कहा गया है कि समय की बर्बादी रोकना ही समय बचाना है. हालांकि यह वाक्य सभी पर लागू होती है, लेकिन इसे छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे प्रतिभागियों पर विशेष रूप से लागू होती है. कैरियर के निर्माण में इस काल खंड का समय बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. बाद में इसके लगातार अभ्यास से यह हमारे जीवन का भाग बन जाता है और हमारी पर्सनालिटी अच्छी होती जाती है. प्रस्तुत पोस्ट Save Time Personal Development Article समय कैसे बचाएं में हम इसी पर यानी समय नियोजन पर बात करेंगे.
Save Time Personal Development Article समय कैसे बचाएं
यह सत्य है कि समय निश्चित है, चाहे वह मिनट के रूप में हो, चाहे घंटे में, चाहे दिन के रूप में और चाहे सप्ताह या वर्ष के रूप में हो. इसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. दूसरी ओर हमें मुख्य कामों, जैसे विद्यार्थीयों के लिए पढाई के लिए अधिक समय चाहिए. अब यह अधिक समय कहाँ से आए. निश्चित है कि हमें गैरजरूरी, समय खाऊ और फालतू कामों से समय बचाना होगा. अर्थात फालतू काम, बुरी आदतें रोकनी होंगी. ताकि इनके बचे हुए समय को मुख्य कामों की ओर मोड़ा जा सके. पूर्वजों ने कहा है कि –
धीरे-धीरे वक्त गुजर जाएगा
आप यूँ ही देखते रह जाओगे
हमें इसी धीरे धीरे गुजरते वक्त को एकत्र करके मिनट, घंटा, दिन और सप्ताहों में बदलना होगा, ताकि इस एकत्रित समय को जरूरी और अहमियत वाले कामों में खर्च करके कम समय में ज्यादा उपलब्धि प्राप्त की जा सके. इस सम्बन्ध में आपको एक घटना बताते हैं.
स्टीव जॉब्स का समय के प्रति नजरिया
एप्पल कम्पनी के संस्थापक स्टीव जाब्स एक दिन उस सेक्सन में गए, जहाँ पर पडंब नामक कम्प्यूटर बन रहा था. स्टीव ने इंजीनियरों से कहा कि पडंब के आपरेटिंग सिस्टम में यूजर का अधिक समय लगता है. इस समय को घटाइए. इंजीनियर समय घटाने के लिए बिलकुल तैयार नहीं थे. अंत में काफी जद्दोजहद के बाद स्टीव 10 सेकेण्ड का समय घटवाने में सफल हो गए. तब स्टीव ने इंजीनियरों से कहा कि अब पडंब के लगभग 5 करोड़ उपभोक्ताओं का 10-10 सेकेण्ड का समय जोड़िये फिर बताइए कि उपभोक्ताओं का कितना समय बचा. जब समय की गणना की गई तो इंजीनियरों ने दांतों तले उंगली दबा ली, क्योंकि बचा हुआ समय कई हजार घंटों में था. देखा आपने, समय का पल पल कैसे बचाया जाता है. आइए, देखते हैं कैसे समय के एक एक पल को बचाया जा सकता है –
बोलने में सावधान रहें
समय बचाना है तो वाणी पर नियन्त्रण रखें. वाणी पर नियन्त्रण होगा तो बहुत सारी विपत्तियों से बचोगे और विपत्तियों में खर्च होने वाला समय बचेगा. वाणी के कुछ दोष हैं. इनसे बचना चाहिए –
• चिल्लाते हुए बोलना.
• अश्लील या गंदे शब्द बोलना.
• कड़वा वचन बोलना.
• चिढाते हुए बोलना.
• हंसी उड़ना.
• ताने मारना.
• चुगली करना.
• कान में फुसफुसा कर बोलना.
• भौंहें चढ़ाकर बोलना
• बे-सिर पैर की हांकना.
• हर बात को काटना.
• तेज गति से बोलना.
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• न्यूज़ पेपर और टी.वी. सीरियलों आदि पर समय बर्बाद न करो, क्योंकि न्यूज़ पेपर में बासी खबरें होती हैं और सीरियल आदि काल्पनिक होते हैं. लेकिन यदि यह आपके काम को बेहतर बनाते हो, या ज्ञान में वृद्धि होती हो, तो जरूर पढ़ें व देखें. जैसे डिस्कवरी चैनल से आपको नई – नई जानकारियां मिलती है या इसी प्रकार के कई अन्य चैनल शैक्षणिक कार्यक्रम चलाते हैं. कुछ चैनल नई – नई खोज प्रस्तुत करते हैं. अत: सोच-समझकर इन कार्यों में समय खर्च करें.
• 5 मिनट की प्रार्थना करने के अलावा विद्यार्थी को अन्य किसी पूजा-पाठ, भक्ति या धार्मिक ग्रन्थ पढने में समय खर्च नहीं करना चाहिए. पढाई ही विद्यार्थी की पूजा व धर्म आदि सबकुछ है.
• किसी को दोषी सिद्ध करने में समय खर्च न करो. इससे आपको कुछ नहीं मिलेगा, क्योंकि वह दोषी सिद्ध हो पाएगा या नहीं, लेकिन आपका समय बर्बाद हो ही जाएगा, इसी प्रकार किसी पुरानी गलती के लिए स्वयं को भी दोषी न मानो, अन्यथा हताशा बढ़ेगी और क्रोध आएगा. हो सके तो पुरानी गलती को अनुभव में बदलो. दुबारा उस गलती को न करो.
