मेरी माँ मेरी एक्सपर्ट
माँ तो माँ होती है. जननी और जन्मभूमि तो स्वर्ग से भी महान होती हैं. मैं अपनी माँ के बारे में बहुत ऐसे किस्से लिख सकता हूँ जिसमे उन्होंने एक एक्सपर्ट की भूमिका निभायी है. इस पोस्ट में मैं एक बहुत ही मजेदार किस्सा सुनाने जा रहा हूँ.
उन दिनों मैं कोई २३-२४ साल का था. शाम को जब मैं वॉलीबॉल खेलकर आता और जैसे ही अपने बनियान खोलता मेरे पूरे शरीर में चकत्ते (एक तरह का rash ) हो जाते. लाल लाल चकत्ते. मैं परेशान. ये क्या हो रहा है. माँ को दिखाया. माँ ने कहा -कुछ नहीं है. सिंदूर और नारियल तेल लगाकर धूप में बैठ जाओ, पसीने निकलने पर यह ठीक हो जायेगा.
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मैंने माँ की बात अनसुनी कर दी और कहा यह सब पुरानी बातें हैं, मैं तो डॉक्टर से दिखाने जा रहा हूँ. कल होकर मैं डॉक्टर के पास गया और डॉक्टर ने कुछ ब्लड टेस्ट लिखे. ब्लड टेस्ट कराया. फिर डॉक्टर ने एलर्जी बताया और दवा दी. बोला 10 दिन दवा खाओ. ठीक हो जायेगा. 10 दिन दवा खायी, ठीक नहीं हुआ. फिर एक पड़ोसी ने कहा – यह बीमारी तो आयुर्वेदिक दवा से ठीक होगी. आयुर्वेदिक डॉक्टर ने भी एक महीने दवा चलायी. फिर भी ठीक नहीं हुआ.
इसी बीच मेरी शादी तय हो गयी. माँ चिढाती – शादी के टाइम जब तुम्हे यह चकते निकलेगे तो तुम्हारी सास बोलेगी – नहीं करनी मुझे इस लड़के से अपनी बेटी की शादी. साली बोलेगी – जीजाजी, ये लाल लाल दाने कैसे ?
तब एक पडोसी ने होम्योपैथिक दवा लेने की सलाह दी. एक महीने तक होम्योपैथिक दवा भी खाई. शाम और सुबह यह चकते निकल ही आते. मैं तो बहुत परेशान. एक दिन फिर माँ ने याद दिलाया. बेटा! तू मेरी बात मान ले. हारकर मैंने पास के एक दुकान से 2 रूपये का सिंदूर ले आया. उसे नारियल तेल में मिलाकर उसका लेप बना लिया, उसे पूरे शरीर पर लगा लिया.
उन दिनों अगर आज की तरह मोबाइल और उसमे कैमरे होते तो मैं उसका फोटो जरुर लेता. माँ ने एक कम्बल दिया और बोली अब जाओ छत पर. १२ बजे दिन के धूप में छत पर कम्बल ओढ़कर कोई एक घंटे बैठा. बहुत तेज पसीना निकला. इतना पसीना निकला कि क्या बता सकता हूँ. गर्मी भी जबरदस्त लग रही थी.
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कोई एक घंटे बाद माँ ने कहा. चलो अब नहा लो. मैं नहाकर तैयार हो गया. पता नहीं क्यों मेरी एक्सपर्ट माँ ने भरोसे से कहा – अब ये चकते नहीं निकलेगे. और सचमुच ऐसा ही हुआ.जिस रोग के इलाज के लिए मैंने कितने पैसे खर्च किये. कहाँ -कहाँ नहीं गया, लेकिन अपनी माँ की बात नहीं मानी. खैर, देर से ही सही माँ की राय मान कर मैं अपनी इस बीमारी से मुक्ति पा लिया. अपनी माँ से जुड़े इस तरह से कई किस्से हैं जहाँ माँ की राय एक एक्सपर्ट की राय की तरह होती है. अब मैं कभी भी माँ की बात को नहीं टालता.
Aabi says
Very Beautiful Post..