एक राजा था. उसके पास एक हाथी था. राजा उस हाथी से बहुत प्रेम करता था. वह हाथी समस्त प्रजा का भी प्रिय था. उसकी प्रियता का कारण यह था कि उसमें अनेक गुण निहित थे. वह बुद्धिमान एवं स्वामिभक्त था. अपने जीवन में अनेक पराक्रमों से उसने बहुत नाम और यश कमाया था. भयंकर युद्धों में अपनी वीरता दिखाकर उसने राजा को विजयी बनाया था. अब वह हाथी धीरे-धीरे बूढा हो रहा था. उसका सारा शरीर शिथिल हो गया जिससे वह युद्ध में जाने लायक नहीं रहा.
एक दिन वह तालाब पर पानी पीने गया. तालाब में पानी कम होने से हाथी तालाब के मध्य में पहुंच गया. पानी के साथ तालाब में कीचड़ भी खूब था. हाथी उस कीचड़ के दलदल में फंस गया. वह अपने शिथिल शरीर को कीचड़ से निकाल पाने में असमर्थ था. वह बहुत घबराया और जोर-जोर से चिंघाड़ने लगा. उसकी चिंघाड़ सुनकर सारे महावत उसकी ओर दौड़े.
उसकी दयनीय स्थिति को देखकर वे सोच में पड़े. इतने विशालकाय हाथी को कैसे कीचड़ से बाहर निकाला जाए. आखिर उन्होंने बड़े-बड़े भाले भौंके जिसकी चुभन से वह अपनी शक्ति को इकट्ठी करके बाहर निकल जाए, परन्तु उन भालों ने उसके शरीर को और भी पीड़ा पहुंचाई जिससे उसकी आँखों से आँसू बहने लगे.
Read More Story : हिंदी कहानी का अनोखा संग्रह
यह समाचार जब राजमहल में राजा को पता चला तो वे भी शीघ्रता से वहाँ पहुंचे. अपने प्रिय हाथी को ऐसी हालत में देखकर राजा के आँखों से आंसू बह निकले. कुछ सोचकर राजा ने कहा, “बूढ़े महावत को बुलाया जाए.”
बूढ़े महावत ने आकर राजा को सलाह दी, “हाथी को बाहर निकालने का एक ही तरीका है कि बैंड लाओ, युद्ध का नगाड़ा बजाओ और सैनिकों की कतार इसके सामने खडी कर दो.”
राजा ने तत्क्षण आदेश दिया कि युद्ध का नगाड़ा बजाया जाए और सैनिकों को अस्त्र-शस्त्र के साथ सुसज्जित किया जाए. कुछ घंटों में सारी तैयारियाँ हो गई. जैसे नगाड़ा बजा और सैनिकों की लम्बी कतार देखी, हाथी के शरीर में अचानक से हलचल होने लगी और वह एक ही छलांग में बाहर आ गया.
नगाड़े की आवाज ने उसके सुप्त मनोबल को जगा दिया. युद्ध के बाजे बजे और वह ठहरा रह जाए, ऐसा कभी नहीं हुआ था. रणभेरी की आवाज ने उसे भुला दिया कि वह बूढा है, कमजोर है और कीचड़ में फँसा है.
जीवन में मनोबल ही श्रेष्ठ है. जिसका मनोबल जागृत हो गया उसको दुनिया की कोई भी शक्ति रोक नहीं सकती. जो मन से कमजोर है वह किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो सकता. इसलिए हमें कभी भी अपने मनोबल को कमजोर पड़ने नहीं देना चाहिए. यद्यपि यह कहानी सभी लोगों पर लागू होती है, लेकिन विशेष रूप से छात्रों और जीवन के किसी भी क्षेत्र में संघर्ष कर रहे लोगों पर लागू होती है और उन्हें प्रेरणा देती है कि किसी भी कठिन परिस्थिति में अपने आत्मविश्वास और मनोबल हो कमजोर नहीं होने देना चाहिए.
Morale Hindi Motivational Story के अलावे इसे भी पढ़ें:
- Judicious Wealth Hindi Short Story
- Generous Hindi Short Story
- Socrates Took Poison Motivational Anecdote
- Biggest Prayer Hindi Short Story
- Avoid Self Praise Hindi story
- Ishwar kee Dharohar Hindi Short Story
- Struggleful Life Hindi Motivational Story
- काम की दवा प्रेरक हिंदी कहानी
- Green Grass aur Tree Hindi Short Story
- Justice Hindi Motivational Short Story न्याय
- Gonu Jha Cat Mithilanchal Hindi Story
- Swachhata Abhiyan by Kids Hindi Short Story
- The Helpful Squirrel Ramayana Hindi Short Story
MyHindi says
bahut hi achhi kahani hai..!
Vikash mishra says
bahut badhiya story aap ne share ki hai bhai, keep sharing such stories…
One more thing, aapne apni website ko ache se customize kiya hai, achi dikh rahi hai
Pankaj Kumar says
उत्साह वर्द्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद! यूँ ही ब्लॉग पर पधारते रहें!
Narendra Mishra says
Bhut Hi Achhi Lagi Story
aapka Dhanyvad
Aman singh says
अद्भुत कहानी।।
धन्यवाद्।।
Aman singh says
बहुत ही रोचक और सीख देने वाली कहानी की पेशकश आपने की है। ऐसे ही आप अपने लिखने के जादू से लिखे और हमें सीख देते रहे।
धन्यवाद् ❤️
Rohan says
Story bahut achi the or appka likhne ka style v. Thank You.
mahim says
Thank you for sharing this amazing idea, I really appreciate your post.
Viral Fact Bd
uday says
nice story i like this type post
Vijay bhan says
Plaese tell me sir why a computer teacher not become a programmer why they only teach not earn more money
SUMIT says
nice motivational story thanku
pooja says
bahut badhiya.. nice stories ..inspiring and motivating
Ravindar Verma says
Story bahut achi thi aur aapka likhne ka style bhi. Very Nice.
Hindi Blog says
Bahut accha Ji. Thanks For Shering Good Information and Good Hindi Content with us..
Pradip Kr G says
Both stories are very nice, I like it
DESHRAJ SHARMA says
जीवन में मनोबल ही श्रेष्ठ है. जिसका मनोबल जागृत हो गया उसको दुनिया की कोई भी शक्ति रोक नहीं सकती. जो मन से कमजोर है वह किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो सकता
सर यह सत्य है जो मन से हार गया वो जिंदगी में कभी आगे नहीं बढ़ सकता !
Saurabh says
Bahut Badhiya Story Aap Ne Share Ki Hai Bhai.