नदियों और अन्य जल स्रोतों को कैसे साफ़ रखें ?
प्रस्तुत पोस्ट How to Keep Rivers Clean? में हम भारत वर्ष में नदियों को साफ़ कैसे रखा जा सकता है, इस पर विचार करेंगे. जैसा कि हम जानते हैं, भारत नदियों का देश है. उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक नदियों का एक विशाल नेटवर्क देखा जा सकता है. गंगा, यमुना, सतलुज, गंडक, सोन, ब्रह्मपुत्र, कोसी, पुनपुन, कृष्णा, कावेरी, गोदावरी आदि अनेकों नदियों के नाम गिनाये जा सकते हैं.

How to Keep Rivers Clean?
इन नदियों ने न जाने कितनी तरह के उतार और चढ़ाव को देखे हैं. लेकिन आज हमारे देश की जितनी भी बड़ी- छोटी नदियाँ और जल स्रोत हैं, वे इतने प्रदूषित हो चुके हैं कि आज वे चुनावी मुद्दे बनते जा रहे हैं. लोगों की कथनी और करनी में इतना फर्क है कि जो लोग इसके विरोध में आवाज उठाते हैं, समय आने पर वही नदियों में अपने कूड़े और मलबे फेंकते हैं.
आइये आज हम कुछ उपायों को जानते हैं जिन्हें अपनाकर इन नदियों के प्रदूषण को कम किया जा सकता है और हमारी इन सांकृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को स्वच्छ रखा जा सकता है.
1. कहा गया है कि जो व्यक्ति नदी जल या अन्य जल स्रोत में कूड़ा मलबा और अन्य हानिकारक पदार्थ फेंकते हैं, नदी में मल-मूत्र, थूक और अन्य गंदे पदार्थ का त्याग करते हैं; उन्हें ब्रह्म हत्या का पाप लगता है. इस प्रकार से ऐसे व्यक्ति का सारा दान- पुण्य, धर्म-कर्म नष्ट हो जाता है. इसलिए आध्यात्मिकता के दृष्टिकोण से भी नदियों में ये वर्जित कार्य नहीं करना चाहिए और इसके विकल्प के रूप में घर के आस-पास गड्ढे बनाकर उसमें फेंकना चाहिए या सामूहिक प्रयास से इस समस्या का हल ढूँढना चाहिए.
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2. इंग्लैंड की टेम्स नदी और भारत की गंगा नदी की सफाई का फर्क बहुत ज्यादा है. टेम्स नदी का पानी लगभग 99 प्रतिशत साफ़ है. गंगा नदी में उद्योग से निकलने वाला कचरा जो बड़े शहरों कानपुर, वाराणसी आदि जगहों पर नदी में छोड़ा जाता है, ने गंगा को अति प्रदूषित बना दिया है. सरकार को सख्त कानून बनाकर इसे रोकना चाहिए.
3. किसी भी तरह के पूजा- पाठ, पर्व-त्यौहार गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा, दीपावली के बाद नदी में प्रदूषण का स्तर दो दिनों में बहुत बढ़ जाता है. क्योंकि लोग पर्व- त्यौहार की समाप्ति के बाद नदियों में इसे प्रवाहित करते हैं, इसे शुभ भी माना जाता है. लेकिन अब इस परंपरा को बदलने की जरुरत है.
4. सबसे बड़ी बात यह है कि व्यक्ति जबतक यह नहीं सोचेगा कि देश की नदियों को साफ़ रखा उसकी जिम्मेदारी है, तबतक नदी या जल स्रोत साफ़ नहीं होंगे. इसलिए हर भारतीय को यह संकल्प लेना होगा कि हमारी नदियाँ हमारी पहचान हैं, हम इसे किसी भी कीमत पर प्रदूषित नहीं करेंगे.
5. कई बार यमुना नदी के किनारे बने पूल से कूड़ा नदियों की तरफ उछालते लोग दीख जाते हैं. ये लोग बड़ी- बड़ी गाड़ियों में आते हैं, काफी पढ़े-लिखे और समझदार मालुम होते हैं. लेकिन आश्चर्य कि बात है कि वे भी इसमें सहभागी बन जाते हैं.
6. माननीय न्यायालय ने गंगा नदी को एक जीवित व्यक्ति का दर्जा दिया है. इसका मतलब यह है कि यदि कोई व्यक्ति इसे गन्दा करता है तो वह एक व्यक्ति को चोट पहुंचता है या उसके जान को खतरे में डालता है. इसलिए ऐसे व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता के अनुसारदण्डित किया जा सकता है.
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आइये हम सब संकल्प लें कि हम अपनी नदियों को बचाएं और इसे भी अपने राष्ट्रीय धरोहर की तरह संभाल कर रखे.
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