How to spend money wisely
मित्रों!
कैसे हैं आप सब. आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है आप सब अच्छे होंगे. आज मैं Money यानि पैसे के बारे में थोड़ा बात करना चाहता हूँ. यह विषय में सबको इंटरेस्ट रहता है क्योंकि इससे हम सब जुड़े होते हैं.
हर कोई ज्यादा पैसा कमाना चाहता है या बचाना चाहता है. यह सर्व विदित है कि पैसों की हम सबको जरुरत भी होती है. मेरे एक गुरु जी कहते थे – Money, Money, Money, Brighter than sunshine, sweeter than honey यानि यह पैसा सूर्य से भी ज्यादा चमकीला और शहद से ज्यादा मीठा होता है. कमाई की नहीं यहाँ हम इसे कैसे खर्च करें, इस पर चर्चा करेंगे. इसको किस प्रकार बुद्धिमानीपूर्वक खर्च करना चाहिए, यह थोडा कठिन कार्य होता है.
कई बार हम अपनी की गयी खरीददारी के लिए बाद में अफ़सोस करते हैं और मुझे लगता है कि आपलोगों में से अधिकांश कभी न कभी इस दौर से जरुर गुजरे होंगे जब आपको लगा होगा कि मुझे यह सामान नहीं खरीदना चाहिए था. हम अपना पैसा बचा सकते थे. मार्केटिंग के जानकार बताते हैं कि हम भावनात्मक रूप से खरीदने का निर्णय लेते हैं और फिर तार्किक होकर उस निर्णय को सही ठहराने की कोशिश करते हैं. तो फिर हम कैसे तय करें कि अमुक सामान खरीदने लायक है या नहीं.
मैंने इस बारे में इन्टरनेट पर काफी सर्च किया है. इससे सम्बंधित कई आर्टिकल्स पढ़े हैं. उन चीजों को सामान्य ढंग से आपके सामने इस पोस्ट के माध्यम से रखना चाहता हूँ.
आप अति उत्साह में एक अच्छी खरीद का निर्णय नहीं कर सकते हैं या फिर डरकर आप एक अच्छे बिक्री का निर्णय नहीं कर सकते.
अपनी खरीददारी को एक सप्ताह के लिए टालें
कई बार हम एक दुकान पर जाते हैं और एक ड्रेस देखते हैं, या एक घड़ी, किताब कुछ और भी देखते हैं और excited हो जाते हैं और उसी उत्साह की अवस्था में वह सामान खरीद लेते हैं. अब कुछ दिनों बाद हमें उस खरीददारी के लिए पछतावा होता है. अब हम ऐसा सोचते हैं कि हमें वह सामान नहीं खरीदना चाहिए था लेकिन फैसला तो पहले से कर लिया गया था. अब पछतावा करने से क्या फायदा.
अगली बार यदि आप एक छोटे आइटम कोई 5 से छह हजार का सामान हो, खरीदने जा रहे हों तो इस बार आप एक सप्ताह के लिए रुक जाएँ. जी हाँ ! आप उस सामान की खरीददारी को एक सप्ताह के लिए टाल दें. यदि यह कोई बड़ा सामान है जिसका मूल्य कुछ हजार (10-20 हजार) है तो आप एक माह तक इंतजार कर लें.
आपको ऐसा करके एहसास होगा कि उस उत्पाद को खरीदने के लिए आपका उत्साह कम हो गया है और आपको अहसास होगा कि उस उत्पाद की आपको अब ज़रूरत ही नहीं है और आप उसे खरीदने का इरादा ही छोड़ देंगे.
यह रणनीति मेरे लिए और आप में से कई के लिए एक नई अवधारणा है, लेकिन मुझे लगता है कि इस रणनीति का उपयोग करके हम सभी बेहतर- खरीद सम्बन्धी निर्णय ले सकते हैं और हमें अपने द्वारा ही ख़रीदे गए सामान के लिए बाद में अफ़सोस या पछतावा नहीं होगा.
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दोस्तो! आप इस पोस्ट को पढने के बाद क्या सोचते हैं? इस नयी आदत को विकसित करने की चुनौती है. है न? चलिए कोशिश करके देखते हैं! प्लीज अपने विचार कमेंट के माध्यम से शेयर करें. धन्यवाद!
Nice tips m inka upyog karu ga
सावधानी से पैसे खर्च करने के ऊपर बहुत ही कारगर टिप्स , शुक्रिया
सही बातें है मै जरूर उपयोग करूगां
ओर अपने दोस्तो को भी बताऊगां धन्यवाद