Save Environment Save Earth Hindi Article पर्यावरण रक्षा धरती की सुरक्षा हिंदी लेख
कहा गया है जनता जनार्दन होती है. जनता की आवाज यानी ईश्वर की आवाज. जनता की सोच यानी भगवान् की सोच. इसी आलोक में यह भी सत्य है कि आज आम जनता पर्यावरण और उसकी रक्षा को लेकर बहुत जागरूक हो चुकी है. प्रस्तुत पोस्ट Save Environment Save Earth Hindi Article में हम आम जनता का पर्यावरण के प्रति क्या-क्या जिम्मेवारियाँ हैं, उनके क्या कर्तव्य हैं, इसके बारे में चर्चा करेंगे.
जनसंख्या नियंत्रण
अभी यानी 2017 में विश्व की जनसंख्या लगभग 750 करोड़ है और 2050 में 970 करोड़ तक हो जाएगा. भारत की आबादी 2050 तक लगभग 170 करोड़ तक हो जायेगी जो विश्व के सभी देशों, यहाँ तक की चीन से भी आगे हो जायेगी. इसलिए आम नागरिकों को अधिक जनसंख्या से होने वाले परेशानियों के बारे में शिक्षित करने की जरुरत है. जनसंख्या पर नियंत्रण करके ही पर्यावरण को बचाया जा सकता है नहीं तो बढ़ती जनसंख्या से लोगों की हर जरूरतें बढेंगी, प्रदूषण बढ़ेगा और धरती के संसाधनों पर निरंतर दबाव बढ़ता ही चला जाएगा.
वृक्षारोपण को बढ़ावा
यह हर नागरिक का कर्त्तव्य होना चाहिए कि वे अधिक से अधिक पेड़ लगायें. पेड़ का सही अनुपात ही पर्यावरण को संतुलित और संरक्षित रख सकता है. पेड़ लगाने के बहुत लाभ हैं.
वृक्षों को मत काटें
आज जरुरत इस बात की है कि पेड़ों को न काटा जाय. पेड़ों को काटना एक पाप कर्म माना जाय. जबतक सामान्य जन तक इस बात को नहीं पहुंचाया जाएगा पेड़ों की अंधाधुंध कटाई नहीं रुक सकेगी. अपने निजी स्वार्थ और लाभ के लिए पेड़ों की कटाई को अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.
सौर उर्जा को प्रोत्साहन
पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए आम जन को यह बताया जाना चाहिए कि यदि सोलर कुकर, सोलर हीटर, solar light या solar energy का प्रयोग किया जाय तो इससे कोयला, तेल, बिजली की बचत होगी. इससे पेड़ों पर दबाव कम होगा और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा.
जल संरक्षण
हमें पानी के एक एक बूंद को बचाने के लिए सचेष्ट रहना चाहिए. जल ही जीवन है. यदि नल से पानी टपक रहा हो तो उसे तुरंत ठीक कराना चाहिए. दुनिया के बहुत से भूभाग में लोगों को पीने का साफ़ पानी नहीं मिलता है. जल स्रोतों का अधिक दोहन कहीं न कहीं पर्यावरण के लिए खतरा उत्पन्न करता है. कपड़ा धोने में, नहाने में, बागवानी में जल का बुद्धिमानी से प्रयोग कर जल संरक्षण किया जा सकता है.
इन सबके अलावे भी कुछ छोटी –छोटी दैनिक जीवन में उपयोगी बातें हैं जो प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से मानव जीवन और पर्यावरण से जुड़े हुए हैं. आइये जानते हैं उनके बारे में:इन सबके अलावे भी कुछ छोटी –छोटी दैनिक जीवन में उपयोगी बातें हैं जो प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से मानव जीवन और पर्यावरण से जुड़े हुए हैं. आइये जानते हैं उनके बारे में:
1. शौचालय और मूत्रालयों में रंगीन टॉयलेट पेपर का प्रयोग नहीं करें. ये रंग पानी को दूषित कर देते हैं.
