अजवायन मसाले के साथ-साथ जड़ी-बूटी भी है। यह कई रोगों के लिए रामबाण औषधि है। इसका तेल के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें तेज गंध और स्वाद भी अलग तरह का होता है। अजवायन का ही नहीं इसके सत का भी प्रयोग किया जाता है। सत में वही गुण होते हैं जो अजवायन में होते हैं। प्रस्तुत पोस्ट Some Medicinal Use of Carom Seeds में हम अजवायन के कुछ गुणों की चर्चा करेंगे।
Some Medicinal Use of Carom Seeds/अजवायन के कुछ औषधीय प्रयोग
श्वास संबंधी रोगों के लिए
सांस संबंधी रोगों में अजवायन का चूर्ण छाछ के साथ लेने से फंसे हुए बलगम से राहत मिलेगी। अजवायन के साथ थोड़ा नमक और एक लौंग धीरे-धीरे चबाकर खाने से श्वास संबंधी परेशानियों से राहत मिलेगी। जुकाम में नाक से सांस लेने में परेशानी हो रही हो तो अजवायन को पीसकर कपड़े में बांधकर सूंघने से बंद नाक खुल जाती है। सोते समय भी अजवायन की यह पोटली तकिये के पास रखने से भी आराम मिलता है।
अजवायन और गुड़ का काढ़ा बनाकर पीने से पुराने जुकाम में राहत मिलती है। गर्म काढ़ा पीने के बाद कपड़ा ओढ़कर ऐसे बंद कमरे में लेटना चाहिए जहां पर हवा न आ रही हो, कुछ देर बाद ही आराम मिलेगा। जिन लोगों को सिर दर्द रहता हो यदि वह अजवायन के चूर्ण को नसवार की तरह नाक में चढ़ाएं तो आधे सीसी दर्द में राहत मिलती है।
ठंडी में नजले से परेशानी होने पर अजवायन को अच्छी तरह से चबा कर गरम पानी के साथ निगलना चाहिए। अगर इसको गुड़ के साथ दो चम्मच सुबह और शाम मिक्स करके खाया जाए तो यह Asthma और Bronchitis के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होगा।
सूखी खांसी में
अजवायन की 2 ग्राम मात्रा को पान में रखिए और उस पान को धीरे-धीरे चबाते हुए सारा रस गले से नीचे उतार लीजिए, जल्द ही राहत मिलेगी। इसके रस में दो चुटकी काला नमक मिलाकर उसका सेवन करें और उसके बाद गर्म पानी पी लें। इससे खांसी ठीक हो जाती है।
आप काली खांसी से परेशान हैं तो जंगली अजवायन के रस को सिरके और शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार एक-एक चम्मच सेवन करें, राहत मिलेगी।
पेट संबंधी रोगों के लिए
अजवायन के नियमित सेवन से किडनी में Stone की बीमारी भी ठीक हो सकती है। पेट में वायु अथवा अफरा होने पर अजवायन को साफ करके थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर चूर्ण बना लें। इसे पानी के साथ लेने पर कुछ ही समय में अफरा से छुटकारा पाया जा सकता है। यदि चूर्ण न हो तो अजवायन को दांतों से बचाकर चूसने से लाभ मिलेगा।
अजीर्ण होने पर
जिन्हें अजीर्ण की समस्या और पेट में कीड़े रहते हो तो उन्हें सुबह उठकर खाली पेट नमक के साथ अजवायन को खाने में लाभ मिलेगा। हाजमा ठीक न होने पर इसका सेवन लाभकारी है। पतले दस्त, तिल्ली में खराबी होने पर अजवायन में नमक मिलाकर ठीक से चबाएं और पानी के साथ निगल लें, लाभ मिलेगा।
अजवायन में खाने को पचाने और पाचन को बढ़ाने वाले गुण भी मौजूद होते हैं। इसके लिए अजवायन, छोटी हरड़, थोड़ी-सी हींग और सेंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें।
पाचन शक्ति के लिए
गुनगुने पानी के साथ खाना खाने के बाद इसका प्रयोग करें। इससे आपकी पाचन शक्ति बढ़ेगी।
यह पेट खराब होने की वजह से पेट दर्द में भी राहत देने वाली है। अजवायन में थोड़ा नमक और हींग को भूनकर मिला लें। इसका चूर्ण बनाकर शीशी में भर लें; पेट दर्द होने पर गर्म पानी के साथ एक ग्राम चूर्ण खाने से तुरंत आराम मिलेगा।
पेट में गैस होने पर
जब पेट में गैस की अधिकता हो तब अजवायन का इस्तेमाल लाभदायक होगा। अजवायन और काले नमक की फंकी छाछ के साथ लेने से भी गैस में राहत मिलती है। कई बार पेट की गैस के कारण हृदय में दर्द अनुभव हो तो फौरी तौर पर अजवायन की फंकी अथवा चबाकर खाने से लाभ मिलता है।
यह Acidity की समस्या से भी राहत दिलाने में कारगर है। थोडा-सा जीरा और अजवायन एक साथ भून लीजिए और फिर मिश्रण को पानी में उबाल कर छान लीजिए, उसके बाद इसमें चीनी मिला कर खाएं। इससे Acidity की समस्या में राहत मिलेगी। अगर गैस परेशान करती है तो थोड़े से गुड़ में 1 व 2 ग्राम खुरासानी अजवायन मिलाकर गोली बनाएं और खाएं। गैस से राहत मिलेगी।
