Dream Big Dream Anything Achhikhabar in Hindi बड़े सपने देखो कोई भी सपने देखो
हर एक व्यक्ति कोई न कोई सपना जरुर देखता है. सपने देखना वाकई आपके लिए, हम सबके लिए बहुत ही अच्छी खबर है. बड़े और सफल लोग हमेशा कहते हैं कि बड़े सपने देखो. करण, पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मेन कलाम साहब के सपने देखने के आह्वान से बहुत प्रेरित हो गया और बड़े-बड़े सपने देखने लगा. उसने एक ऐसे संसार की कल्पना की जिसमें कोइ सीमाएँ न हों, जहाँ कुछ भी उसके रास्ते की रूकावट न बन सके. उसने कभी इस बात की परवाह नहीं की कि वर्गीकृत विज्ञापनों में यह देखूं कि किस तरह की नौकरियां मिल सकती हैं, और न ही कभी यह सफाई देने की जरूरत समझी कि अपनी सीमित शिक्षा की वजह से वह कुछ ही तरह के काम कर सकता है.
उसने सोचा कि आगे भविष्य में दूसरों से बिलकुल अलग बनेगा. वह आशा और अपेक्षा से भरा था, कोई भी बात उसे आगे बढने से नहीं रोक सकती.उसे पूरा भरोसा था कि एक दिन जरूर बहुत बड़ा आदमी बनूंगा. फिर उसके साथ सचमुच कुछ बुरा घट गया. यह बहुत हल्के से शुरू हुआ, लेकिन धीरे-धीरे उस पर हावी हो गया, और अब यही उसकी पहचान बन गयी है.
Dream Big Dream Anything Achhikhabar in Hindi के अलावे इसे भी पढ़ें: जोशीले और साहसी बनिये!
वह आगे कहता है कि “मैंने कभी ध्यान भी नहीं दिया और मुझे इस बात का एहसास भी नहीं हुआ. मैंने अपने सपने पूरे करने की और ध्यान देना बंद कर दिया. मैं संतुष्ट हो गया. मैंने और ज्यादा की उम्मीद करना छोड़ दिया. और तो और, मैंने और बेहतर की उम्मीद करना छोड़ दिया. मैंने खुद को अपने आसपास के हालात के हवाले कर दिया मैं आज जो कुछ हूँ उसी से संतुष्ट हो गया. ऐसा कुछ नहीं है कि आज मैं जो कुछ भी हूँ उसमें कुछ बुराई है – उसी से जिन्दगी चलाने के लिए जरूरी रकम आती है, मैं सुरक्षित रहता हूँ, जिन्दगी ठीक-ठाक चलती रहती है.
रे मन हार मत मान तू
लेकिन एक बार जो मैंने हार मान लेने का स्वाद चख लिया, समझौता कर लेने के इस तरीके को मैंने अपनी कहानी बनाने का इरादा कर लिया. किस बात की जद्दोजहद ? काहे की लडाई ? सपनों के पूरा न होने से निराश क्यों हों? क्योंकि मैंने सब कुछ छोड़ने की सोच ली, इसलिए मेरे सामने कोई रूकावटें भी नहीं रहीं. परेशानियाँ नहीं रहीं. संघर्ष खत्म हो गया. पीड़ा खत्म हो गई. अपने सपने पूरे करने की कोशिश के बजाय, मैंने उससे बहुत कम में ही संतुष्ट हो जाने का फैसला किया. लेकिन, अपने मन की गहराई में मुझे कहीं न कहीं यह महसूस होता है. कि ऐसा नहीं होना चाहिए.
अब एक प्रश्न यह उठता है कि एक बार असफल होने के बाद क्या वह फिर से सपने देखना शुरू कर सकता है ?
एनातोली फ्रांस के अनुसार ‘कुछ बड़ा करने के लिए हमें सिर्फ कुछ करना ही नहीं होता, बल्कि सपने भी देखने होते हैं; सिर्फ इरादा ही नहीं करना होता, बल्कि भरोसा भी रखना होता है.’
पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब के मुताबिक ‘सपने वह नहीं होते जो आप नींद में देखते हैं, सपने वह होते हैं जो आपको सोने नहीं देते’. अपने सपने पूरे करने के लिए आपको जागते रहना होता है, पूरी तरह आँखें खोलकर जागते रहना होता है.
Dream Big Dream Anything Achhikhabar in Hindi के अलावे इसे भी पढ़ें: Behtar Life Happy Zindgi खुशनुमा जिन्दगी
आज जितनी सम्भावनाएं हैं, जितने option हैं उतना अभीतक के समूचे इतिहास में पहले कभी नहीं थीं. इक्कीसवीं सदी ऐसे अनुभव पैदा कर रही है जिन्हें मानव के विकास की पिछली बीस शताब्दियों में असम्भव समझा जाता था. ऐसे माहौल में जब प्रौद्योगिकी और नित नई खोजों के बल पर मानव सभ्यता तरक्की करती जा रही है, इन्सान में छिपी सम्भावनाओं का भी तेजी से विस्तार होता जा रहा है. लेकिन इन अवसरों का अनुभव करने के लिए हमारे पास जो समय है वह उतना का उतना ही है. और आज के युवा इसी दुविधा में हैं.