2. सिगरेट, बीडी और हुक्के का प्रयोग कम करें. धुम्रपान न सिर्फ पर्यावरण को दूषित करता है बल्कि लोगों को भी बीमार करता है.
3. कम फोस्फेट वाले डिटर्जेंट का प्रयोग करें. इससे जल और मृदा संरक्षण में मदद मिलती है. आजकल कुछ डिटर्जेंट निर्माता डिटर्जेंट के पैकेट्स पर फॉस्फेट की मात्रा भी लिखने लगे हैं. डिटर्जेंट की उतनी मात्रा का प्रयोग उतना नहीं करना चाहिए जितना उसपर लिखा गया हो, बल्कि उससे भी कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिए.
4. पेस्टीसाइड, अन्य कीटाणुनाशक, घरेलू विष, ग्रीज, दवाइयां और अन्य रासायनिक पदार्थ सिंक या टॉयलेट में नहीं डालना चाहिए. इससे सीवेज प्लांट को इनकी सफाई में अधिक जोर पड़ता है. ऐसी चीजों को कूड़े में ही दे देना चाहिए. पेस्टीसाइड, अन्य कीटाणुनाशक, घरेलू विष, ग्रीज, दवाइयां और अन्य रासायनिक पदार्थ सिंक या टॉयलेट में नहीं डालना चाहिए. इससे सीवेज प्लांट को इनकी सफाई में अधिक जोर पड़ता है. ऐसी चीजों को कूड़े में ही दे देना चाहिए.
5. शौचालय में या खुली नालियों में भी कागज़ या अन्य पुराने कपड़े नहीं डालना चाहिय्रे. ये नालियों को ब्लाक कर देते हैं, इन चीजों को कूड़ा में ही डालना चाहिए.
Read more post than Save Environment Save Earth Hindi Article : Great Quotes हिंदी में
6. गाँव देहात में आज भी बहुत लोग कुआं का पानी पीते हैं. हो सके तो उस पानी का परीक्षण साल में एक दो बार करवाना चाहिए. कुआं की सफाई भी करते रहना चाहिए.
7. घरेलू चीजों को स्प्रे द्वारा पेंट नहीं करना चाहिए. उसपर ब्रश से ही पेंट करना चाहिए. कई बार स्प्रे मशीन से पेंट करने पर श्वास सम्बन्धी रोग हो जाते हैं और लोकल पर्यावरण भी दूषित हो जाता है.
8. शैम्पू, तेल, लोशन आदि द्रव रूप वाली चीजों को कांच की बोतल वाली पैक में खरीदना चाहिए ताकि इसका पुनः प्रयोग किया जा सके.
9. प्रायः यह देखा जाता है कि लोग पेड़- पौधों की पत्तियों, कागज के टुकड़े को जला देते हैं. यह पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ाते हैं, इन चीजों को कम्पोस्ट में परिवर्तित कर बहुत उपयोगी खाद बनाया जा सकता है.
10. घरों में छोटे- छोटे पौधे लगाना चाहिए. जैसे तुलसी, मनी प्लांट, शमी, क्रोटन, बेला आदि. यह सिर्फ सुन्दरता ही नहीं बढ़ाते हैं बल्कि आस पास की हवा को साफ़ रखते हैं. ऑक्सीजन लेवल नियंत्रित रखते हैं.
11. घरों में या आस पास छोटा सा चिड़ियाघर बनाना चाहिए. ये चिड़िया कीड़ों- मकोड़ों की संख्या को बढ़ने नहीं देते हैं.
12. जिन स्थानों जैसे कश्मीर, या हिमाचल के कुछ क्षेत्र में जहाँ बर्फ पड़ती है, बर्फ को पिघलाने के लिए नमक का पर्योग नहीं करना चाहिये. नमक के अधिक प्रयोग से जल प्रदूषित हो जाता है.
13. छोटी- छोटी दूरी तक जाने के लिए कार या मोटर साइकिल का प्रयोग न करके साइकिल से या पैदल जाना चाहिए. कार या स्कूटर वायु को प्रदूषित करते हैं. साथ ही इनका प्रयोगं नहीं करने से इंधन की भी बचत होगी. साईकिल या पैदल चलने से स्वास्थ्य भी अच्छा होगा.
