प्रस्तुत कहानी Do Not Self-Praise Your Good Work Hindi Story यानी सेवा कार्य का न करें आत्मप्रचार में एक बहुत ही शिक्षाप्रद कहानी पढेंगे?
सेवा कार्य का न करें आत्मप्रचार हिंदी कहानी
आलू ले लो, प्याज ले लो, टमाटर ले लो — वह जोर- जोर से चिल्ला रहा था। कुछ लोग अपनी-अपनी छतों या बालकनी में आते, सब्जी वाले की रेड़ी को देखते और वापिस अपने फ्लैट के अन्दर चले जाते। कुछ देर बाद फिर वही आवाज आस –पास गूंजने लगती। आलू ले लो, प्याज ले लो, टमाटर ले लो …
इतने में मुंह में मास्क लगाए एक अधेड़ उम्र की महिला दूसरी मंजिल की बालकनी में आई और वहीं से जोर से आवाज लगाईं — “अरे ओ सब्जी वाले भैया! जरा रुकना। मुझे कुछ सब्जी लेनी है।” रेड़ी वाला अपनी रेड़ी को एक तरफ कर सुस्ताने लगा।
कुछ देर बाद वह महिला अपनी दूसरी मंजिल पर स्थित अपने घर से नीचे आई। सब्जी वाले की रेड़ी/ठेला पर रखी सब्जी को छू – छूकर देखने लगी। सब्जी वाले ने अपने मुंह और नाक के ऊपर मैली-सी गमछी लपेट रखी थी मानो वह गमछी ही उसका एन-95 मास्क हो। इसी बीच वह महिला उससे पूछती है – “आपको कोरोना के संक्रमण का डर नहीं लगता। इस तरह खुले में आप इस गली से उस गली में घूम रहे हो?”
सब्जी वाला बोला – “डर तो लगता ही है दीदी! लेकिन क्या करूं? पापी पेट का सवाल है।”
फिर महिला पूछती है – “क्यों, आपकी तरफ फ्री राशन बांटने वाले लोग सहायता का कोई काम नहीं कर रहे हैं? आजकल तो हर दल वाले, एनजीओ वाले, सोशल वर्कर खूब सारा राशन, साबुन, मास्क, सैनीटाईजर आदि बाँट रहे हैं ताकि गरीब लोग अपने –अपने घरों में ही सुरक्षित रहें। आप भी कुछ दिनों तक उनकी मदद लेकर क्यों न अपने ही घर में रहते हो! घर में रहना सुरक्षित रहता ऐसे समय में।”
Read More: होनहार बालक
सब्जी वाले ने उस महिला की सब्जी तौलते हुए कहा — “आप ठीक कहती हो दीदी। लेकिन क्या करूँ? शुरू-शुरू में मैंने भी यही सोचा। लेकिन जानती हो दीदी, फ्री राशन बांटने वालों ने दो किलो चावल, दो किलो आटा, आधी किलो दाल और एक साबुन का पैकेट हाथ में दिया और एक ही थैले को हाथ में दे –देकर कोई बीस लोगों ने मोबाइल से फोटो खिंचवाया।”
जब मैंने पूछा कि भैया! आप लोग इतना फोटो क्यों खींच रहे हो तो उन्होंने कहा – “कुछ सोशल मीडिया बोल रहे थे … उसपर यह फोटो लोगों के बीच शेयर करूंगा। इससे मेरा प्रचार होगा। इससे पार्टी में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।”
यह सुनकर मुझे बहुत ग्लानि हुई दीदी! मैंने सोचा कि आज के बाद इन लोगों से फ्री वाला कुछ भी नहीं लूँगा। उस दिन से मैंने अपने ठेले पर सब्जी बेचना शुरू कर दिया। वह औरत उस सब्जी वाले की बातें सुनकर उसका मुंह देखते रह गई।”
इस छोटी-सी कहानी की सीख यह है कि कोरोना ने देश और दुनिया में दहशत का माहौल बना दिया है। ऐसे में यदि आप किसी की सहायता या सेवा करते हैं तो निर्विकार भाव से करें। कहा भी गया है कि गुप्त दान महादान। अपने द्वारा बढ़ाये गए सेवा और सहायता के हाथ का आत्मप्रचार फेसबुक या ट्विटर या इन्स्टाग्राम या व्हाट्सएप्प पर नहीं करें। उचित तो यह है कि जिसे आप दान देते हैं उसका भी नाम गोपनीय रखें ताकि लाभुक के आत्मसम्मान को ठेस न पहुंचे।
लेकिन आज हो रहा है ठीक इसके विपरीत। लोग काम कम दिखावा ज्यादा करने लगे हैं।
दोस्तो! यदि आपको यह कहानी पसंद आई हो तो इसे अधिक से अधिक शेयर करें। इस कहानी को पढ़ने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद! अपना विचार कमेंट द्वारा दें।
Do Not Self-Praise Your Good Work Hindi Story के अलावे इसे भी पढ़ें:
- Virtue Glory Hindi Motivational Story
- Anjani Salah Hindi Motivational Story
- Great Sacrifice King Shibi Story in Hindi
- Jesus Christ Motivational Stories in Hindi
Join the Discussion!