साथियो, बेहतरलाइफ लेकर आया है आपके लिए स्टीव पव्लिना के popular post Speed Up! का हिंदी रूपांतरण ताकि हिंदी के पाठकों को इस लेख का मर्म समझ में आ सके. इसके लिए हमने स्टीव पव्लिना से इजाजत ले रखी है.
अरे! मैं तो इस काम को आनंद ले लेकर कर रहा हूँ ऐसा कहकर आप यह साबित करने का प्रयास न करें कि काम धीरे धीरे हो रहा है और साथ ही आप अपने Goal को अपने सामने मरते हुए देखते रहते हैं. बहुत लोग यह भी कहते हैं कि तेजी से काम करनेवाले कुछ गलत तो नहीं कर रहे हैं और बहुत अधिक Stress तनाव पैदा कर रहे हैं.
लक्ष्यों को तेजी से हासिल करने का अपना ही मजा होता है. तेज गति यानी आप इस प्रक्रिया का कितना आनंद लेते हो. और कुछ लक्ष्यों तो धीमी गति से बिलकुल भी हासिल नहीं की जा सकती है, इसलिए कई मामलों में तेजी मतलब सफलता और धीमा मतलब विफलता.
यदि तेज गति लक्ष्य पाने की प्रक्रिया में आपको less enjoyable लगता है इसका मतलब है आपने गलत लक्ष्य का चुनाव किया है. यदि आप उसे जल्द से जल्द नहीं पाना चाहते हैं, तो आप शायद उसे पाना नहीं चाहते.
अपने कॉलेज में प्रथम प्रयास में, मैंने एक सामान्य छात्र की तरह अपने स्नातक की पढ़ाई करने की कोशिश की. मुझे क्लास उबाऊ और फीके लगते थे. चार साल में स्नातक होने का लक्ष्य दूर और मेरे नियंत्रण से बाहर लग रहा था . मेरा पूरा अनुभव depressing लगता था जबकि मैं अपने समय के सबसे प्रमुख, देश के # 1 स्कूल में पढने गया था.
कोशिश करता रहा !
मैंने अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया कि यह कक्षा के बाहर और अधिक मज़ा करूँ और अपनी इस पढाई का आनंद लूं – सप्ताह में दो बार शराब पी, नशे में पागलों की तरह shoplifting की और खूब ताश खेला. इसमें मुझे मजा आया और निश्चित रूप से मैंने आनंद लिया, लेकिन इससे स्नातक स्तर की पढ़ाई में कोई मदद नहीं मिला. तीन सत्र के बाद मुझे निष्कासित कर दिया गया था, और यह ठीक ही हुआ.
एक साल बाद मैंने पुनः कोशिश की. इस बार मैंने इसे ज्यादा मजेदार तरीके से हासिल करने की कोशिश की और जल्दी से अपने 4 साल के कोर्स को डेढ़ साल में ही पूरा कर लिया और कंप्यूटर साइंस की डिग्री ली. इसमें सबसे महत्पूर्ण चुनाव इसकी गति यानि SPEED थी. इसके साथ साथ कई और चींजे मेरे साथ जुडती चली गयी- मन का पूरी तरह से लगा रहना, प्रेरणा, ध्यान, जिज्ञासा,शिक्षा के बारे में तरह तरह से सोचना, प्रक्रिया पर नियंत्रण की भावना, उच्च आत्म सम्मान, संसाधनों को प्राप्त करना, एक शक्तिशाली vision कि किस तरह से और productive बना जा सकता है, आदि आदि. यही प्रेरित पथ था. मैंने अपनी गति को बढ़ाने के लिए गंभीरता से विचार करने लगा जो एक स्पष्ट संकेत था कि मुझमे उर्जा है और मै कुछ कर रहा हूँ.