Read more post than Save Environment Save Earth Hindi Article : उबंटू- हिंदी कहानी
14. हो सके तो इंधन के रूप में unleded petrol या diesel का प्रयोग करना चाहिए. सीसा युक्त इंधन इंधन वायु में हानिकारक पदार्थों को उत्सर्जित करते हैं.
15. एक ही क्षेत्र में रहनेवाले या एक ही दफ्तर में काम करनेवाले लोगों को कार पूल यानी कार या स्कूटर का संयुक्त रूप से प्रयोग करना चाहिए. ऐसा करने से धन की बचत तो होती ही है, साथ ही वायु प्रदूषण भी कम होता है.
16. यदि आपकी गाडी लाल बत्ती पर रुकती है तो इंजन बंद कर देना चाहिए. ऐसा कर आप उस क्षेत्र की वायु प्रदुषण को कम करते हैं. भीड़ वाले इलाके से बचना चाहिए. यातायात के नियमों को अनदेखी नहीं करनी चाहिए.
17. आज प्लास्टिक की थैलियों का शहर से लेकर गाँव तक होने लगा है. इन प्लास्टिक की थैलियों को यत्र तत्र नहीं फेंकना चाहिए. ये भूमि प्रदूषण की एक प्रमुख वजह हैं. हो सके तो इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए. आप अपने घर से कपडे की थैली लेकर ही शौपिंग के लिए जाएँ. इसके लिए लोगों को जागरूक बनंना होगा.
18. कागज़ का प्रयोग बुद्धिमानी से करना चाहिए. कागज़ बनाने के लिए पेड़ों की कटाई की जाती है. हो सके तो कागज़ के दोनों और लिखना चाहिए. आज लोग अनावश्यक रूप से कंप्यूटर से प्रिंट निकालते रहते हैं. इससे बचना चाहिए. जब बहुत जरुरत हो तभी प्रिंट आउट निकालें. पेड़ बचाना पर्यावरण को बचाना है.
19. फ्रिज के अन्दर प्लास्टिक की थैलियों या वैक्स पेपर का कम से कम प्रयोग करना चाहिए.
20. सरकार स्वच्छ भारत अभियान चला रही है. कहा गया है कि स्वच्छता में भगवान का वास होता है. इसलिए आस पास की सफाई पर ध्यान दें. कूड़ा को सड़कों पर नहीं फेंके बल्कि कूड़ेदान में ही डालें.
Read more post than Save Environment Save Earth Hindi Article : हवा का कर्ज हिंदी स्टोरी
21. भारत में शौचालय की समस्या एक बहुत गंभीर समस्या है. आज भी देश की ग्रामीणआबादी खुले में शौच को मजबूर है. यह न सिर्फ एक सामाजिक समस्या है बल्कि इससे रोगों कासंक्रमण भी होता है और पर्यावरण भी प्रदूषित होता है.
22. लोगों को चाहिए को अपने पालतू पशु को खुला न छोड़े. वे जानवर सड़कों पर पड़े गंदी चीजों को खाकर बीमार हो जाते हैं. सड़कों पर गोबर कर गंदगी फैलाते हैं जो कई रोगों का कारण होता है. साथ ही तर्फ्फिक को भी अवरुद्ध करते हैं.
23. महानगरों या छोटे शहरों में लोग कुत्ते को घुमाने के बहाने सार्वजनिक जगहों पर उसका पॉटी कराकर निकल लेते हैं. यदि अमरीका में लोग अपने पेट्स को लेकर बाहर जाते हैं और वह पॉटी करता है तो उसको साफ़ करने की जिम्मेदारी भी उसी की होती है, इसलिए वे साथ में ग्लब्स और टिश्यू पेपर लेकर चलते हैं.
24. हानिकारक कीटनाशक जैसे DDT का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कुछ देशों में तो इसका प्रयोग बंद कर दिया गया है. इसकी जगह दूसरी चीजों का प्रयोग करना चाहिए.
