प्रतिदिन खाय।।
3. दो चम्मच रस प्याज की,मिश्री सँग पी जाय।
पथरी केवल बीस दिन,में गल बाहर जाय।।
4. सदा करेला रस पिये, सुबह और शाम।
दो चम्मच की मात्रा, पथरी से आराम।।
5. एक डेढ़ अनुपात कप, पालक रस चौलाइ।
चीनी सँग लें बीस दिन, पथरी दे न दिखाइ।।
6. खीरे का रस लीजिये,कुछ दिन तीस ग्राम।
लगातार सेवन करें, पथरी से आराम।।
7. बैगन भुर्ता बीज बिन,पन्द्रह दिन गर खाय।
गल-गल करके आपकी,पथरी बाहर आय।।
8. लेकर कुलथी दाल को,पतली मगर बनाय।
इसको नियमित खाय तो,पथरी बाहर आय।।
चुभा कांटा निकालने के लिए
जहाँ कहीं भी आपको,काँटा कोइ लग जाय।
दूधी पीस लगाइये, काँटा बाहर आय।।
उल्टी आने पर
पौदीना औ इलायची, लीजै दो-दो ग्राम।
खायें उसे उबाल कर, उल्टी से आराम।।
सिर दर्द होने या मुँह सूजने पर
छिलका लेंय इलायची,दो या तीन गिराम।
सिर दर्द मुँह सूजना, लगा होय आराम।।
तिल (mole ) बाहर निकालने के लिए
अण्डी पत्ता वृंत पर, चुना तनिक मिलाय।
बार-बार तिल पर घिसे,तिल बाहर आ जाय।।
स्वस्थ शरीर के लिए
हरड बहेडा आँवला चौथी नीम गिलोय
पंचम जीरा डालकर सुमिरन काया होय॥
अर्श या पाइल्स के लिए
खट्टा दामिड़ रस, दही,गाजर शाक पकाय।
दूर करेगा अर्श को,जो भी इसको खाय।।
नाक से बहते खून (Nose bleeding ) को रोकने के लिए
रस अनार की कली का, नाकबूँद दो डाल।
खून बहे जो नाक से,बंद होय तत्काल।।
चक्कर आने पर
भून मुनक्का शुद्ध घी,सैंधा नमक मिलाय।
चक्कर आना बंद हों, जो भी इसको खाय।।
मुंह का बदबू दूर करने के लिए
दामिड़(अनार) छिलका सुखाकर,पीसे चूर बनाय।
सुबह-शाम जल डालकम, पी मुँह बदबू जाय।।
बिच्छू का विष दूर करने के लिए
चूना घी और शहद को, ले सम भाग मिलाय।
बिच्छू को विष दूर हो, इसको यदि लगाय।।
जुकाम होने पर
गरम नीर को कीजिये, उसमें शहद मिलाय।
तीन बार दिन लीजिये, तो जुकाम मिट जाय।।
कफ़ या खांसी होने पर
अदरक रस मधु(शहद) भाग सम, करें अगर उपयोग।
दूर आपसे होयगा, कफ औ खाँसी रोग।।
पेट दर्द में आराम के लिए
ताजे तुलसी-पत्र का, पीजे रस दस ग्राम।
पेट दर्द से पायँगे, कुछ पल का आराम।।
आग से जलने पर
बहुत सहज उपचार है, यदि आग जल जाय।
मींगी पीस कपास की, फौरन जले लगाय।।
घाव होने पर
रुई जलाकर भस्म कर, वहाँ करें भुरकाव।
जल्दी ही आराम हो, होय जहाँ पर घाव।।
पेट में कीड़ा होने पर
नीम-पत्र के चूर्ण मैं, अजवायन इक ग्राम।
गुण संग पीजै पेट के, कीड़ों से आराम।।
पीलिया या जौंडिस होने पर
दो-दो चम्मच शहद औ, रस ले नीम का पात।
रोग पीलिया दूर हो, उठे पिये जो प्रात।।
पेचिश होने पर
मिश्री के संग पीजिये, रस ये पत्ते नीम।
पेंचिश के ये रोग में, काम न कोई हकीम।।
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