युवा चाहते हैं कि उनके सामने जितने किस्म के अनुभव उपलब्ध हैं, वह सब का फायदा उठा सकें, जो कि उन्हें मिलना भी चाहिए, लेकिन जैसे-जैसे दुनिया का दायरा बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे हमारे ऊपर खुद को कुछ खास विषयों के संकरे दायरे में सीमित कर लेना पड़ रहा है. मुझे नहीं लगता कि ऐसा करना सही है. संसार के हर युवा को संसार के वो सारे अनुभव मिल सकें जिसकी उन्हें दरकार है और चाह है. लेकिन इसे कैसे सम्भव बनाया जा सकता है?
इसे सम्भव बनाने के दो तरीके हैं. एक तो यह कि हम कुछ ऐसा करें कि हमारे पास जो समय उपलब्ध है उसे हम बढ़ा सकें. दूसरा यह कि हमारे पास जो समय है हम उतने ही समय में जितना काम कर सकते हैं, जितना कुछ हासिल कर सकते हैं उसकी मात्रा बढ़ा दें. इन दोनों तरीकों से जीवन-लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जाए, यह समझ लेने से दूसरी हर चीज तक पहुंचने के दरवाजे खुद-ब-खुद खुल जाएँगे. यही वह लम्बी छलांग है जिसका मानवता को अब तक इंतजार था और जो हमें विकास कर्म के अगले चरण तक पहुँचा सकती है.
किस तरह से अमल करना चाहिए!
अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें
पहले तो, सीधे-सरल ढंग से पाक-साफ जिन्दगी जीयें, जिससे कि बुढ़ापे तक सेहतमंद रह सकें. उम्र बीतने के साथ शरीर पर उम्र के असर के साथ कई तरह की बुढ़ापे से जुडी बीमारियाँ, जैसे अल्जाइमर्स रोग, पार्किन्सनज रोग, कैंसर, दिल की बीमारियाँ घेरने लगती हैं. लेकिन समझने वाली अहम बात यह है कि इनमें से हरेक बीमारी को शरीर पर अपनी पकड़ बनाने के लिए कई साल लगते हैं, और अकसर कम उम्र में ही इन बीमारियों के बीज पड़ जाते हैं. इसलिए, यही वह समय है जब हमें सेहतमंद रहने की मुहिम छेड़ देनी चाहिए. हर युवा को स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना चाहिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए और स्वस्थ विचार रखने चाहिए.
आपका जीवन ईश्वर का उपहार है, और दुनिया की कोई दौलत कभी उसकी बराबरी नहीं कर सकती, इसलिए उसे किसी किस्म की लत और बुरी आदतों के चलते क्यों मुरझाने दें. अच्छी सेहत बना कर रखें, बुरी आदतों से दूर रहें, अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त करें और हुनरमंद बनें. सुयोग्य और सक्षम लीगों के लिए कितने ही अवसर उपलब्ध हैं, इसलिए पूरे जोश से आगे बढकर उनका लाभ उठाएँ.
अपनी जिम्मेदारी खुद लें
दूसरे, अपने जीवन के लिए खुद जिम्मेदार बनें. शुरूआत अपने माता-पिता का ध्यान रखने से करें. ईश्वर पर भरोसा करने के बाद जिस बात को सबसे ज्यादा अहमियत दी गई है, वह है अपने माता-पिता को चाहना और उनका ध्यान रखना. हजरत मोहम्मद ने कहा है –‘तुम्हारी माँ के कदमों में जन्नत है.’ इस बात के अलग-अलग लोगों ने मायने यही निकले हैं, अपने बच्चों को वह तमाम मजहवी बातें और नेक चाल-चलन सिखाने की जिम्मेदारी माँ की होती है जिनसे जन्नत हासिल होती है. या फिर इसके मायने यह भी हो सकते हैं कि ताउम्र अपनी माँ की खिदमत करने से हमें जन्नत नसीब होती है.
दोनों ही तरह से यही जाहिर होता है कि इस मजहब में माँओं के लिए अदब और इज्जत के साथ कितनी अहमियत दी गई है. एक बार आप उठकर अपनी जिन्दगी और अपने माता-पिता के लिए अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग हो जाते हैं, तो सारी कायनात आपका साथ देने के लिए जुट जाती है. इस मामूली से लगने वाले, लेकिन गहरे सच को लेकर मन में कोइ शक नहीं होना चाहिए.
