Trojan Horse Hindi Story
Trojan Horse Hindi Story. हजारों साल पहले, ट्रॉय (TROY) के राजकुमार पेरिस को स्पार्टा की रानी हेलेन से प्यार हो गया। वह उसे ट्रॉय लेकर आ गया। स्पार्टा का राजा क्रोध से पागल हो गया.। उसने हेलन को वापस लाने की कसम खाई। अन्य ग्रीक शहरों के राजाओं के साथ उसके सैनिक समुद्री मार्ग से कई जहाजों पर सवार हो Troy की ओर चल पड़ा।
लम्बी यात्रा के बाद जहाज ट्रॉय शहर के किनारे पहुँच गया। बहुत भयंकर लड़ाई शुरू हो गयी। उन दिनों ट्रॉय जैसे शहर ऊँची- ऊँची दीवारों से घिरा होता था। उसे किला कहा जा सकता है। उसमें एक मुख्य द्वार होता था जो बहुत मजबूत होता था। जिसे तोड़े बिना किला के अन्दर घुसना नामुमकिन था। लड़ाई कई महीने तक चलता रहा, लेकिन ग्रीक लोग उसके अन्दर घुसने में सफल नहीं हो सके। और ट्रॉय के निवासी जिन्हें ट्रोजन कहा जाता है, भी ग्रीक को भगाने में सफल नहीं हो सके। अभी आप Trojan Horse Hindi Story पढ़ रहे हैं।
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चूँकि लड़ाई कई वर्षों से चल रहा था, अब ग्रीक सैनिकों को भी अपने घर की याद सताने लगी थी। वे अपने घर वापस जाना चाहते थे। उनमें से एक ओडीसियस नामक एक बहादुर और चतुर सिपाही ने एक नयी योजना बनाई।
वह अपने सभी सिपाहियों को पास बुलाकर उन्हें अपनी योजना बताने लगा। “हमें लकड़ी का एक घोड़ा बनाना होगा। घोड़ा इतना बड़ा होगा कि जिसमें हमारे कुछ बहादुर सैनिक आराम से छिप सकें। हम लोग उस घोड़ा को यहाँ मुख्य द्वार के सामने छोड़ देंगे। ”
“नहीं! हम लोग कायर नहीं हैं। हम अपनी रानी को लिये बिना ट्रॉय से वापस नहीं जायेंगे” – एक सैनिक ने क्रोध में कहा।

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ओडीसियस ने उस सैनिक को समझाते हुए कहा- “मेरे दोस्त! ऐसी बात नहीं है। हम लोग सिर्फ वापस जाने का नाटक करेंगे। हम लोग इस द्वीप से कुछ की किलोमीटर की दूरी पर होंगे।
“फिर घोड़े का क्या होगा?” – एक अन्य सैनिक ने पूछा।
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“यही घोड़ा हमें विजयी बनाएगा। ट्रोजन के लोग सोचेंगे कि हम लोग हार मानकर वापस चले गए। जाते हुए एक gift छोड़ गए हैं। वे लोग निश्चित रूप से अपने इस विजय प्रतीक को अपने शहर के अन्दर ले जायेंगे। वे इसका जश्न मनाएंगे। जब वे नाचते गाते थक कर सो जायेंगे, हमारे सैनिक trojan horse से बाहर आकर टूट पड़ेंगे। उनका signal मिलते ही हमलोग वापस आकर ट्रॉय पर हमला बोल देंगे। ”
“वाह! तब तो हमारी जीत पक्की है”, कई सैनिक जोश में बोले।
ग्रीक लोगों ने अपने सबसे कुशल कारीगरों को लकड़ी का एक घोड़ा बनाने में लगा दिया। लकड़ी के उस मजबूत और विशाल घोड़े में एक गुप्त दरवाजा बनाया गया कि किसी को पता न चल सके।
Trojan Horse के मुँह को खुला छोड़ दिया गया ताकि उसमें छिपे सैनिक आराम से सांस ले सकें। जब घोड़ा तैयार हो गया, ग्रीकों ने उसे ट्रॉय शहर के मुख्य दरवाजे के पास छोड़ दिया और वापस लौटने का नाटक किया। अगली सुबह ट्रोजन लोगों ने युद्ध भूमि को खाली पाया। Greek कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे थे, गेट के बाहर सिर्फ विशाल ट्रोजन हॉर्स दिख रहा था।
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“यह शांति का उपहार है. ग्रीक चले गए। ” – ट्रोजन सैनिकों ने जोर से कहा। “वे हार स्वीकार कर चले गए हैं और यह gift छोड़ गए हैं। ” अब ग्रीक उस ट्रोजन हॉर्स को अपने विजय प्रतीक के रूप में देखने लगे। यह उनकी देवी एथेना के लिये एक उपहार है।
उनमें से कुछ ट्रोजन लोग उसे संदेह की नजर से देख रहे थे और उसे जला देना चाहते थे। लेकिन विजय का आनंद ले रहे सैनिकों ने उसकी बात का ध्यान नहीं दिया।
ट्रॉय के विशाल दरवाजे को खोला गया। ट्रोजन हॉर्स को शहर के अन्दर लाया गया और लोग ख़ुशी से आनंद मनाने लगे। कई घंटे जश्न मनाने के बाद सभी ट्रोजन सैनिक थक गए और नींद की आगोश में चले गए। रात के सन्नाटे में ट्रोजन हॉर्स में हलचल हुआ। कुछ ग्रीक सैनिक उससे दबे पाँव बाहर निकले। उन्होंने ट्रॉय पर हमला बोल दिया।
ग्रीक सैनिक थके और नींद युक्त ट्रॉय सैनिको का कत्लेआम करने लगते हैं। ट्रॉय सैनिक इसका मुकाबला नहीं कर पाते हैं। इसी दौरान जहाज वाले सैनिक भी आ जाते हैं और ट्रॉय शहर का विध्वंस करने लगते हैं। सुबह होते- होते ट्रॉय तहस नहस हो जाता है। रानी हेलन को सुरक्षित बचाकर ग्रीक उन्हें अपने साथ ले जाते हैं। आप अभी Trojan Horse Hindi Story पढ़ रहे हैं।
ट्रोजन हॉर्स की यह गाथा आज भी एक मायने में सही है। एक बहुत ही harmful Computer Programme को Trojan Horse नाम दिया गया है। यह प्रोग्राम अपने आपको एक safe application की तरह छिपा लेता है लेकिन वास्तव में कंप्यूटर को हानि पहुंचता है।
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