बरसात के मौसम में पाचन क्रिया के शिथिल हो जाने पर अजवायन का सेवन काफी लाभदायक होता है। इससे अपच को दूर किया जा सकता है।
अजवायन, काला नमक, सोंठ तीनों को पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद फांकने पर अजीर्ण, वायु का बनना व ऊपर चढ़ना बंद हो जाएगा।
आंतों में समस्या होने पर अजवायन के साथ काले नमक का सेवन करने पर काफी लाभ होता है।
गठिया रोगों में
शरीर में गुर्दों अथवा गठिया के रोग में अजवायन के तेल की मालिश करने से लाभ होता है। गठिये के रोगियों को किसी न किसी रूप में अजवायन का प्रयोग करते रहना चाहिए। उन्हें अपनी सब्जी में और रोटी के आटे के साथ अजवायन गूंदकर नियमित रूप से खाना चाहिए, जिससे लाभ मिलेगा।
जोड़ों में दर्द या सूजन होने पर खुरासानी अजवायन को पानी के साथ पीस कर लेप करके सो जाएं, प्रत्येक रात में ऐसे करने से दर्द खत्म हो जाएगा, राहत मिलेगी।
स्त्री रोगों में भी लाभकारी तमाम गर्भवती महिलाओं में कमर दर्द की शिकायत रहती है। ऐसी महिलाओं को गुड़ और अजवायन एक साथ मिलाकर गोली बना कर दे और नियमित रूप से सेवन करने से आराम मिलेगा। अजवायन के सेवन से भूख बढ़ती है और शरीर में ऊर्जा बढ़ती है। जिन स्त्रियों में मासिक धर्म में परेशानी होती हो, उन्हें गुड़ और अजवायन पानी के साथ लेने से मासिक धर्म नियमित होता है। मासिक धर्म में रुकावट हो तो महिलाएं अजवायन का 2 ग्राम पाउडर दिन में दो बार गरम दूध से निगल लें। केवल तीन दिन तक खाएं। पहले दिन से ही आराम मिलना शुरू हो जाएगा।
थॉयराइड में लाभकारी
अत्यधिक मानसिक तनाव से होने वाले थॉयराइड से बचने के लिए अजवायन का सेवन करें। इसके अलावा इसकी जड़ को दूध के साथ उबालकर पीने से थायराइड रोग से राहत मिल सकती है।
लीवर के लिए भी लाभकारी
अगर आप प्रत्येक सप्ताह तीन दिनों तक खाली पेट 5 ग्राम अजवायन पानी से निगलते रहेंगे, तो आपको डाक्टरों का या अस्पताल का मुंह कम से कम देखना पडे़गा। क्योंकि ये यकृत- लीवर समेत शरीर के सभी भीतरी अंगों की कठोरता को कम करती है। जिससे सभी अंग लचीले और एक्टिव हो जाते हैं और अपना काम सुचारू रूप से करते रहते हैं।
अधिक शराब पी लेने से अगर व्यक्ति को उल्टियाँ आ रही हो तो उसे अजवायन खिलाना बेहतर होगा। इससे उसको आराम मिलेगा, उसका नशा भी कम होगा. भूख भी अच्छी तरह से लगेगी।
अजवाइन के कुछ अन्य प्रयोग:
इसके प्रयोग से मुंह से दुर्गंध आने और मुंह में छाले होने या फिर दांत में दर्द होने या सभी रोगों से राहत मिलेगी। अगर आप हर रात खाना खाने के बाद इसका सेवन Mouth freshner के रूप में करते हैं तो और भी फायदेमंद है।
दांत दर्द के लिए
इसको अच्छी तरह पानी में उबाल कर फिर इसी पानी से गरारे या कुल्ला करें। इससे राहत मिलेगी। अजवायन के ठंडे काढ़े से आंखें धोइए तो आंखों की रोशनी तेज होगी और आंखों की सारी बीमारियों में भी राहत मिलेगी।
यदि कान में दर्द हो तो थोड़े दूध में आधा चम्मच अजवायन को उबालकर ठंडा करने के बाद छानकर कान में 1 या 2 बूंदें डालने से कान की सूजन समाप्त हो जाती है और दर्द में आराम मिलता है।
अजवायन और लहसुन को तिलों के तेल में अच्छी तरह जलाकर ठंडा करके छान लें। यह तेल कानों में डालें इससे आराम मिलेगा।
इलायची, अजवायन, काली मिर्च और सोंठ को समान मात्रा में पीसकर सुबह और शाम पानी अथवा दूध के साथ लेने से पौरुष शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा अजवायन को घी में भूनकर उसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में एक चम्मच शहद मिलाकर दूध के साथ लेने पर शारीरिक विकास होता है। किसी प्रकार का दर्द चाहे वह दिल, सिर या फिर कान का ही क्यों न हो, अजवायन के प्रयोग से काफी कम हो जाता है। कान में दर्द से राहत पाने के लिए इसके तेल का प्रयोग करें। वही दिल और सिरदर्द के लिए इसको गरम पानी के साथ खाएं।
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