आस्था और संकल्प
जो भी हो, महज ज्यादा वक्त मिल जाना और अपनी जिन्दगी की जिम्मेदारियां निभाना ही अपने आप में काफी नहीं है. आज जो असंख्य नये अवसर और सम्भावनाएँ हमारे सामने हैं, उनका फायदा उठाने के लिए आपको दो चीजों की जरूरत है – आस्था और संकल्प. आस्था और संकल्प वह दो पहिये हैं जिनके सहारे जिन्दगी में अवसरों की राह पर आसानी से आगे बढ़ सकते हैं. उनके बिना जीवन के वास्तविक अर्थ तक कभी नहीं पहुंचा जा सकता. बिना आस्था के हम कुछ हद तक बौद्धिक ज्ञान तो प्राप्त कर सकते हैं , लेकिन सिर्फ आस्था के बल पर ही अपने भीतर की गूढ़ गहराइयों में झाँका जा सकता है.
संकल्प वह शक्ति है जो हमें तमाम निराशाओं और विघ्नों से पार पाने में मदद करती है. वही इच्छा-शक्ति जुटाने में हमारी मदद करती है जो कामयाबी का मूल आधार है. शास्त्रों और वेदों में कहा गया है कि संकल्प-शक्ति का सहारा लिया जाए, तो कुछ भी असम्भव नहीं है. जब संकल्प-शक्ति में कोइ व्यवधान नहीं होता, तो हम निश्चित रूप से इच्छित लक्ष्य प्राप्त करते हैं.
पक्का इरादा रखें
तय कीजिए कि चाहे जो भी हो, आप वह जरूर करेंगे जो आप करने के लिए निकले हैं. अगर आपका इरादा पक्का होगा, तो ध्यान बँटाने वाले तमाम कारणों के बावजूद आप विचलित हुए बिना अपने मार्ग पर आगे बढ़ते जाएँगे. आप अपनी परिस्थितियों को, सारी दुनिया को और समाज को अपने अनुसार नहीं बदल सकते. लेकिन अगर आपके पास बूता है और आप दृढ-संकल्प हैं, तो आप जिन्दगी के सफर में कामयाबी के साथ आगे बढ़ते रह सकते हैं और हो सकता है आप इतने सक्षम हो जाएँ कि खुद समाज को भी बदल डालें.
धैर्य एक और बहुत बड़ा नैतिक गुण है जिसे अपने अंदर विकसित करने की जरूरत है. हमें अपनी संकल्प-शक्ति, ईमानदारी से की गई कोशिश, धैर्य, नियमितता और स्नेही स्वभाव का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. हमेशा होशियार रहें ताकि नकारात्मक ताकतें अपना कब्जा न जमा लें. आपको कोशिश करनी चाहिए कि जब कभी आपको कोइ रूकावट मिले, आप धैर्य से काम लें. जब आप अपने अचेतन मन की थाह लेने की कोशिश करेंगे तो आपको धैर्य से काम लेना पड़ेगा.
अगर आप बिना निराश हुए जुटे रहेंगे तो आपको दूर से प्रकाश आता दिखाई देगा, जो अज्ञानता के अन्धकार को मिटा देगा. एक समय आएगा, जब आप वह सब जान लेंगे जो जानना है. इस सौम्य और शाश्वत लौ को कमजोर न पड़ने दें.
आपके लिए अच्छीखबर यह है ….
क्या मैं फिर से सपने देखना शुरू कर सकता हूँ? जरुर क्यों नहीं! जब मुश्किलें सामने आएं, तो उम्मीद न छोड़ें और अपने काम में जुटे रहें. अपने भरोसे पर अडिग रहें, चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो और आप जिन्दगी के किसी भी पडाव पर क्यों न हों, बेहतर भविष्य के अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कभी न छोड़ें. अपनी व्यावसायिक खूबियों में और सुधार करते रहें, नये तौर-तरीकों को अपनाएं, मेहनत से काम करें और अपने चाल-चलन को बढिया रखें. आपको जो अवसर मिलते हैं, अगर आप उन्हें यूँ ही नहीं गंवाते, हर अवसर को पूरे मन से थाम लेते हैं, तो आप बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं. कोशिश करते रहिये, सपने देखते रहिये, लगे रहिये!
Dream Big Dream Anything Achhikhabar in Hindi के अलावे इसे भी पढ़ें
- Socrates Took Poison Motivational Anecdote
- Biggest Prayer Hindi Short Story
- Remember Death Hindi Short Story
- Avoid Self Praise Hindi story
- Ishwar kee Dharohar Hindi Short Story
- Struggleful Life Hindi Motivational Story
- भगवान श्री कृष्ण के अनमोल उपदेश : स्वयं विचार कीजि…
- रॉबिन शर्मा का महान उपलब्धि पर उद्धरण
- Sir Isaac Newton Quotes In Hindi
- Thomas Jefferson Quotes in Hindi
- Marilyn Monroe Quotes in Hindi
- Sri Hanuman Birthday Jayanti Celebrations
- Kamada Ekadashi Vrata कामदा एकादशी व्रत
- Gangaur Festival गनगौर व्रत
- Samarth Guru Ramdas Birthady Hindi Article
- Lord Rama Birthday Ram Navami Festival
Join the Discussion!