प्रस्तुत कहानी Lockdown Working Mythological Story अर्थात कोरोना लॉकडाउन ने भी काम करते रहें; द्वारा हम यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि चाहे परिस्थिति किसी भी तरह की क्यों ना हो, हमें अपनी तैयारी करते रहनी चाहिए। अपना काम करते रहना चाहिए।
अपनी कहानी शुरू करने से पहले मैं आप लोगों से एक संस्कृत का एक श्लोक शेयर करना चाहूंगा।
नमो विश्वसृजे पूर्वं विश्वं तदनु विभ्रते।
अथ विश्वस्य संहत्रे तुभ्यं त्रेधास्थितात्मने।।
कहानी का तात्पर्य यह है कि हिंदू धर्म के अनुसार हमारे तीन प्रमुख देवता हैं। विष्णु जी को सृष्टि का पालक, ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचयिता और भगवान शिव को सृष्टि का संहारक माना गया है।
हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवता
एक और मान्यता यह है कि जल के देवता वरुण बारिश तभी करते हैं जब शंकर भगवान डमरू बजाते हैं।
एक बार ऐसा हुआ कि किसी कारणवश भगवान शिव नाराज हो गए और उन्होंने यह कहा कि कि अब मैं अगले 12 वर्षों तक डमरु नहीं बजाऊंगा। इसका मतलब यह हुआ कि डमरु नहीं बजने के कारण वरुण देव भी अगले 12 वर्षों तक जल नहीं बरसायेंगे अर्थात अगले बारह वर्षों तक धरती पानी की एक एक बूंद के लिए तरस जाएगी। इसका परिणाम यह होगा कि धरती सूखी रहेगी और सारे जीव -जंतु पानी के लिए तरस जाएंगे।
जब यह समाचार पृथ्वी लोक पर सभी लोगों को पता चला तो विशेष रूप से कृषि कार्य करने वाले अर्थात किसानों ने यह सोचा कि अब क्या करें। अगले 12 वर्षों तक बर्षा तो होने से रही, अब खेती बारी का काम करने से क्या फायदा।
यही सोच कर उन लोगों ने अपने खेतों में जाना छोड़ दिया। खेतों को इस प्रकार छोड़ देने की वजह से उनके बंजर होने का खतरा बढ़ गया। खाली खेतों में खरपतवार उगने लगे।
लेकिन ऐसी भी परिस्थिति में रामदीन नाम का एक किसान रोज अपने हल और बैल लेकर जाता और अपने खेतों की जुताई करता। जब उसके साथी किसान उसको ऐसा करते देखते तो उस पर हंसते। उससे कहते अरे रामदीन! जब तुम्हें पता है कि अगले 12 वर्षों तक कोई बारिश नहीं होने वाली; फिर तुम खेतों को क्यों जोतते रहते हो?
रामदीन प्रेम पूर्वक उनको जवाब देता – देख भाई हम ठहरे किसान। कृषि कार्य करना हमारा काम। यदि हम घर बैठे करते रहे आराम। तो कहीं भूल ना जाए अपने खेती बाड़ी का काम।
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उसके कहने का तात्पर्य यह था कि अगले 12 वर्षों तक यदि हम खेती का काम नहीं करें तो हो सकता है हम अपना कृषि कर्म ही भूल जाएंगे।
यह बात सुनकर किसान उस पर हंसते और उसका मजाक उड़ाते। लेकिन रामदीन इन बातों से अलग अपने खेतों में लगा रहता। खेतों की तैयारी करते रहता और अपने कृषि कार्य के प्रति समर्पित रहता।
कुछ महीनों बाद यह बात कैलाश पर्वत पर माता पार्वती को पता चलता है। माता पार्वती अनुकूल समय देखकर भगवान शिव के पास जाती हैं और कहती हैं – हे देव! पृथ्वी लोक पर एक किसान है जिसका नाम रामदीन है। उसका ऐसा मानना है कि यदि पृथ्वी पर 12 वर्षों तक बारिश ना हो और वह अपना कृषि कार्य नहीं करता रहे तो हो सकता है वह अपना कृषि कर्म ही ना भूल जाए।
मेरे मन में एक शंका उत्पन्न हो रही है। यदि एक किसान 12 वर्षों तक खेती ना करें तो हो सकता है वह अपना कृषि कर्म भूल जाए तो यदि आप 12 वर्षों तक डमरु ना बजाएं तो क्या ऐसा भी हो सकता है कि आप कहीं डमरु बजाना ना भूल जाए?
शंकर भगवान माता पार्वती के इस प्रश्न को सुनकर कुछ देर तक सोचते रहे। वहीं पास पड़े डमरु को हाथ में उठा कर यह देखने की कोशिश करने लगे कि वह अपनी डमरु बजा सकते हैं कि नहीं। ऐसा करने के क्रम में डमरु बजने लगा।
वरुण देव ने जैसे ही डमरु की आवाज सुनी, बारिश शुरू हो गई और वह किसान जिसका खेत बिल्कुल तैयार था बीज लेकर झूमता हुआ अपने खेतों की ओर जा रहा था। बाकी सारे उसके साथी किसान मन ही मन अफसोस कर रहे थे।
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इस कहानी Lockdown Working Mythological Story का आशय यह है कि चाहे परिस्थिति कितनी भी विपरीत हो, हमें अपने अपने कामों में लगे रहना चाहिए। अपने स्किल को बढ़ाते रहना चाहिए। अपने आप को अपडेट करते रहना चाहिए और अपना समय व्यर्थ में नहीं गवाना चाहिए।
आज पूरा विश्व कोरोनावायरस की चपेट में है। लोग अपने-अपने घरों में लॉक डाउन का पालन कर रहे हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हम इस लॉक डाउन में अपने हुनर, अपने स्किल, अपनी शिक्षा एवं अपने कार्य करते रहें ताकि जब यह लॉक डाउन समाप्त हो तो फिर से हम अपने अपने कामों को दुगुने उत्साह से शुरू करें और जीवन में अपने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हो सके।
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अपने अपने घरों में रहें, जितना हो सके संतुलित आहार लें, व्यायाम करें, अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए अपने भोजन में विटामिन सी, विटामिन डी और विटामिन ई को जरूर से जरूर शामिल करें। सुरक्षित रहें। धन्यवाद।
Azeem says
Good