प्रस्तुत पोस्ट Impact of Disobeying Hindi Story में हम अच्छी सीख को टालने का परिणाम क्या होता है, यह पढ़ने जा रहे हैं। उम्मीद है कि इसको पढ़ने के बाद आप लोग भी किसी भी नेक सलाह को नजरंदाज नहीं करेंगे।
बात न मानने का फल हिन्दी लघु कहानी

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एक छोटे से शहर में बैलगाड़ी आदि की मरम्मत करनेवाला कुणाल नाम का व्यक्ति रहता था। काम-धाम उसका ठीक नहीं चल रहा था, दो समय की रोटी का जुगाड़ करना भारी हो गया था। अतः उसने किसी अन्य शहर में जाकर भाग्य आजमाने की सोची। वह अपने परिवार के साथ दूसरे शहर की ओर चल दिया।
अपनी यात्रा के बीच कुणाल व उसका परिवार जब जंगल से होकर गुजर रहे थे, तो उन्होंने एक ऊंटनी को प्रसव वेदना से छटपटाते देखा। उसे पीड़ा में देख कुणाल की पत्नी ने वहीं कुछ देर रूकने को कहा, ताकि इस संकट की घड़ी में ऊंटनी की सहायता हो सके। वे वहीं रूक गए और कुणाल की पत्नी ऊंटनी की देख-भाल में जुट गई। शीघ्र ही ऊंटनी ने बच्चे को जन्म दिया।
कुणाल के परिवार ने दोनों की भली-भांति देख-रेख की और बच्चे सहित ऊंटनी को लेकर घर लौट आए। धीरे-धीरे वह बच्चा जवान होकर पूरा ऊँट बन गया। प्रेमवश कुणाल ने उस युवा ऊंट के गले में एक घंटी बांध दी थी। अब जब भी वह ऊंट चलता तो गले में बंधी घंटी टनटना उठती।
ऊंटनी का दूध बेचकर कुणाल ने काफी धन भी एकत्र कर लिया था। शीघ्र ही उसने एक और ऊंटनी खरीद ली।
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भाग्य जल्दी ही कुणाल पर मेहरबान हुआ और वह बहुत से ऊंटों का मालिक बन गया। उसके सभी ऊँट एक साथ पास के जंगल में चरने के लिए जाते थे।
लेकिन गले में घंटी बंधे ऊंट की आदत थी कि वह अन्य ऊंटों से प्रायः अलग हो जाता था। उसे लेकर अन्य सभी ऊंट चिंतित रहते थे। वे उसे यहां-वहां जाने पर टोकते भी थे, लेकिन वह किसी की बात पर कान नहीं देता था।
एक दिन सभी ऊँट जंगल में चर रहे थे। तभी एक शेर घंटियों की आवाज सुनकर चौंक पड़ा। उसने आवाज का पीछा किया तो पाया कि बहुत सारे ऊंट घास-पत्तियां खा रहे थे।
उसने देखा कि गले में घंटी बांधे एक ऊँट उन सबसे अलग घास चरने में मस्त था। दूसरे अन्य ऊँट पेट भरने के बाद घर लौट चले थे, लेकिन वह ऊँट यूं ही यहाँ-वहाँ घूम रहा था।
शेर यह देख झाड़ियों के पीछे छिप गया। जैसे ही चरने के लिए वह ऊँट वहां आया, शेर ने झपट्टा मारकर उसका काम तमाम कर दिया।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी के दिए अच्छी सीख पर अमल न करने का परिणाम बुरा ही होता है।
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