25. घरेलू कीड़ों या मकोड़ों जैसे छिपकिली आदि को नहीं मारना चाहिए क्योंकि ये कीटों का भक्षण कर संतुलन बनाये रखते हैं.
26. आज लोग इतने शौकीन हो गए हैं कि चमड़े और फर से बनी वस्तुओं को खरीदना और रखना हैसियत की बात समझते हैं. ऐसी वस्तुओं को मत खरीदें क्योंकि इन वस्तुओं को बनाने के लिए जंगली जानवरों का शिकार किया जाता है. कुछ प्रजातियाँ तो विलुप्त होने के कगार पर हैं.
Read more post than Save Environment Save Earth Hindi Article : पेड़ का श्राद्ध
27. कहा जाता है कि जितनी बिजली बनाया मानो उतनी बनाया. इसलिए बिजली बचाने के किसी भी मौके को मत चुकें. जिस कमरे में काम न हो उसकी बत्ती को बंद कर दें. आपके द्वारा संरक्षित बिजली किसी और के काम आ जायेगी. दफ्तरों में लंच के समय या जाते समय बिजली के स्विच को बंद जरुर करें. घरों में पारंपरिक बल्बों की जगह LED बल्ब लगायें. ये बल्ब कम बिजली में उतनी ही रोशनी देते हैं.
28. अपने ध्वनि यंत्रों जैसे टी. वी., स्टोरियो, मोबाइल में गाने और रेडियो को कम आवाज में बजाना चाहिए, ये ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं.
29. कार के हॉर्न, कार में संगीत आदि इस तरह से बजाएं कि किसी अन्य को इससे परेशानी न हो.
30. शादी विवाह के अवसर पर तेज संगीत, डी जे अथवा बाजा गाजा इस तरह से बजाया जाना चाहिए ताकि आस पड़ोस के पशु पक्षी या लोगों को परेशानी न हो.
31. लोग आजकल ज्यादा सुविधाभोगी हो गए हैं. यांत्रिक जीवन अच्छा नहीं होता. छोटी छोटी बातों के लिए कामों के लिए मशीन पर पूर्ण निर्भर होते हैं. ये मशीन बिजली पर चलते हैं और शोर उत्पन्न करते हैं. हो सके तो इन पर निर्भरता कम किया जाना चाहिए. जो काम इनके बिना हो सकता हो उसे हाथों से ही करना चाहिए.
Read more post than Save Environment Save Earth Hindi Article :
32. किसी भी घरलू सामान को फेंकने से पहले यह देख लें कि क्या इसका पुनः प्रयोग यानी reuse हो सकता है?
33. भारत में एक आम रिवाज है. यज्ञ, पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों के बाद सारा सामान जलाशयों, नदियों या सागर में डाला जाता है. इस परंपरा को पूर्ण रूप से छोड़ना होगा. जल पारिस्थितिकी को बचाने के लिए इसके लिए कठोर कानून की जरुरत है. इसके लिए अन्य विकल्प खोजना चाहिए. मूर्ति विसर्जन के उपरान्त इन नदियों में प्रदूषण काफी बढ़ जाता है. यह एक विचारणीय प्रश्न है.
34. नदियों में अस्थि विसर्जन नहीं किया जाना चाहिए. कूड़ा करकट नहीं फेंकना चाहिए. मवेशियों को नहीं धोना चाहिए. ये सारे कार्य जल को दूषित करते हैं.
35. संपन्न लोग एयर कंडीशनर का बहुत उपयोग करते हैं. इससे निकलने वाला गैस पर्यावरण के लिए बहुत खतरनाक होता है.
इस प्रकार हमारे छोटे या बड़े कार्य किसी न किसी तरह से पर्यावरण से जुड़ा हुआ है. इस धरती को बचाने के लिये हमें कुछ त्याग भी करना पड़ेगा, कुछ चीजों के लिए हमें समझौता भी करना पड़ सकती है. यदि इन चीजों को ध्यान में रखा जाय और इनका पालन किया जाय तो हमारी धरती शस्य श्यामला बनी रहेगी.
Join the Discussion!