रोहन पांच साल का बच्चा है, थोड़ा शरारती- थोड़ा नटखट. जैसा कि ज्यादातर बच्चे होते हैं. एक दिन रोहन ने अपनी मम्मी से पूछा – “मम्मा, आपके बाल सफ़ेद क्यों हो रहे हैं? माँ ने सोचा – यही मौका है क्यों न रोहन को कुछ टिप्स दिया जाय”. उसने कहा – “देखो बेटा, जब भी आप कोई शैतानी, या शरारत करते हो तो मेरा एक बाल सफ़ेद हो जाता है. अब आप देखो आपने शैतानी कर करके मेरे कितने बाल पका दिए. है ना ?” रोहन एक मिनट के लिए सोच में पड़ गया. फिर तपाक से बोला – ” अच्छा मम्मी, अब मेरे समझ में आया कि दादी के सारे बाल क्यों पके हैं.” रोहन की मम्मी तो यह सुनकर अवाक रह गयी. उन्होंने तो कभी सोचा भी न था कि नसीहत देना कितना उलटा पड़ सकता है. इसलिए अपने बच्चों से इस तरह की बातें करते हुए सकारात्मक चीजों पर ही ध्यान देना चाहिए. Do not blame your child. Be positive and be a good parent!
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