ईश्वर एक हैं God Is One Hindi Story
नरहरि ने सेठ से पुछा –“मैं तो केवल भगवान शिव के ही मंदिर में जाता हूँ. मैं विठोबा के मंदिर में उनकी मूर्ति का नाप लेने के लिए नहीं जाऊंगा.आप किसी अन्य सुनार से कमरबंद बनवा लें.”सेठ जी बोले – “आपके समान अच्छे आभूषण बनाने वाला कोई और सुनार नहीं है, इसलिए मैं किसी अन्य सुनार से कमरबंद नहीं बनवाऊंगा. मैं आपको विठोबा जी की मूर्ति की कमर का नाप लाकर दे दूंगा.आप उसी नाप का कमरबंद बना देना.”सेठ जी की बात पर नरहरि जी सहमत हो गए.सेठ जी ने विठोबा जी की मूर्ति की कमर का नाप लाकर नरहरि को दे दिया. उन्होंने सेठ जी द्वारा लाए नाप के अनुसार कमरबंद तैयार कर दिया.
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सेठ जी कमरबंद लेकर विठोबा जी के मंदिर में गए. सेठ जी ने जब विठोबा जी को कमरबंद पहनकर देखा तो वह बड़ा निकला.नरहरि ने उसे पुन: बनाया: अब वह छोटा निकला. एस प्रकार सेठ जी कई बार नाप लेकर आए. नरहरि ने बार-बार उनके लाए नाप के अनुसार ही कमरबंद बनाया, परन्तु पहनाते पर वह कभी छोटा हो जाता तो कभी बड़ा.
अंत में पुजारी तथा अन्य लोगों की सलाह मानकर नरहरि आँखों पर पट्टी बाँधकर भगवान विठोबा के मंदिर में उनकी मूर्ति की कमर का नाप लेने स्वयं गए. नरहरि ने जब नाप लेने के लिए मूर्ति को स्पर्श किया तो उन्हें वह मूर्ति भगवान शिव की मालूम हुई. उन्होंने समझा कि उनके साथ मजाक किया गया है. यह सोचकर उन्होंने अपनी आँखों पर बंधी पट्टी हटा दी.
पट्टी हटकर उन्होंने मूर्ति को देखा. मूर्ति देखकर वे चकित रह गए. मूर्ति विठोबा देवता की थी. उन्होंने झट से दोबारा आँखों पर पट्टी बांध ली और नाप लेने लगे. नाप लेते समय उन्हें फिर वह मूर्ति भगवान शिव की प्रतीत हुई. उनके हाथ में त्रिशूल भी था. उन्होंने मूर्ति के गले का स्पर्श करके देखा तो उन्हें सर्प का अनुभव हुआ. उन्होंने अपनी आँखों की पट्टी फिर से हटा दी और देखा तो सामने भगवान विठोबा की मूर्ति थी.
नरहरि को ऐसा लगा मानों विठोबा देवता की मूर्ति उन्हें प्रसन्न होकर देख रही है उन्होंने फिर: पट्टी बाँधने के लिए ज्योंही हाथ बढ़ाया, वह मूर्ति शिवजी की प्रतिमा बन गई. फिर वह मूर्ति विठोबा की दिखाई पड़ने लगी. उन्हें एस बात की प्रतीत हुई की दोनों देवता एक ही हैं. उन्होंने मन-ही मन सोचा –‘दोनों देवता एक ही हैं. मैं व्यर्थ ही भेद मानता रहा.’
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नरहरि प्रसन्नता से चिल्ला उठे –“ हे देवाधिदेव ! हे सकल विश्व के जीवनदाता ! मैं आपकी शरण में आया हूँ. आज आपने मेरे अज्ञान मेरे अज्ञान का अंधकार दूर कर दिया है. अब मैं आपकी भी पूजा- अर्चना किया करूंगा. आज मुझे पता चल गया है कि आप एक ही हैं. इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईश्वर के सभी रूपों को समान भव से देखना चाहिए. यह आज के युग में अति महत्वपूर्ण है कि हम अन्य धर्मों के भी इष्टों का सम्मान करें. ठीक ही कहा गया है :
Arjun Dev says
Very Nice Spiritual Story. I like it too much.
sanjay kumar duggal says
aap eshu (essa mashee) ka vigyapan apney articles mai bar bar kyu dikhate hai mai yeh vigyapan bilkul bhee nehi dekhna chahta. main kai baar comment per bhee click kiya kee yeh vigayapan anuchit hai phir bhee yeh vigaypan aata hai apse nivaden hai ke jab bhee mai apka articles read keru to yeh vigayapan aap articles kabhee bhee nehi dikhaye. Jai Shri Ram.
Pankaj Kumar says
ये विज्ञापन हम नहीं दिखाते हैं यह गूगल दिखाता है. इसपर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता. ऐसे मैं आपको बता दूँ कि हमारे इष्ट भी प्रभु श्री राम ही हैं लेकिन मैं अन्य धर्मों के देवी-देवताओं का भी उतना ही सम्मान करता हूँ. आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है. इसी तरह हमारे ब्लॉग पर आते रहें. धन्यवाद.
shiva says
ईश्वर एक हैं this nice story yes god is one if this story will read than we can get a peace full mind and harts