यह भी काम किया. स्पीड ने लक्ष्य को मजेदार और सार्थक बनाया. यह दिलचस्प चुनौतियों लेकर आया. मैंने समय प्रबंधन के पहलू के बारे सोचना शुरू किया. अंत में मुझे अपना goal मिल गया पहले कि तरह नहीं जो मेरे पहले प्रयास में हुआ था कछुआ चाल में कॉलेज की डिग्री लो.
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आखिरकार 15 सेमेस्टर इकाइयां प्रति सप्ताह 15 घंटे कक्षा कार्य के बराबर है ( एक पूर्णकालिक छात्र के लिए औसत ) तो सभी अतिरिक्त समय कहाँ चला जाता है ? एक गंभीर पूर्णकालिक छात्र कक्षा में 15 घंटे प्रति सप्ताह से बहुत अधिक पढाई कर सकता है. अकेले होमवर्क एक सप्ताह के अन्य सभी घंटे में भरने के लिए पर्याप्त नहीं है.
इसके बजाय कि लक्ष्य अधिक भयानक और तनावपूर्ण हो जाय, तेजी गति ने लक्ष्य को अधिक मजेदार मजाक बना दिया. मेरा यह प्यारा अनुभव था!
मैं गति के बारे क्या पसंद करता हूँ कि यह लक्ष्य प्राप्त करने के लिए न सिर्फ push करता है साथ ही यह हमें एक बेहतर इंसान भी बनाता है.
तेजी से एक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, मुझे अपने आप को बदलना होगा. मुझे और अधिक सीमित विश्वास से मुक्त होना पड़ेगा. मुझे और अधिक संगठित होना पड़ेगा. मैंने बेहतर ध्यान केंद्रित किया है. मुझे रुई के रेशे की तरह और फुलाना होगा अपने आपको. अपने समान विचारधारा लोगों के साथ नए संबंधों को विकसित करना होगा. मुझे पथ से विचलित करने प्रतिरोधों से दूर रहना होगा.
चूँकि मैं व्यक्तिगत विकास को पसंद करता हूँ, इसलिए जो लक्ष्य इस क्रम में मुझे चुनौती देते हैं उसे लक्ष्य से भी ज्यादा मजेदार तरीके से लेना होगा.गति का यह पहलू मुझे इस प्रक्रिया का आनंद लेने में मदद करता है. पर्याप्त गति के बिना आनंद कहाँ?
अपने पसंदीदा खेल को उसके एक दहाई गति से खेलने की कल्पना करो. क्या यह आपको खेलने में ज्यादा या कम आनंद देता है? कुछ लोगों के लिए ऐसा हो सकता है. शतरंज में एक बहुत ही धीमी गति सुखद हो सकता है. मैं ऐसा नहीं कहता कि सारे goal तेज गति से ही पाए जाते हैं.
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बस नकारात्मक तनावपूर्ण होने के रूप में गति से इनकार नहीं करते. सभी तनाव खराब नहीं होते. तेज गति अधिक सकारात्मक तनाव पैदा करते हैं – लाभकारी तनाव. यह भी एक लक्ष्य को प्राप्त करने और इसे हासिल करने में नाकाम रहने के बीच का अंतर हो सकता है. धीमी गति से आप अपने वांछित परिणाम प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं और इसमें मजा तो बिलकुल नहीं आता. ऐसी स्थिति में आप इस तरह से सोचो कि ‘चलो कोई बात नहीं, इस विफलता ने कुछ तो सिखाया’ या “I still enjoyed the process”. लेकिन यदि थोड़ा और अच्छा किया होता तो यह सबक हासिल करने के बजाय लक्ष्य प्राप्त हो गया होता.
Now think about this. कितना fast हुआ जाय ? How much faster is better? मैं ज्यादातर मामलों बहुत तेज गति की बात नहीं करता. मुझे लगता है आप कम से कम दुगुनी गति से काम करने के बारे में सोचें. यहां तक कि आप दस गुने स्पीड में भी सोच सकते हैं.