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• याद रहे आपकी वजह से किसी दूसरे का भी समय बर्बाद नहीं होना चाहिए. जैसे आपने अपने दोस्त की किताब पढने के लिए ली, पढ़ी, उसे अलमारी में बंद करके बाहर घूमने चले गए. आपका दोस्त अपनी किताब का इंतजार करता रहा. उसका समय बर्बाद हुआ. इसी प्रकार आपने समय से लाईब्रेरी की बुक वापस नहीं की. अन्य विद्यार्थी उस किताब को लाईब्रेरी में खोज रहे हैं. यह सब क्रियाएँ समय को बर्बाद करती हैं.
• बार-बार घड़ी में समय देखने, सेल फोन चेक करने, SMS चेक करने या बिना वजह दोस्तों से सेल पर हाल-चाल पूछने में समय बर्बाद होता है.
• किन्तु, परन्तु से बचो. समय बचेगा. शंकाएँ करोगे तो इनका समाधान नहीं कर पाओगे. कहते हैं कि शंका की दवा तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं थी.
• किसी समय को टालें नहीं. काम तो करना ही है. अभी काम को टालने से बचा समय बर्बाद होगा, क्योंकि काम आलस्य के कारण टला जा रहा है. अत: आलस्य के कारण इस बचे समय में कोई और महत्वपूर्ण कार्य तो होगा नहीं. जब इस काम को दुबारा करना होगा, तब अतिरिक्त समय लगेगा. देखा आपने, काम को टालने की कीमत दोगुनी हो गई. लेकिन यदि कोई गैरजरूरी कार्य टाल कर उसकी जगह पर महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है, तो यह अच्छी बात होगी.
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• कालेज के सामारोह, सहपाठियों के साथ पार्टी, त्यौहार, पारिवारिक समारोहों में मजा कीजिए, लेकिन एक सीमा में रहकर. मर्यादायों का पालन करके. अन्यथा समय भी बर्बाद होगा और एक सीमा के बाद उत्सव अश्लील हो जाएँगे और उत्सवों का मजा भी किरकिरा हो जाएगा.
• कभी-कभी अपने Stydy Room का दरवाजा बंद करना सीखो. समय बचेगा. क्योंकि फालतू लोग बंद दरवाजा देखकर लौट जाएंगे. समय के लुटेरों से बचने का यह बढिया तरीका है.
• समय खाऊ मान्यताओं को छोडकर या उनमें सुधार करके, आप काफी समय बचा सकते हैं. जैसे बिना स्नान किये विद्यालय न जाना. अब माना किसी दिन पानी नहीं मिला, तो क्या आप पानी के इंतजार में समय बिता दोगे या विद्यालय नहीं जाओगे? सोचो. जैसे शनिवार को पूरब दिशा की यात्रा नहीं करना.
• समय बचाना हो तो ऐसे पाठ पढो कि फिर न पढना पड़े. न विश्वास हो तो स्वामी विवेकानन्द की जीवनी पढो.
• तर्क-वितर्क में विराम लगाओ. समय बचेगा, क्योंकि तर्क-वितर्क का अंत नहीं होता. ऐसे फालतू काम में समय तो बर्बाद होगा ही, कभी-कभी आपसी मनमुटाव भी हो जाता है.
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• दैनिक और तुच्छ कार्यों में जरूरत से ज्यादा उलझने से समय बर्बाद होता है और हमारी सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि हम गैर अहम बातों को अधिक तवज्जो देते हैं. अत: जरूरी और गैरजरूरी कामों की लिस्ट बनाओ.
• यदि तुम नहीं चाहोगे तो समय नहीं बचेगा. यदि चाहोगे तो बचेगा. क्योंकि जहाँ चाह वहीं राह. यह सदैव सत्य है.
• सिर धुनने व बहाने बनाने में समय को बर्बाद न करें. जो हो गया, सो हो गया. आपके लिए अच्छा यही होगा कि अधिक बुद्धिमानी से तत्काल दुबारा काम शुरू करें, कहा भी गया है कि गिरना बुरी बात नहीं है, वरन गिरकर पड़े रहना बुरी बात है.
• बहुत सुनो, कम बोलो, यही बुद्धिमानी है. समय बचेगा.
• सोच समझ कर बोलो. समय बचेगा.
• सभी बुद्धिमान लोगों में एक गुण होता है कि वे ध्यानपूर्वक सुनते हैं.
• छोटी गलतियों को दूर करो. गलती चाहे छोटी हो या बड़ी, देर-सबेर आपको परेशान करेगी और समय भी बर्बाद करेगी. कहा गया है कि –
छोटी गलतियों को उखाड़ फेंको, बड़ी हो जाएँगी, पहली समय खाएंगी, फिर आदत बन जाएगी.
आपने सुना होगा कि एक छोटा-सा छेद भरी भरकम जहाज को भी डूबो देता है. लोग बड़ी चीजों से नहीं, वरन छोटी चीजों से अधिक हारते हैं, ज्यादा नुकसान में रहते हैं. आपने किसी को हाथी से हारते नहीं सुना होगा, लेकिन मच्छर से तो, तौबा – तौबा. अत: हम छोटी-छोटी गलतियों को रोककर भी काफी समय बचा सकते हैं.
Asween says
Life me success hona he to time management bahut jaruri he, yah pura lekh time management kaa mahtv, time management kaise karna he? kyaa karana he, kyaa nahi karna he yah sabhi samjata he, yah un sabhi logo ke liye kafi mahtvpurn he jo apni apni field me saflta prapt karna chahte he.
sanjay kumar says
very nice article thank u for sharing
atoot bandhan says
बहुत प्रेरणादायक आलेख , शेयर करने के लिए शुक्रिया
dharmesh says
very useful blog, thanks