कहा गया है कि आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है। अगर एक छात्र परीक्षा के दिनों में आलस्य करता है तो उसे कम अंक आते हैं। आलस्य की वजह से कई बार हमारा बहुत ही नुकसान हो जाता है। इस लेख में आलस्य पर काबू पाने के कुछ टिप्स बताये गए हैं। इसके लिए चींटियों का अध्ययन किया गया और परिमाणस्वरुप कुछ विलक्षण बातें सामने आयी हैं। वाकई चींटी एक अद्भुत जीव है। आइये पढ़ते हैं – आलस्य पर काबू कैसे पाएं चींटियों से पांच चीजें सीखें

आइए देखते हैं पांच विलक्षण बातें जो हम चीटियों से सीख सकते हैं।
1. दूर दृष्टि रखना (Forward Looking Vision)
एक चींटी का विज़न आगे देखने का होता है। अर्थात वह अपने वर्तमान में ही भविष्य के बारे में सोचती है। चींटी ठंड से बचने के लिए गर्मियों में ही तैयारी कर लेती है और खाना जमा कर लेती है। अतः हमें भी आलस त्यागकर भविष्य की भी तैयारी कर लेनी चाहिए।
2. चीटियाँ काम अपने सामर्थ्य (size) के हिसाब से करती है
आप कोई भी काम करने से पहले अपनी क्षमता और सामर्थ्य का आकलन ज़रूर कर लें। आप एक हाथी का भी भोजन कर सकते हैं यदि आपका निबाला छोटा – छोटा हो। आप एक पहाड़ को भी हटा सकते हैं यदि आप एक बार में एक छोटे पत्थर का टुकड़ा हटाते हैं। किसी भी काम को छोटे-छोटे भाग में बांटकर (ant size pieces) में करें। बूंद – बूंद से घड़ा भरता है।
3. एक टीम की तरह काम करें
चीटियाँ हमेशा एक टीम के रूप में काम करती हैं। यदि एक व्यक्ति एक काम का 10 प्रतिशत अकेले कर सकता है तो दो व्यक्ति एक साथ काम करके उसी काम का 40 प्रतिशत पूरा कर सकता है। यही तो टीमवर्क का कमाल होता है। (टीम वर्क द्वारा हर कोई चमत्कार कर सकता है।)
4. “नहीं” कहना भी सीखें
आपने देखा होगा कि जब चींटी अपने कार्य को पूरा करने में व्यस्त रहती है तो वह किसी भी भटकाव को नजरअंदाज करती रहती है। हम ज्यादातर ऐसे भटकाव की ओर खींचे चले जाते हैं। संतुष्टि जरुरी होता है। आधुनिक समाज में सैकड़ों भटकाने वाली चीजें हैं, हमें ऐसे distractions को नहीं भी कहना सीखना चाहिए।
5. कभी हिम्मत मत हारो
बचपन में खेलते – खेलते कई बार बच्चे चींटी के घर (beehive) को तोड़ देते हैं, आपने देखा होगा कि चींटी फ़ौरन ही
दूसरा beehive बनाने में जुट जाती हैं। वही विजेता बनता है
जो सतत प्रयास करते रहता है। आपकी पिछली असफलता आपको सफल होने से रोक नहीं सकती।
आज का दिन एक नया दिन है – आज से ही क्यों न शुरू किया जाए। चरेवेति चरेवेति…
चलते रहो चलते रहो…
आलस्य को दूर किया जा सकता है …. चींटियों की तरह ही। वे अद्भुत
शिक्षक हैं।
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Image Source: www.guardian.co.uk
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