अपने लक्ष्यों में से एक को देखो और अपने आप से पूछो कि मैं इसे दोगुने, तीन गुने या फिर दस गुने स्पीड से किस तरह से पा सकता हूँ. मुझे तो दस गुना पसंद है क्योंकि यह मुझे बिलकुल नए तरीके से नयी दिशा में सोचने का मौका देता है.
लेखन के बारे में तेजी मुझे बहुत पसंद है. यही कारण है कि मैंने इतना लिखा है.यदि मै अन्य लेखकों की तरह धीरे धीरे लिखा होता तो कब का रसातल में मिल गया होता. बहुत धीरे धीरे चलना मेरे लिए एक रचनात्मकता हत्या के समान है . मुझे इस प्रक्रिया का आनंद लेने के लिए तेजी से लिखना है.
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इन दिनों मैं लगभग 2 घंटे में एक 2500 शब्द का लेख लिख सकता हूँ. मुझे इस लेख के बारे में सोचने, विचार करने, लेखन, संपादन और वेबसाइट पर प्रकाशित करने में दो घंटे लगे. कई लेखक इसे बहुत fast मानते हैं. लेकिन यह तो मेरे लिए मजा है.
आज सुबह मैं 5:00 पर उठ गया. मैं 5:20 पर एक नया अनुच्छेद के लिए एक विचार आया. और अब यह 1100+ शब्दों का लेख 06:00 के कुछ देर बाद प्रकाशित कर दिया. – विचार से प्रकाशन के लिए कम से कम 45 मिनट. यही गति मजेदार होता है. मैं उन करीब 40 मिनट का आनंद लिया. मैं यह लेख लिखने में पूरा सुबह लगा सकता था, लेकिन इतनी धीमी गति से क्यों करना ? मज़ा तेजी से करने में है!
एक उच्च गति से, मैं और अधिक गलतियाँ करता हूँ. मैं सुरुचिपूर्ण या पॉलिश युक्त नहीं लिख पाता, इससे क्या? मैं इससे कुंद हो जाऊँगा. मेरे विचार साझा होंगे और बढ़ेंगे. कुछ लोगों को इनसे लाभ होगा. ये चीजें मायने रखती है. चलती का नाम गाड़ी. गति की रोमांचकता और Energy बनाये रखे. बहुत धीमी गति से चलने पर विचारों सूख कर मर जाते हैं.
आज मैंने 12 घंटे लगातार लिखते रहने का संकल्प लिया यह देखने के लिए कि तेजी से मै कितना content तैयार कर सकता हूँ. मैं लगातार लिखता रहा बीच में खाने के लिए और थोड़ा से मेंटल रेस्ट के लिए आराम किया.. तेज.. तेज.. तेज …मैंने इतना लिखा जो मै पूरे सप्ताह प्रकाशित करता रहूँगा. यदि एक बार न प्रकशित करु तो. इस तरह की चुनौती मुझे और भी ज्यादा लिखने की प्रक्रिया का आनंद लेने का एक रास्ता है.
एक लक्ष्य का चयन कर अपनी गति बढाओ
इसका मतलब यह नहीं है कि तेजी से काम करने वाले बिना मतलब के घंटों काम करते रहते हैं. इसका मतलब है अपने काम काम के बारे में अलग तरीके से सोचना, उसपर ध्यान केंद्रित करना और उसका अधिक मज़ा लेना.
क्या आप अपने लक्ष्यों को और जल्दी पा लेंगे यदि आप इसे दोगुने , तीन गुने या दस गुने स्पीड से करते हैं? एक लक्ष्य चुनो और अपने आप से पूछो कि कैसे मैं इसे दस गुने 10x गति से पा सकता हूँ? आपके अवचेतन से नए विचारों का बुलबुला ऊपर उठने लगेगा. फिर चलो अपने लक्ष्य की ओर……
Rajpal J Durge says
Best tips