StartUp India StandUp India भारत बढेगा आगे
क्या है स्टार्ट अप इंडिया?
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी 2016 को नई दिल्ली में स्टार्ट अप इंडिया अभियान की शुरूआत की. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत के युवा नौकरी खोजने वाले के बजाय रोजगार पैदा करने वाले बनें. उन्होंने कहा कि यदि एक स्टार्ट अप सिर्फ 5 लोगों को भी रोजगार दे तो यह भी राष्ट्र की बड़ी सेवा होगी. उन्होंने यह भी कहा कि स्टार्ट अप को पहले तीन साल तक लाभ पर आयकर के भुगतान से छूट दी जाएगी.
स्टार्ट अप इंडिया को ‘मेक इन इंडिया ‘की अगली कड़ी के रूप में देखा जा सकता है. “Make in India” का सपना साकार करने के लिए स्टार्ट अप इंडिया की जरूरत है. दरअसल, प्रधानमंत्री इस योजना की मदद से देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती, रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी, विकास दर में इजाफा आदि लाना चाहते हैं. यह योजना उन लोगों के लिए है जो अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं, लेकिन देश में अनुकूल माहौल नहीं होने या कारोबार शुरू करने में आने वाली बाधाओं को देखते हुए वे लोग ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए इन कारोबारियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कारोबारियों के लिए अनेक रियायतों की घोषणा की है.
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इस योजना के अंतर्गत कारोबारियों को स्वसत्यापन यानि अपने आप सत्यापन करने की सुविधा, निरीक्षण में 3 सालों की रियायत, पेटेंट आवेदन शुल्क में 80 प्रतिशत तक की कटौती, पेटेंट नियमों को सरल, नए उद्दमियों की सहायता के लिए सरकार द्वारा 10,000 करोड़ रूपये के कोष का निर्माण, सरकारी खरीदारी में कारोबारियों को समान अवसर, कारोबारियों की सुविधा के लिए 500 करोड़ रूपये की क्रेडिट गारंटी योजना की शुरूआत, कारोबार बंद करने के लिए आसान शर्तें, सार्वजनिक – निजी साझेदारी के लिए 35 नए इंक्यूबेटर, राष्ट्रीय संस्थानों में 31 नए नवाचार केंद्र (Innovation Centre), 7 नए अनुसंधान पार्क, 5 बायो – क्लस्टर, सेक्टर केन्द्रित इंक्यूबेटर प्रयोगशाला, कारोबारियों के कारोबार में सरकार का न्यूनतम हस्तक्षेप, टैक्स में छूट, लाईसेंस राज से मुक्ति आदि सुविधाएँ कारोबारियों को उपलब्ध कराई जाएंगी.
क्या है स्टैंड अप इंडिया?
स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 6 जनवरी 2016 को मंजूरी दे दी. स्टैंड अप इंडिया की घोषणा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में राष्ट्र को संबोधित करते हुए की थी. इस घोषणा का मकसद समाज के सभी लोगों को मुख्यधारा से जोड़ना था .इसलिए इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला कारोबारियों को विशेष तौर पर बढ़ावा दिया जाएगा.
इस योजना को लागू करने में बैंकों की प्रमुख भूमिका होगी. बैंकों को समाज के हाशिये में रहने वाले इन तीनों वर्गों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करनी होगी. हर बैंक शाखा को प्रत्येक वर्ग को ऋण सुविधा उपलब्ध करानी होगी.
इस योजना के तहत तकरीबन 2.5 लाख लोगों को ऋण सुविधा दिए जाने का लक्ष्य है, जिसे योजना के शुरू होने के 36 महीनों के अंदर पूरा करना होगा साथ ही. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला कर्जदारों को बैंकों द्वारा तकनीकी सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, कर्ज 7 सालों के लिए दिया जायेगा, मार्जिन मनी 25 प्रतिशत होगी, कर्ज 10 लाख से 1 crore तक दिया जा सकेगा.
बैंक पर NPA का और बोझ नहीं पड़े, इसलिए कर्ज को सरकार ने अपनी क्रेडिट गारंटी द्वारा सुरक्षित बनाया है.
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IngenuityDias says
Its very good effort and will benefit every citizen of country for sure in long run.